चीन की शाओमी कंपनी का ईडी पर आरोप – ईडी ने आरोप ठुकराए

नई दिल्ली – स्मार्टफोन निर्माण के क्षेत्र में अग्रसर होनेवाली चीन की ‘शाओमी’ कंपनी ने भारत पर गंभीर आरोप किए हैं। भारत के ‘इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट-ईडी’ ने अपने अधिकारियों को तथा उनके परिवारवालों को धमकाया होने का दावा शाओमी ने किया। लेकिन ईडी ने ये आरोप ठुकराए हैं। पिछले कुछ महीनों से भारत और चीन के बीच अलग-अलग स्तर पर बने तनाव की पृष्ठभूमि पर, शाओमी ने किए इस आरोप की गंभीरता बढ़ी है।

शाओमी कंपनीचीन ने एक के बाद एक भारत को उकसानेवाले फ़ैसले करना शुरू किया है। इनमें भारतीय छात्रों को चीन में प्रवेश न देने के फ़ैसले का समावेश था। उस पर भारत ने भी चीन के नागरिकों को वीज़ा न देने का फ़ैसला घोषित किया। इसके बाद चीन को भारत के छात्रों के संदर्भ में किया अपना फ़ैसला बदलना पड़ा था। उसके बाद भारत ने, नियमों का उल्लंघन करने के आरोप लगाकर शाओमी कंपनी पर कार्रवाई की थी।

भारत से गैरकानूनी रूप में पैसा बाहर भेजने का आरोप शाओमी कंपनी पर है। यह रकम साढ़े पाँच हज़ार करोड़ रुपए से अधिक है। इसलिए ईडी बहुत ही गंभीरता से इसकी तहकिक़ात कर रही है। इस तहकिक़ात के दौरान, सवालों के संतोषजनक जवाब देना अधिकारियों को मुमकिन नहीं हुआ था, ऐसी खबरें जारी हुई थी। उसी समय ईडी ने शाओमी पर मारे छापे के दौरान बहुत ही अहम जानकारी और सबूत हाथ में लग गए थे। इस कारण ईडी ने शाओमी के बैंक अकाउंट से लगभग साढ़े पाँच हज़ार करोड़ रूपए की रकम जब्त की थी।

चीन की निजी कंपनियाँ भी दरअसल चिनी हुकूमत का निवेश होनेवाली ही होती हैं। उन्हें केवल निजी कंपनी के तौर पर दुनिया के सामने पेश किया जाता है। लेकिन वास्तव में ये कंपनियाँ चीन के एजेंट्स जैसा ही काम करती हैं, यह कई बार सामने आया था। साथ ही, किसी देश के नियम तोड़कर कामकाज़ करने के लिए भी चीन की कंपनियाँ बदनाम हो चुकी हैं। हुवेई इस 5जी क्षेत्र में काम करनेवाली चिनी कंपनी पर प्रमुख देशों ने की कार्रवाई यही दिखा रही है। ऐसी परिस्थिति में शाओमी पर भारतीय यंत्रणाओं ने की कार्रवाई गौरतलब साबित होती है।

भारत ने चीन के संदर्भ में सख़्त भूमिका अपनाने के कारण शाओमी पर कार्रवाई होने की झूठी शिकायत चीन के सरकारी मुखपत्र होनेवाले ग्लोबल टाईम्स
ने कुछ महीने पहले की थी।

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