चीन पर का दबाव ज़रा भी कम ना करें – अमरीका की पूर्व विदेशमंत्री कॉन्डोलिसा राईस

वॉशिंग्टन, (वृत्तसंस्‍था) – कोरोनावायरस के बारे में चेतावनी देनेवाले अपने वैद्यकीय क्षेत्र के लोगों की आवाजें चीन ने जिस प्रकार घोंट दीं, वैसे वाक़ये तानाशाही होनेवाले देश में अक़्सर घटित होते हैं। इससे पहले भी सार्स के संदर्भ में भी चीन ने ऐसी ही जानकारी छिपायी थी। तब की और अब की स्थिति में बदलाव नहीं आया है। इस कारण, अमरीका तथा आंतर्राष्ट्रीय समुदाय को चाहिए कि वे चीन पर का दबाव ज़रा भी कम मत ना करते हुए, इस देश को अपनी ज़िम्मेदारी का एहसास करा दें, ऐसा अमरीका की पूर्व विदेशमंत्री कॉन्डोलिसा राईस ने कहा है।

चीन यह सर्वसाधारण देश नहीं है। इस कारण चीन में होनेवालीं उथलपुथलों का सारी दुनिया पर असर होता है। चिनी कामगार दुनियाभर में कार्यरत हैं, चिनी यात्री दुनियाभर में प्रवास करते हैं। इटली में कई चिनी कामगार कार्यरत हैं। क्या उनके ज़रिये कोरोनावायरस का प्रसार इटली में हुआ है, यह स्पष्ट नहीं हुआ है। लेकिन चीन इस मामले में ग़ैरज़िम्मेदार बर्ताव नहीं कर सकता, यह इससे स्पष्ट हुआ है। इसी कारण आंतर्राष्ट्रीय समुदाय को, चीन को अपनी ज़िम्मेदारी का एहसास करा देना ज़रूरी है। इसीलिए चीन पर का दबाव क़ायम रखने की आवश्यकता है, ऐसा कहकर कॉन्डोलिसा राईस ने इसके लिए आंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आवाहन किया।

कोरोनावायरस की प्राथमिक जानकारी बाहर आने के बाद, चीन ने इस बारे में चेतावनी देनेवाले अपने फिजिशियन्स और वैद्यकीय क्षेत्र के प्रशिक्षणार्थियों की आवाज़ें बंद कर दीं। चीन जैसी तानाशाही व्यवस्था होनेवाले देश में ऐसा ही होता है। इससे पहले भी जब सार्स का संक्रमण हुआ था, तब चीन ने इसी प्रकार जानकारी छिपाने की भूमिका अपनायी थी और इस कारण अमरीका के उस समय का प्रशासन उस संक्रमण के बारे में कुछ भी जान नहीं सका था। कोरोनावायरस इस महामारी के संदर्भ में भी वैसा ही घटित हुआ है। ऐसा बताकर अमरीका की पूर्व विदेशमंत्री कॉन्डोलिसा राईस ने चीन का इतिहास भी याद दिला दिया।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन को खरी खरी सुनाने की शुरुआत की होकर, कोरोनावायरस का फैलाव होने के पीछे क्या चीन की साज़िश है, इसकी तहकिक़ात अमरीका कर रही है, ऐसा उन्होंने घोषित किया है। पूर्व विदेशमंत्री कॉन्डोलिसा राईस ने हालाँकि राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के इन आरोपों का ठेंठ समर्थन नहीं किया है, फिर भी चीन कोरोनावायरस की महामारी के बारे में सच बताने को तैयार नहीं है, यह बात अपनी कुशल भाषा में प्रस्तुत की है। इससे दिखायी दे रहा है कि अमरीका के वरिष्ठ राजनयिक भी अब चीन को अलग अलग मार्गों से स्पष्ट संदेश देने लगे हैं।

कोरोनावायरस की महामारी का हर एक देश अपनी अपनी पद्धति से सामना कर रहे होकर, इस कारण देशों की सीमाएँ एक-दूसरे के लिए बंद हो चुकीं हैं। युरोपीय देश अपनी सीमाओं को पूरी तरह खुलीं करने की दिशा में प्रयास कर रहे थे। लेकिन अब पुन: युरोपीय देशों की सीमाएँ बंद हुईं हैं। कोरोनावायरस की महामारी के कारण यह प्रक्रिया उलटी हुई, इस बात पर राईस ने ग़ौर फ़रमाया है।

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