‘मसूद अझहर’ पर की कार्रवाई को लेकर भारत द्वारा सुरक्षा परिषद की कड़ी आलोचना

संयुक्त राष्ट्र, दि. ८ (पीटीआय) – पठाणकोट हमले का मास्टरमाईंड तथा ‘जैश-ए-मोहम्मद’ का सरगना ‘मौलाना मसूद अझहर’ को ‘आंतर्राष्ट्रीय आतंकी’ घोषित करने के लिए हो रही देरी को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की कडी आलोचना की है| ‘अझहर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर नौं महीनें बाद भी फैसला क्यो नहीं हो पाया’ ऐसा सवाल करते हुए, संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद (युएनएससी) राजनीति में उलझी हुई है, ऐसा दोषारोपण भारत ने किया है| साथ ही, सत्तर साल पहले स्थापित हुई ‘युएनएससी’ की विश्‍वासार्हता, इस वजह से ख़तरे में आयी है, ऐसा संयुक्त राष्ट्र स्थित भारत के स्थायी प्रतिनिधी सय्यद अकबरुद्दीन ने कहा|

UNSCसंयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में सोमवार को ‘सुरक्षा परिषद के विस्तार’ के संदर्भ में आयोजित चर्चासत्र में अबकरुद्दी ने ‘अझहर’ का मुद्दा उठाया| अझहर के ‘जैश-ए-मोहम्मद’ इस संगठन को ‘युएनएससी’ने पहले ही ‘आंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठन’ घोषित करते हुए उसपर पाबंदियाँ लगायी हैं| और तो और, इस संगठन का नेता ‘अझहर’ खुद – ‘मै आतंकी हूँ’ यह खुले आम कह रहा है; फिर भी उसे ‘आंतर्राष्ट्रीय आतंकी’ घोषित करने में देरी क्यों हो रही है, ऐसा सवाल इस समय अकबरुद्दीन ने उठाया|

कई आंतर्राष्ट्रीय सवालों पर निर्णय लेने में ‘युएनएससी’ को काफी समय लग रहा है| ७० साल पहले जिन हालातों में यह संगठन की स्थापना की गयी, तब से लेकर आज के समय में काफी बदलाव हुए हैं| अब दुनिया बहुत ही आगे बढ़ चुकी है| इस वजह से, नये विश्‍व का प्रतिनिधित्व इस संगठन में नहीं हो रहा| इस कारण इस संगठन की विश्‍वासार्हता पर असर हो रहा है, ऐसा भी अकबरुद्दीन ने कहा| कई अहम जागतिक सवालों पर निर्णय लेने में ‘युएनएससी’ को देरी हो रही होने की वजह से, उसकी बड़ी क़ीमत दुनिया को चुकानी पड़ रही है, इस ओर भी अकबरुद्दी ने ग़ौर फ़रमाया|

‘अझहर’ पर पाबंदी लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारत ने रखे प्रस्ताव पर पिछले नौ महीनों से निर्णय नहीं हो पाया है| चीन ने टेक्निकल वजह बताकर पहले छह महीने के लिए इस प्रस्ताव को रोका था| यह कालावधि ख़त्म होने के बाद चीन ने फिर से तीन महीने के लिए यह प्रस्ताव रोककर रखा है| हाल ही में, भारत और चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों में चर्चा हुई| इस चर्चा में भी चीन ने ‘अझहर’ के बारे में भारत को ठोस आश्‍वासन नहीं दिया|

इस पृष्ठभूमि पर, संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद पर भारत ने की आलोचना, यह अप्रत्यक्ष रूप से चीन पर साधा हुआ निशाना है| क्योंकि अझहर पर की कार्रवाई को चीन के अलावा सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्यों का विरोध नहीं है|

चीन ‘अझहर’ को बचायें, इसके लिए पाकिस्तान ने ही चीन को गुहार लगाई है, ऐसा स्पष्ट हुआ था और चीन ने भी अपनी प्रतिष्ठा दाँव पर लगाकर इस आतंकवादी पर की सुरक्षा परिषद की कार्रवाई रोकी थी| यदि अझहर को ‘आंतर्राष्ट्रीय आतंकी’ घोषित करके उसपर कार्रवाई करने का रास्ता साफ किया, तो उसके गंभीर परिणाम पाकिस्तान को भुगतने पड सकते हैं| ‘अझहर’ पाकिस्तान में ही है और वह इस देश के शहरों में खुलेआम भारत के खिलाफ प्रदर्शनों का आयोजन करता है, यह कई बार सामने आया है| ऐसे हालातों में ‘अझहर’ पर कार्रवाई, यानी सीधे पाकिस्तान की विश्‍वासार्हता पर नये सवाल खड़े हो सकते हैं| अझहर को पनाह देनेवाले पाकिस्तान को ‘आतंकवादी राष्ट्र’ घोषित करने की माँग भारत द्वारा की जा सकती है| इसका एहसास होने के कारण चीन भारत के विरोध की परवाह किए बिना ‘अझहर’ को बचा रहा है|

लेकिन अधिक समय तक ‘अझहर’ को बचाना आसान नहीं होगा| आज नहीं तो कल, उसपर सुरक्षा परिषद की कारवाई होना निश्चित है, ऐसा चीन ने पाकिस्तान को कहा है| इस खबर की जानकारी पाकिस्तान की ही मीडिया में प्रकाशित हुई थी| पाकिस्तान ने अपनी आतंकवादी नीति को छोड़ना चाहिए और ‘अझहर’ जैसे मुद्दे से छुटकारा पाना चाहिए, ऐसी सलाह चीन ने पाकिस्तान को दी थी, ऐसा दावा पाकिस्तानी विश्‍लेषक कर रहे हैं|

मौलाना मसूद अझहर आतंकी है और उसपर कारवाई न करके पाकिस्तान अपनी आंतर्राष्ट्रीय छबी को मिट्टी में मिला रहा है, ऐसा पाकिस्तान के जानकार पत्रकारों और विश्‍लेषकों का कहना है| यही नहीं, बल्कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष परवेझ मुशर्रफ ने कुछ दिन पहले एक भारतीय वृत्तवाहिनी को दिए इंटरव्यू में ‘मौलाना मसूद अझहर आतंकी है’ इस बात को क़बूल किया था| साथ ही, ‘अझहर’ पर पाकिस्तान ने कारवाई करनी चाहिए, ऐसी माँग मुशर्रफ ने की थी|

पाकिस्तान के राजनीतिक सर्कल में यह सवाल पूछा जा रहा है कि ‘अझहर’ और ‘हफीज सईद’ जैसे आतंकवादियों को क्यों बचाया जा रहा है| कुछ हफ़्ते पहले पाकिस्तानी संसद में, विरोधी पक्ष के नेताओं ने इस संदर्भ की नीति की कड़ी आलोचना की थी| ‘हफीज सईद जैसे आतंकवादी पाकिस्तान को क्या दे रहे हैं?’ ऐसा सवाल विरोधी पक्ष के नेता ऐतझाज हसन ने पुछा था| लेकिन पाकिस्तान की सेना ‘अझहर’ और ‘हफीज सईद’ की सुरक्षा कर रहे हैं और इस संदर्भ में पाकिस्तान की लोकनियुक्त सरकार कुछ नहीं कर सकती, ऐसा पाकिस्तानी संसद की चर्चा में से सामने आ रहा है|

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