बलोच जनता पर हो रहे पाकिस्तान के अत्याचार बंद करें – बलोच संगठनों का अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने निवेदन

बर्लिन – पाकिस्तानी सेना ने बलोचिस्तान में मानव अधिकारों का हनन हो रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने हस्तक्षेप किए बिना बलोच जनता बच नही सकती, यह निवेदन बडी तीव्रता के साथ बलोच संगठनों ने किया है| जर्मनी की राजधानी बर्लिन में बोलच संगठनों ने साथ मिलकर एक दिन की परिषद का आयोजन किया था| इश परिषद में बोलते समय बलोच नेताओं ने पाकिस्तानी सेना कर रही भयंकर अत्याचारों की जानकारी साझा की|

बलोच ह्युमन राईटस् काउंसिल(बीएसआरसी), ‘बलोच ह्युमन राईटस् ऑर्गनायझेशन (बीएचआरओ) औरह्युमन राईटस् काउंसिल ऑफ बलोचिस्तान(एचआरसीबी) इन संगठनों ने साथ मिलकर बर्लिन में इस परिषद का आयोजन किया था| पाकिस्तान की सेना झुठे आरोप रखकर बलोच लोगों को खास तौर पर महीलाओं को हिरासत में ले रही है| उनपर बडे अत्याचार करने के बाद ही उन्हें रिहा किया जाता है| ‘वह ऐसे क्यों कर रहे है? इस सवाल का एक ही जवाब है| और यह जवाब है, वह ऐसे कर सकते है, इसलिए, इन शब्दों में बलोच नेताओं ने इस दौरान अपनी दास्तां बयान की

बलोचिस्तान में किसी भी स्तर पर जाकर कार्रवाई करने के सभी अधिकार पाकिस्तानी सेना को प्रदान किए गए है| इस कार्रवाई के बारे में सेना से सवाल करनेवाला भी कोई नही है| इस वजह से बलोच लोगों को हिरासत में लेते समय, उनपर अत्याचार करते समय पाकिस्तानी सेना को किसी को भी जवाब देने की जरूरत नही रहती| इस वजह से बलोचिस्तान में मानव अधिकारों का लगातार हनन हो रहा है| युवकों के साथ ही वहां पर बुढों को भी हिरासत में लेकर उनपर भी अत्याचार किया जा रहा हा| महिलाओं की गिरफ्तारी करके उनके विरोध में झुठे आरोप रखकर जांच के नाम पर उनपर अत्याचार किए जा रहे है, यह आरोप इस दौरान बलोच संगठनों के नेताओं ने किया| इन अत्याचारों के कुछ गंभीर मामले भी उन्होंने इस दौरान बयान किए|

पाकिस्तान की सरकार और सेना बलोच जनता पर हम इस तरह से अत्याचार नही करते, यही दावें लगातार कर रही है| पर, बलोचिस्तान की स्थिति काफी भयंकर होने की बात इन संगठनों ने नेताओं ने रखी|

इसी कारण, बलोच जनता पर हो रहे अत्याचार रोकने की जिम्मेदारी अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय की है| पर, संयुक्त राष्ट्रसंघ, अमरिका, भारत और यूरोपिय महासंघ में से कोई भी बलोच जनता की समस्या की ओर ध्यान देने के लिए तैयार नही है, यह अफसोस भी बलोच संगठनों ने व्यक्त किया है|

इससे पहले भी बलोचिस्तान के नेताओं ने पाकिस्तान बलोच जनता पर कर रहे अत्याचारों का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रखने की कोशिश की थी| चीन ने इस दौरान पाकिस्तान मेंसीपीईसीपरियोजना के तहेत निवेष करना शुरू किया है और इस परियोजना के तहेत हो रहा अधिकांश निवेष बलोचिस्तान में हो रहा है| बलोचिस्तान का ग्वादर बंदरगाह चीन को चाहिए और इसके जरिए बलोचिस्तान की नैसर्गिक संपत्ति की लूट करने का उद्देश्य चीन और पाकिस्तान रखकर है| इसी कारण इस परियोजना के विरोध में बलोच जनता आवाज उठा रही है और?इस जनता की आवाज दबाने की कोशिश पाकिस्तान की सेना कर रही है|

मानव अधिकारों का मुद्दा पेश करनेेवाली अंतरराष्ट्रीय संगठना बलोचिस्तान में जारी पाकिस्तान की हरकतों पर प्रतिक्रिया दर्ज करने के लिए तैयार नही है| पाकिस्तान की इन हरकतों के पीछे चीन के हितसंबंध होने से इस ओर अनदेखी हो रही है, यह बात पहले भी सामने चुकी है| पर, पिछले कुछ महीनों से बलोच संगठनों ने पाकिस्तान के विरोध में अंतरराष्ट्रीय स्तर निषेध करने का सत्र शुरू किया है और इसका संज्ञान लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय माध्यम भी मजबूर हो रहे है|

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