‘ईस्ट चाइना सी’ में अमरिका के लड़ाकू विमानों पर चीन द्वारा लेजर हमले

वॉशिंगटन / बीजिंग: आशिया प्रशांत क्षेत्र का भाग होने वाले ‘ईस्ट चाइना सी’ में अमरिका के लड़ाकू विमानों पर चीन द्वारा लेजर हमले करने का सनसनीखेज वृत्त सामने आया है। अमरिका का रक्षा विभाग पेंटागौन ने इन हमलों को समर्थन दिया है और चीन ने लगभग २० हमले करने की बात कही जा रही है। अमरिकी लड़ाकू विमानों पर लेजर हमले करने का यह दूसरा समय होते हुए पहले अफ्रीका के जिबौती में चीन के लष्करी अड्डों के पास होनेवाले लेजर हमलो में अमरिका के दो वैमानिक जख्मी हुए थे।

अमरिका के इंडो पैसिफिक कमांड ने चीन के होनेवाले लेजर हमलों की जानकारी दी है। इसमें यह हमले सागरी किनारों से एवं मछुआरों के नाव के ऊपर से होने का दावा किया जा रहा है। चीन ने मछुआरों को इसके लिए प्रशिक्षण देने का तथा नाव पर प्रगत लेजर वेपंस यंत्रणा तैनात करने की बात उस में कहीं जा रही है। ‘एविएशन वीक एंड स्पेस टेक्नोलॉजी’ संकेत स्थल को दिए जानकारी के अनुसार यह बात सामने आई है।

ईस्ट चाइना सी, लड़ाकू विमानों, चीन, लेजर हमले, अमरिका, आशिया प्रशांत क्षेत्रचीन ने अमरिका के लड़ाकू विमान तथा वैमानिकों को लक्ष्य करने के लिए एंटी आय लेजर विकसित करने की जानकारी कुछ समय पहले सामने आई थी। उसमें इस ‘लेजर डॅझलर वेपन’, ‘लेजर गन’ एवं ‘ब्लाईंडिंग लेजर वेपन’ का समावेश है। चीन ने विकसित किया यह शस्त्र एवं उसका उपयोग अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने की बात मानी जाती है। ईस्ट चाइना सी क्षेत्र में लेजर हमलों के २० से अधिक घटनाएं सामने आई है, उनमें वैमानिक जख्मी होने का वृत्त नहीं है।

चीन के बढ़ते लेजर हमलों को जवाब देने के लिए अमरिका के रक्षा विभाग ने ऐंटी लेजर प्रोटेक्टिव आयगिअर खरीदारी करने की बात कही जा रही है। पर इसमें परीक्षण एवं उपयोग हुआ है अथवा नहीं इस बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं मिली है।

पश्चिमी क्षेत्र में चीन को होनेवाले लेजर हमले अमरिका विरोधी आक्रामकता का भाग होते हुए दिखाई दे रहा हैं । साउथ चाइना सी तथा ईस्ट चाइना सी में अमरिकी विमान वाहक युद्धनौका तथा लड़ाकू विमानों के उपस्थिति पर चीन से लगातार विरोध किया जा रहा है।अमरिका के इन बढ़ते गतिविधियों को योग्य प्रत्युत्तर देने की धमकी चीन से लगातार की जा रही है। इसके लिए युद्धाभ्यास एवं मिसाइलों की तैनाती का आधार लेकर चीन ने अब लेजर हमलो का उपयोग शुरू किया है।

इससे पहले जिबौती में हुए हमलों के बारे में किए गए आरोप निराधार होने की बात कहकर चीन ने यह आरोप ठुकराए है।

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