‘साउथ चाइना सी’ में चीन अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करें – फिलीपीन्स के साथ जारी संयुक्त निवेदन में भारत की मांग

नई दिल्ली – ‘साउथ चाइना सी’ क्षेत्र में अपने बेलगाम हरकतों से अस्थिरता फैला रहे चीन के विरोध में भारत ने पहली बार सख्त भूमिका अपनाई हैं। इस समुद्री क्षेत्र में चीन अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करें, ऐसा भारत ने कहा है। फिलीपीन्स के साथ जारी किए संयुक्त निवेदन में भारत ने उठायी यह मांग चीन पर दबाव बढ़ा रही हैं। फिलीपीन्स एवं साउथ चाइना सी क्षेत्र के अन्य देश यह मांग कर रहे है कि, भारत इस समुद्री क्षेत्र में अधिक व्यापक भूमिका निभाए। चीन जैसे ताकतवर देश के विरोध में खड़े रहने के लिए साउथ चाइना सी के छोटे देशों को भारत से सहयोग की उम्मीद हैं। इस रपट को भारत का रिस्पांस मिलता इस निवेदन से सामने आ रहा है। 

‘साउथ चाइना सी’फिलीपीन्स के विदेश मंत्री एन्रीक मनालो भारत दौरे पर दाखिल हुए हैं और उन्होंने विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान हुई चर्चा में व्यापार, निवेश, विकास, स्वास्थ्य, दवाइयां, पर्यटन, कृषि और अंतरिक्ष अनुसंधान एवं रक्षा क्षेत्र के दोनों देशों के सहयोग का समावेश था। इस चर्चा के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्री ने संयुक्त निवेदन जारी किया और इसमें साउथ चाइना सी क्षेत्र की अस्थिरता का मुद्दा था। चीन की आक्रामकता के कारण इस क्षेत्र में अस्थिरता फैली है। इससे यहां के समुद्री क्षेत्र का हिस्सा होने वाले फिलीपीन्स एवं अन्य देशों को भी नुकसान पहुंच रहा हैं। चीन ने इस पूरे समुद्री क्षेत्र पर मालिकाना दावा करके सनसनी निर्माण की थी। इसके विरोध में वर्ष २०१६ में फिलीपीन्स ने अंतरराष्ट्रीय अदालत से गुहार लगाई थी।

हमारे समुद्री क्षेत्र पर चीन जता रहा दावा झूठा हैं और इसपर फिलीपीन्स का ही अधिकार साबित करने के लिए ऐतिहासिक कागजात भी फिलीपीन्स ने पेश किए थे। इस की अंतरराष्ट्रीय अदालत ने पुष्टि की और यह क्षेत्र फिलीपीन्स का घोषित करके चीन विरोधी निर्णय दिया था। चीन ने अंतरराष्ट्रीय अदालत का यह निर्णय स्वीकार ना करने का ऐलान भी कर दिया था। लेकिन, दुनियाभर के प्रमुख देशों ने इस मुद्दे पर चीन की आलोचना की थी। ऐसी स्थिति में भारत और फिलीपीन्स के विदेश मंत्री ने जारी किए संयुक्त निवेदन में चीन अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करें, यह मांग भी दर्ज़ की गई है।

इसके साथ ही मुक्त एवं खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को लेकर भारत और फिलीपीन्स की नीति एक समान होने का बयान भी इस संयुक्त निवेदन में हैं।

साउथ चाइना सी के विवाद में चीन विरोधी स्पष्ट भूमिका अपनाने से भारत आज तक दूर रहा था। लेकिन, इस विवाद को भारत बड़ी बारिकी से देख रहा हैं, ऐसा विदेश मंत्री ने कहा था। लेकिन, फिलीपीन्स के साथ जारी किए संयुक्त निवेदन में पहली बार भारत ने चीन को चेतावनी देनेवाली भूमिका अपनाकर विश्व का ध्यान आकर्षित किया है। भारत के हितसंबंधों को चुनौती दे रहे चीन को भारत ने इसके ज़रिये आगाह किया है और आगे के दौर में भारत की चीन संबंधित भूमिका अधिक से अधिक आक्रामक होगा, ऐसे संकेत इसके ज़रिये दिए जा रहे हैं।

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