उघुवंशियों पर हो रहे अत्याचार के सबुत मिटाने के लिए चीन की गतिविधियां शुरू

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबीजिंग – चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत पर झिंजिआंग प्रांत में उघुरवंशियों पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे पर कडी आलोचना हो रही है| यह मुद्दा चीन के लिए मुश्किलों में फंसानेवाला साबित हुआ है और यह इस मुश्किल से बाहर निकलने के लिए चीन ने इन लोगों पर हो रहे अत्याचार के सबुत ही मिटाने की गतिविधियां शुरू की है| झिंजिआंग प्रांत में उघुरवंशियों से संबंधित दर्ज जानकारी और कागज नष्ट किए जा रहे है और इन लोगों पर लगाया गया नियंत्रण और भी बढाया जा रहा है, यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था ने जारी की है|

अंतरराष्ट्रीय समुदाय पीछले कुछ महीनों से चीन में उघुरवंशियों पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे पर काफी आक्रामक हुआ है| संयुक्त राष्ट्रसंघ में भी चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी की हुकूमत के उघुरवंशियों पर हो रहे अत्याचारों का मुद्दा काफी चर्चा में है| इस मुद्दे पर चीन को फटकार भी लगाई जा रही है| पर, चीन ने लगातार उघुरवंशियों के विरोध में की कार्रवाई का समर्थन किया है और सुधार के लिए ही यह कदम बढाने का दावा भी किया है

पर, अमरिका के साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चीन के यह दावे ठुकराए है और साथ ही चीन पर प्रतिबंध लगाने के संकेत भी दिए है| दो महीने पहले ही अमरिका ने चीन के विरोध मेंव्हिसाबंदीका हथियार उठाया था| उघुरवंशियों पर अत्याचार करने में जुटे चीन के नेता और अफसरों को आगे से अमरिका का व्हिसा नही मिलेगा, यह ऐलान भी अमरिका के विदेश मंत्रालय ने किया था| अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने चीन के उघुरवंशियों के मुद्दे पर लगातार आक्रामकता दिखाई है| राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्रसंगठन के बैठक की पृष्ठभूमि पर हुई एक बैठक के दौरान भी इस मुद्दे पर कडी कार्रवाई के संकेत दिए थे|

उघुरवंशियों के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही बदनामी से दूर रहने के लिए चीन ने अब नई गतिविधियां शुरू की है| झिंजिआंग प्रांत में कम्युनिस्ट पार्टी के अफसरों की बैठक हुई है और इसके बाद उघुर लोगों से जुडे सबुत नष्ट करने की कार्रवाई शुरू की गई है| उघुरवंशिय नागरिकों की नीजि और संवेदनशील जानकारीके कागज जलाए जा रहे है|

उघुरवंशियों की जानकारी रखनेवाले कंप्युटर्स फेंक दिए गए है और यह जानकारी बाहर देने के लिए भी प्रतिबंध लगाए गए है| झिंजिआंग में सरकारी अफसरों के परिवार जनों को भी हिरासत में लिया गया है, यह दावा सूत्र कर रहे है|

चीन ने करीबन ११ लाख उघुरवंशियों को विशेष बनाए शिविरों में बंद कर रखा है और उनपर कई प्रकार से अत्याचार शुरू होने की बात सामने आयी है| उघुरवंशी पुरुषों को चीन ने जबरन इन शिविरों में बंद रखा है| चीन इसे शिविर कह रहा है, पर असल में यह कारागृह ही है और वहां पर उघुरवंशियों पर बंदियों से भी अधिक बुरा व्यवहार होता है| इस कारण १० लाख उघुरवंशियों की धार्मिक और वांशिक पहचान के लिए ही खतरा बना है|

चीन के यह अत्याचार जारी है और तभी उघुरवंशिय महीलाओं को भी चीन ने लक्ष्य करने की बात सामने आयी थी| ‘रेडिओ फ्री एशियाने दी जानकारी के अनुसार इन महीलाओं का पुरे प्लैन के साथ यौन उत्पीडन कर रहा है| झिंजिआंग प्रांत में चीन ने बनाए जेल से भाग निकलने में सफल हुई एक महीला ने अपनी कहानी हाल ही में एक इस्रायली समाचार पत्र के जरिए प्रसिद्ध की है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.