‘कश्मीर मसले का इस्तेमाल करके भारत चीन के ‘सिल्क रूट’ को विरोध कर रहा है’ : चीन के सरकारी दैनिक की आलोचना

बीजिंग, दि. ३० : कश्मीर मसले का लाभ उ़ठाकर भारत चीन की महत्त्वाकांक्षी ‘सिल्क रोड’ योजना का विरोध कर रहा है, ऐसी आलोचना चीन की सरकारी दैनिक ने की है| पिछले कुछ महीनों से चीन की सरकारी मीडिया में भारत की आलोचना करना जारी रखा होकर, इससे चीन की भारतविषयक सही नीति स्पष्ट हो रही है| सिल्क रोड़ में भारत के अलावा अन्य देश शामिल हो रहे हैं और यह बात भारत को शर्मसार करनेवाली है, ऐसा दावा चीन के सरकारी दैनिक ने किया है|

‘सिल्क रूट’चीन ने पाकिस्तान के साथ ‘इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ परियोजना हाथ में ली है| यह ‘सीपीईसी’ परियोजना यानी चीन की महत्त्वाकांक्षी ‘सिल्क रोड’ योजना का हिस्सा माना जा रहा है| यह योजना ‘वन बेल्ट वन रोड’ (ओबीओआर) इस नाम से भी जानी जाती है| लेकिन ‘सीपीईसी’ परियोजना फिलहाल पाकिस्तान के कब्जेवाले कश्मीर (पीओके) की भूमि से जा रही है और ‘यह अपना सार्वभौम भूभाग है’ ऐसा भारत का दावा है| इसीलिए भारत इस परियोजना को कड़ा विरोध कर रहा है| इस विरोध पर ही चीन के सरकारी दैनिक ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने टिप्पणी की है|

कश्मीर मसले का इस्तेमाल करके भारत चीन की यह परियोजना रोकने की कोशिश कर रहा है| इसके पीछे भारत की भू-राजनयिक महत्त्वाकांक्षा है और इस योजना की ओर भारत, चीन के साथ रहनेवाली प्रतिस्पर्धा के हिस्से के रूप में देख रहा है, ऐसा इल्ज़ाम इस दैनिक ने लगाया है| रशिया, कझाकस्तान, इंडोनेशिया इन देशों ने ‘ओबीओआर’ योजना को दिया समर्थन चीन का हौसला बढ़ा रहा है; वहीं, यह बात भारत को शर्मसार करनेवाली है, ऐसा दावा ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने किया है| भारत का यह विरोध इस देश की संकुचित मानसिकता दिखानेवाला है, ऐसा दोषारोपण इस दैनिक ने किया है|

पिछले साल भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर चीन कै दौरे पर आए थे| इस समय हुई चर्चा में भारत ने चीन की ‘सीपीईसी’ परियोजना को अपना विरोध स्पष्ट रूप में प्रस्तुत किया था| जयशंकर की भूमिका की भी उस समय ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने आलोचना की थी| इसी दौरान ‘ओबीओआर’ योजना पर चीन परिषद  का आयोजन करनेवाला है और इस परिषद में तकरिबन ५० देश के नेता शामिल होनेवाले हैं, ऐसा दावा किया जा रहा है| ‘भारत ने भी अपनी संकुचित मानसिकता छोड़कर इस योजना में शामिल होना चाहिए’ ऐसा आवाहन ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने किया है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.