तानाशाही सेना ने तैवान को घेर लिया है – तैवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई इंग-वेन

तैपेई – ‘तानाशाही लष्कर सारे नियमों को पैरों तले कुचल कर हररोज़ तैवान की सार्वभूमता का उल्लंघन कर रहा है। ‘तैवान के चारों ओर भारी भरकम घेराबंदी करने की तैयारी शुरू होकर, यह सब कुछ दैनंदिन स्तर पर तैवान सह रहा है’ ऐसी तीखी आलोचना तैवान की राष्ट्रीय अध्यक्षा ‘त्साई इंग-वेन’ ने की। चीन का ठेंठ उल्लेख टालकर तैवान की राष्ट्राध्यक्षा ने की आलोचना यानी चीन की धमकियों को दिया जाने वाला प्रत्युत्तर साबित होता है। अमेरिका ने तैवान को हथियारों की आपूर्ति करने का फैसला करने के बाद चीन ने तैवान को धमकियां देने का सत्र शुरु किया है। उसे राष्ट्राध्यक्षा त्साई इंग-वेन तथा तैवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने उत्तर दिया है।

china-taiwan‘साऊथ चायना सी’, ‘ईस्ट चायना सी’ में चीन की आक्रामक गतिविधियाँ, भारत के साथ लद्दाख की सीमा पर चीन ने की खुराफातें और हाँगकाँग में प्रदर्शनकारियों पर की कार्यवाही यानी चीन की महत्वाकांक्षी विस्तारवादी नीति के सबूत हैं। इसके आगे तैवान चीन का लक्ष्य है। तैवान चीन का लक्ष्य ना हो ऐसा लगता है, तो अमरीका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और युरोप ये देश इकट्ठा हों। अन्यथा चीन का पैसिफिक क्षेत्र में प्रभाव बढ़ेगा और उसका परिणाम जागतिक व्यवस्था पर होगा’ ऐसी चेतावनी तैवान के विदेश मंत्री ‘जोसेफ वू’ ने दी।

ब्रिटन की न्यूज़ एजन्सी को दिये इंटरव्यू में तैवान के विदेशमंत्री जोसेफ वू ने, चीन अपनी तानाशाही व्यवस्था तैवान पर थोंपने की कोशिश में होने का आरोप किया। चीन को यदि रोकना हो, तो चीन की विस्तारवादी नीति के विरोध में आवाज़ उठानेवाले समविचारी देशों को एकत्रित आना चाहिए, ऐसा आवाहन तैवान के विदेशमंत्री ने किया। अगले कुछ सालों में चीन तैवान पर हमला कर सकता है। इसीके लिए तैवान अमरीका से बड़े पैमाने पर शस्त्रों की ख़रीद कर रहा होने की जानकारी विदेशमंत्री वू ने दी।

china-taiwanचीन की तानाशाही की ओर तैवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई और विदेशमंत्री वू आन्तर्राष्ट्रीय समुदाय का ग़ौर फ़रमा रहे हैं कि तभी अमरीका के विदेश मंत्रालय ने तैवान के लिए २८ करोड़ डॉलर्स की लष्करी सामग्री की सप्लाई करने की घोषणा की। इसमें अमरीका की ‘फिल्ड इन्फॉर्मेशन कम्युनिकेशन्स सिस्टिम’ का समावेश होकर, इससे कमांड सेंटर्स और युद्धभूमि पर के सैनिकों को जानकारी की आपूर्ति करना आसान होनेवाला है। इससे तैवान के लष्कर की संपर्क यंत्रणा प्रगत होनेवाली है, ऐसी घोषणा अमरीका के रक्षा मंत्रालय ने की। अमरीका के ट्रम्प प्रशासन ने तैवान के लिए मंज़ूर की हुई यह ११ वीं शस्त्रसहायता है।

china-taiwanट्रम्प प्रशासन द्वारा तैवान को दी जानेवाली इस शस्त्रसहायता पर चीन की ओर से संतप्त प्रतिक्रिया आयी है। तैवान को दी हुई इस शस्त्र सहायता को चीन उचित और आवश्यक प्रत्युत्तर देगा, ऐसी चेतावनी चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने दी।

इसी बीच, अमरीका के अगामी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के साथ नये से सहयोग स्थापित करने के लिए चीन उत्सुक होने की घोषणा अमरीका में नियुक्त चीन के राजदूत ने की है। लेकिन बायडेन की तैवान विषयक भूमिका में बदलाव होनेवाले नहीं, ऐसे संकेत कुछ ही घंटे पहले अमरीका ने दिये थे।

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