अमरिकी गश्ती विमान पर चीन के विध्वंसक ने किया लेजर हमला – अमरिका की पैसिफिक फ्लिट ने किया आरोप

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरपर्ल हार्बर: ‘इंडोपैसिफिक’ क्षेत्र में अमरिका और चीन की नौसेना के बीच तनाव में बढोतरी हो रही है| यहां के हवाई क्षेत्र में गश्त कर रहे अमरिका के ‘पी८ए पोसायडन’ विमान पर चीन के विध्वंसक से लेजर हमला होने का आरोप अमरिकी नौसेना ने किया| पैसिफिक महासागर में अमरिकी सेना के गुआम अड्डे से कुछ ही दूरी पर यह हमला हुआ| इस कारण इस लेजर हमले के जरिए चीन इस क्षेत्र में अमरिकी वर्चस्व को चुनौती दे रहा है, यह दावा अमरिकी विश्‍लेषकों ने किया|

हवाई द्विप पर स्थित अमरिका की ‘पैसिफिक फ्लीट’ ने जारी की हुई जानकारी में चीन की नौसेना पर आरोप रखा गया| पिछले हफ्ते में अमरिकी नौसेना का ‘पी८ए पोसायडन’ गश्ती विमान अपने टाईम टेबल के अनुसार पैसिफिक हवाई क्षेत्र पर गश्त करने निकला था| अमरिका का गश्ती विमान गुआम द्विप से ३८० मील दूरी पर था तभी पैसिफिक महासागर क्षेत्र में यात्रा कर रही चीन की नौसेना की ‘लुयांग थ्री’ वर्ग की विध्वंसक ने अमरिकी विमान पर लेजर हमला किया|

मात्र आंखों से दिखाई ना देनेवाला लेजर का यह हमला ‘पी८ए पोसायडन’ विमान पर लगे सेंसर्स ने दर्ज किया, यह जानकारी पैसिफिक फ्लीट ने जारी की है| कुछ महीनों पहले ही अमरिका ने ‘पी८ए’ की यंत्रणा का आधुनिकीकरण किया है| इससे आंखों को दिखाई भी ना दिया हो फिर भी विमान से टकराई लेजर की लहरें राडार यंत्रणा ने दर्ज की है, यह बात पैसिफिक फ्लीट ने कही है|

यह लेजर हमला काफी घातक साबित हुआ होता, यह आलोचना भी अमरिकी अफसरों ने की है| इस लेजर हमले की वजह से विमान का नुकसान होकर बडी दुर्घटना भी हो सकती थी| इस कारण ऐसे लेजर का इस्तेमाल करके चीन ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है, यह आरोप अमरिकी नौसेना ने किया| इस नियमों के अनुसार अमरिका और चीन की युद्धपोत या विमानों ने खतरनाक कार्रवाई से दूर रहना जरूरी है|

वर्ष २०१४ में हुए समझौते के अनुसार अफसर या हथियारों का नुकसान होगा, ऐसे लेजर का इस्तेमाल करने से दूर रहना बंधनकारक है| लेजर के हमले की वजह से अमरिकी गश्ती विमान के चालक और अफसरों की जान के लिए खतरा बन हो सकता था या विमान का नुकसान हुआ होता| पर, चीन ने इस नियम का भी उल्लंघन किया है, यह दावा अमरिका की पैसिफिक फ्लीट ने किया है| अमरिका के इन आरोपों पर चीन से जवाब प्राप्त होने की उम्मीद है|

लगभग एक वर्ष पहले साउथ चायना सी के क्षेत्र में ऑस्ट्रेलियन नौसेना के हेलिकॉप्टर ने चीन की विध्वंसक ने लेजर तान रखा था| इससे अपना विमान चालक अंधा होकर दुर्घटना होने की संभावना थी, यह आलोचना ऑस्ट्रेलिया ने किया था| तभी, वर्ष २०१८ में मई महीने में अफ्रीका के उत्तरी हिस्से के जिबौती के निकट चीन की सेना ने यही हरकत की थी| जिबौैती में बने अपने लष्करी अड्डे से चीन की सेना ने अमरिकी गश्ती विमान पर लेजर हमला किया था| इस हमले में अपने दोनों विमान चालक बच निकले थे, यह बात अमरिका ने कही थी| साथ ही चीन की इस हरकत पर क्रोध भी जताया था|

इसी बीच चीन की सेना लेजर का इस्तेमाल बढा रही है तभी अमरिका ने भी लष्करी लेजर तकनीक के क्षेत्र में तेज कदम बढाए है| चार दिन पहले ही अमरिकी विध्वंसक पर ड्रोन विरोधी लेजर तैनात किया गया है और वर्ष के अंत तक अन्य और एक विध्वंसक पर विमान एवं मिसाइल विरोधी लेजर यंत्रणा तैनात की जाएगी| इसके अलावा अतिप्रगत लडाकू विमानों पर भी लेजर तैनात करने के लिए अमरिका ने कदम उठाना शुरू किया है|

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