बायडेन प्रशासन की गलत नीति का लाभ उठाकर चीन ने सौदी के साथ किए ३० अरब डॉलर्स के समझौते

रियाध – पिछले डेढ़ सालों में अमरीका के बायडेन प्रशासन ने सौदी अरब और खाड़ी के मित्र देशों के प्रति अपनाई गलत नीति का लाभ चीन उठा रहा हैं। चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने सौदी का दौरा करके इस देश के साथ कुल ३० अरब डॉलर्स के समझौते किए हैं। मानव अधिकार और ईंधन उत्पादन के मुद्दे पर अमरीका और सौदी के संबंधों में तनाव बना है और इसी बीच चीन ने यह समझौते करने के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय निरिक्षक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। सौदी के दौरे के बाद चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग अन्य खाड़ी देशों का दौरा कर सकते हैं।

३० अरब डॉलर्स के समझौतेसौदी अरब और खाड़ी के अन्य देशों के साथ अमरीका के पिछले कई दशकों से मित्रता के संबंध बने थे। लेकिन, बायडेन ने अमरीका की बागड़ोर संभालने के साथ ही खाड़ी देश और अमरीका के संबंधों में तनाव निर्माण हुआ है। परमाणु समझौते के लिए ईरान के साथ शुरू की हुई बातचीत, सौदी-यूएई पर मानव अधिकारों का उल्लंघन करने के लगाए आरोप इसकी वजह बनी थी।

बायडेन प्रशासन ने अपनी भूमिका में बदलाव नहीं किया तो वह खाड़ी के अपने मित्रदेशों को खो देगी और इस स्थिति का लाभ उठाकर चीन खाड़ी में अपने पैर जमाएगा, ऐसी चेतावनी अमरिकी सिनेटर्स और विश्लेषकों ने दी थी। ऐसी स्थिति में चीन के राष्ट्राध्यक्ष सी जिनपिंग तीन दिन की यात्रा के लिए सौदी पहुँचे हैं। सौदी के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात करने के बाद चीन ने सौदी के साथ ३० अब्ज डॉलर्स के ३४ समझौते किए हैं।

इसमें हरित ऊर्जा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, यातायात की व्यवस्था, निर्माण कार्य क्षेत्र से संबंधित समझौतों का समावेश होने का दावा किया जा रहा है। साथ ही प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान के ‘विजन २०३०’ और जिनपिंग के ‘बेल्ट ॲण्ड रोड इनिशिएटिव’ पर चर्चा होने की जानकारी सामने आ रही है।

रियाध में शुक्रवार से ‘चायनीज-अरब समिट’ का आयोजन हो रहा है। इसमें खाड़ी के ईंधन समृद्ध अन्य देश भी शामिल होंगे। इस वजह से जिनपिंग की इस सौदी यात्रा को प्राप्त हो रही सफलता बायडेन प्रशासन की गलत नीति का नतीज़ा होने का दावा अंतरराष्ट्रीय माध्यम एवं विश्लेषक कर रहे हैं।

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