परमाणु पनडुब्बियों का बेड़ा ऑस्ट्रेलिया को निर्धारित समय पर ही प्राप्त होगा – ‘ऑकस’ की बैठक में अमरीका का ऐलान

वॉशिंग्टन – ‘ऑकस देशों का सैन्य गुट मज़बूत करने के लिए ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पनडुब्बियों से मुस्तैद करने के अपने निर्णय पर अमरीका कायम हैं। पिछले साल किए गए समझौते के अनुसार निर्धारित समय पर ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पनडुब्बियों का बेड़ा प्राप्त होगा’, यह ऐलान अमरीका के रक्षा मंत्री लॉईड ऑस्टिन ने किया। ऑस्ट्रेलिया के उप-प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने इस ऐलान का स्वागत किया। लेकिन, अमरीका के रिपब्लिकन सिनेटर्स और फ्रान्स ने इस सहयोग की पहले ही आलोचना की हैं। यह गुट और इसका सहयोग कभी भी सच्चाई में उतरेगा नहीं, यह दावा अमरिकी सिनेटर्स कर रहे हैं। कुछ घंटे पहले ही रक्षामंत्री ऑस्टिन ने जापान को भी इस सैन्य गुट में शामिल होने का आवाहन किया था।

परमाणु पनडुब्बियों१५ महीने पहले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए चीन खतरा होने का दावा करके अमरीका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया इन तीन देशों के नए ‘ऑकस’ गुट का गठन किया था। पिछले साल बायडेन ने जल्दबाजी में गठित किए इस गुट ने ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पनडुब्बियों से मुस्तैद करने का ऐलान किया था। साल २०२३ के मार्च तक ऑस्ट्रेलिया को पनडुब्बी प्रदान होगी, यह घोषणा बायडेन ने की थी। इसके बाद इस मुद्दे पर किसी भी तरह की गतिविधि नहीं हुई थी।

इस पृष्ठभूमि पर बुधवार को पेंटॅगॉन में अमरीका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री की अहम बैठक हुई। इस अवसर पर अमरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने ऑस्ट्रेलिया को निर्धारित समय पर पनडुब्बी प्रदान करने का ऐलान किया। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति स्थापित करने की सफलता इससे प्राप्त होगी, यह दावा ऑस्टिन ने किया। इसी बीच इससे ऑस्ट्रेलियन करदाताओं पर अतिरिक्त भार बनेगा नहीं, यह जानकारी ऑस्ट्रेलियन उप-प्रधानमंत्री मार्लेस ने साझा की। लेकिन, बायडेन ने स्थापित किया यह गुट और इसके उद्देश्य सच्चाई में नहीं उतरेंगे, ऐसी फटकार अमरीका के रिपब्लिकन सिनेटर्स ने लगाई थी।

परमाणु पनडुब्बियोंचीन ने अपनी नौसेना के सामर्थ्य में बढ़ोतरी करने की शुरू की हुई कोशिशों के मद्देनज़र अमरिकी नौसेना के लिए आवश्यक परमाणु पनडुब्बि की ज़रूरत पूरी करने की प्राथमिकता है। इसके अलावा अमरीका ने अन्य किसी को भी परमाणु पनडुब्बी प्रदान करना व्यवहार्य नहीं होगा, यह दावा अमरीका के रिपब्लिकन सिनेटर्स कर रहे हैं। ऐसे में बायडेन प्रशासन ने ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पनडुब्बि का प्रस्ताव देकर फ्रान्स की पीठ में खंजर घोपा, यह आरोप फ्रान्स ने पहले ही लगाया था।

इसी बीच, पिछले कई सालों से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में ही चीन विरोधी मज़बूत गुट के तौर पर भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया इन देशों के ‘क्वाड’ गुट की अहमियत कम करने के लिए बायडेन ने ‘ऑकस’ नामक गुट का गठन करने की बात स्पष्ट हो रही है। बायडेन ने सत्ता की बागड़ोर संभालने के बाद क्वाड संगठन सीर्फ ऐलान करने तक सीमित रखा हैं। वास्तव में अमरीका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया का ऑकस गुट बनाकर बायडेन ने क्वाड की अहमियत कम करने की कोशिश की। इसके बाद अब क्वाड के ही सहयोग देश ऑस्ट्रेलिया और जापान को भारत से अलग करके अमरीका स्वतंत्र सैन्य गुट स्थापित करने के इरादे रखती देखी जा रही है।

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