‘यूएई’ पर हुए ड्रोन हमलों की पृष्ठभूमि पर कच्चे तेल की कीमत सात वर्ष के रेकॉर्ड स्तर पर

दुबई/लंदन – ‘संयुक्त अरब अमीरात’ (यूएई) के ईंधन भंड़ारों के करीब हुए ड्रोन हमले की पृष्ठभूमि पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल ८७ डॉलर्स से अधिक बढी और यह पिछले सात वर्षों का रेकॉर्ड है। इससे पहले अक्तुबर २०१४ में कच्चे तेल की कीमतें प्रति बैरल ८७ डॉलर्स से अधिक दर्ज़ हुईं थी। सिर्फ पिछले कुछ महीनों में र्इंधन की माँग की तुलना में आपूर्ति में बढ़ोतरी ना होने से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है।

कच्चे तेल की कीमतसोमवार को यूएई की राजधानी अबू धाबी में येमन के हौथी विद्रोहियों ने ड्रोन हमले किए थे। इन हमलों में तीन ईंधन टैंकरों को भी लक्ष्य किया गया था। यह टैंकर यूएई की प्रमुख ‘अबु धाबी नैशनल ऑईल कंपनी’ के ईंधन भंड़ारों से कुछ ही दूरी पर थे। ड्रोन हमलों में यूएई के ईंधन भंड़ारों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा है, फिर भी अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में इसका तीव्र असर दिखाई दिया।

मंगलवार को ईंधन बाज़ार में कारोबार के दौरान कच्चे तेल की कीमतों में एक प्रतिशत उछाल आया। इसके साथ ही इसकी कीमत प्रति बैरल ८७ डॉलर्स तक जा पहुँची। लंदन में हुए कारोबार के दौरान कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल ८७.३६ डॉलर्स दर्ज़ हुई। अमरीका में कच्चे तेल की कीमत में डेढ़ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। अमरीका में इसकी कीमत प्रति बैरल ८५ डॉलर्स से अधिक हुई। यह कीमत अक्तुबर २०१४ के बाद सबसे अधिक है और सात वर्षों का नया रेकॉर्ड बना है।

कच्चे तेल की कीमतईंधन बाज़ार में आपूर्ति की समस्या की स्थिति में अब इसमें नए भू-राजनीतिक तनाव का इजाफा हुआ है, इन शब्दों में ‘एएनज़ेड रिसर्च’ नामक वित्तसंस्था ने करीबी दिनों में ईंधन की कीमतें अधिक बढ़ सकती हैं, यह संकेत दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की माँग फिर से बढ़ने लगी है और इस वर्ष तेल की आपूर्ति की तुलना में माँग अधिक रहने का अनुमान है, ऐसा ‘सीएमसी मार्केटस्‌’ नामक वित्तसंस्था ने कहा है। सोमवार के हमले के बाद यूएई के साथ खाड़ी के र्इंधन उत्पादकों के लिए खतरा रेखांकित हुआ है और स्थिति अधिक जटिल हो सकती है, यह इशारा ‘वेरिस्क मैपलक्राफ्ट’ नामक सलाहकार कंपनी ने दिया है।

‘यूएई’ ओपेक का तीसरे स्थान का ईंधन उत्पादक देश है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक उत्पादन करनेवाले देशों में इसका स्थान सातवां है। फिलहाल यूएई प्रतिदिन ४० लाख बैरल्स ईंधन का उत्पादन करता है। पिछले वर्ष ओपेक ने ईंधन उत्पादन में प्रति दिन चार लाख बैरल्स बढ़ोतरी करने का निर्णय किया था। लेकिन, कई सदस्य देश निर्धारित उत्पादन करने में असफलता हो रहे हैं और इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की किल्लत निर्माण होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

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