अमरिका-चीन व्यापार युद्ध का लाभ अन्य देशों को होगा – संयुक्त राष्ट्रसंघ ने किया दावा, भारत की निर्यात में भी बढोतरी होगी

जीनिव्हा: जीन देसी उत्पादों की रक्षा करने के लिए अमरिका एवं चीन व्यापार युद्ध में उतरे है, उन उत्पादों के लिए इसका ज्यादा लाभ नही होगा| उलटा अमरिका एवं चीन में शुरू हुए इस व्यापार युद्ध का लाभ अन्य देशों को प्राप्त होगा| इसमें युरोपीय महासंघ, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत का भी समावेश होने की बात संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अपने अहवाल में दर्ज की है| अमरिका-चीन व्यापार युद्ध की पृष्ठभुमि पर भारत ने चीन के ९९ उत्पादों पर ‘एण्टी डंपिंग’ कर लगाया है, यह जानकारी केंद्र सरकार ने लोकसभा में रखी|

अमरिका हर वर्ष चीन के साथ हो रहे व्यापार में लगभग ५०० अरब डॉलर्स का घाटा सहन कर रही है| चीन के उत्पादों के लिए अमरिका ने अपना बाजार खुला रखा है, लेकिन चीन अमरिकी कंपनीयों को व्यापारी सहुलियत देने से बच रहा है, यह आरोप करके अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने चीन की अमरिका में हो रही निर्यात को लक्ष्य किया था| चीन से अमरिका में पहुंच रहे पोलाद एवं एल्युमिनियम के उत्पादों पर बडी मात्रा में कर बढाकर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्होंने व्यापार युद्ध शुरू किया| उसके बाद चीन ने भी अमरिका को जवाब देने के लिए अमरिकी उत्पादों पर कर बढाया था|

अमरिका, चीन, व्यापार युद्ध, लाभ, अन्य देशों, होगा, संयुक्त राष्ट्रसंघ, किया दावा, भारत, निर्यात, बढोतरीफिलहाल राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प यह व्यापार युद्ध और भी भडकाने के लिए सहायक साबित होने वाले आक्रामक निर्णय नही कर रहे| फिर भी, आनेवाले कुछ महीनों में अमरिका चीन के व्यापार को दुबारा लक्ष्य करेगी, यह स्पष्ट संकेत राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्होंने दिए है| साथ ही व्यापार युद्ध रोकने के लिए चीन के साथ हो रही बातचीत सही दिशा में बढ रही है, फिर भी इस बातचीत में अपेक्षित परिणाम नही हुई है, यह कहकर ट्रम्प इन्होंने चीन पर दबाव बढाया था| ऐसी परिस्थिति में इस व्यापार युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र संघ का अहवाल प्रसिद्ध हुआ है| अमरिका ने अपने देश में उत्पाद की सुरक्षा करने के लिए यह व्यापार युद्ध शुरू किया है| साथ ही चीन ने भी यही उद्देश्य से अमरिकी उत्पाद को लक्ष्य करने का निर्णय किया है| लेकिन, दोनों देशों का उद्देश्य इस व्यापार युद्ध से सफल नही होगा, यह इशारा इस अहवाल में दिया गया है|

अमरिकी और चीन के उत्पादों को इस व्यापार युद्ध से ज्यादा लाभ प्राप्त नही होगा| लेकिन, अन्य देश इस व्यापार युद्ध से बडा लाभ उठाएंगे, ऐसा यह अहवाल कह रहा है| युरोपीय महासंघ की निर्यात इस व्यापार युद्ध की वजह से ७० अरब डॉलर्स से बढेगी| वही, जापान एवं कनाडा यह देश व्यापार युद्ध का लाभ उठाकर दोनों देश अपनी निर्यात में २० अरब डॉलर्स का इजाफा प्राप्त करेंगे| साथ ही ऑस्ट्रेलिया की निर्यात को इस व्यापार युद्ध से ४.६ प्रतिशत, ब्राजिल ३.८ और भारत की निर्यात में ३.५ प्रतिशत बढोतरी होगी, ऐसा इस अहवाल में दर्ज किया गया है|

इस दौरान अमरिका एवं चीन में शुरू व्यापार युद्ध में भारत की निर्यात में केवल ३.५ प्रतिशत बढोतरी होगी, फिर भी इस व्यापार युद्ध से भारत को इससे भी ज्यादा लाभ प्राप्त हो सकता है, यह दिखाई दे रहा है| भारत और चीन में द्विपक्षीय व्यापार में आज तक भारत लगभग ५० अरब डॉलर्स से भी अधिक नुकसान उठा रहा है| अन्य देशों के साथ स्थानिय चलन में व्यवहार करने के लिए समझौता कर रहा चीन, भारत को यह सहुलियत देने के लिए तैयार नही है|

इसका प्रमुख कारण भारत से चीन की ओर जा रहा डॉलर्स, यही है| इस परिस्थिति में व्यापार युद्ध की वजह से पहली बार चीन पर भारत की व्यापारी मांग मंजूर करने के लिए दबाव बनता दिखाई दे रहा है और चीन से भारतीय कंपनीयों को सहुलियत देने का आश्‍वासन दिया जा रहा है|

इस पृष्ठभुमि पर लोकसभा में पुछे गए एक प्रश्‍न को दिए जवाब में भारत सरकार ने फिलहाल चीन के ९९ उत्पादों पर ‘एण्टी डंपिंग’ कर लगाया जाने की जानकारी दिया है| इन उत्पादों के लिए चीन की ओर से बडी मात्रा में सहुलियत दी जा रही है एवं इस वजह से यह उत्पाद भारत में कम किमतों में उपलब्ध हो रहे है|

इस वजह से भारतीय उत्पादकों को घाटा हो रहा है, इस बात पर ध्यान देकर केंद्र सरकार ने चीन के इन ९९ उत्पादों पर लगाए करों में बढोतरी करने की जानकारी दी है| साथ ही आनेवाले समय में इस सुचि में और भी इजाफा हो सकता है, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे है|

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