युआन को वैश्‍विक मुद्रा बनानी हो तो चीन ने सुधार करने होंगे – अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की गीता गोपीनाथ की सलाह

yuan-global-currency-imf-1वॉशिंग्टन – चीन की हुकूमत को यदि अपनी युआन मुद्रा को वैश्‍विक आरक्षित मुद्रान बनाने की इच्छा हो तो उन्हें अधिक सुधार करने होंगे| चीन ने कैपिटल मार्केट पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाना होगा और अपनी मुद्रा को पूरी तरह से रूपांतरित करने का निर्णय लेना पडेगा, ऐसी सलाह अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने दी| मुद्राकोष के वरिष्ठ आर्थिक विशेषज्ञ गीता गोपीनाथ ने यह बयान किया है| इस दौरान उन्होंने वैश्‍विक इतिहास में आरक्षित मुद्रा रहे ब्रिटीश पौंड़ एवं अमरिकी डॉलर्स की उपलब्धता पर कोई भी नियंत्रण ना होने की ओर ध्यान आकर्षित किया|

yuan-global-currency-imf-3दो महीने पहले अंतरराष्ट्रीय ‘स्विफ्ट’ यंत्रणा की रपट में चीन की युआन मुद्रा का वैश्विक स्तर पर इस्तेमाल बढ़ने की बात दर्ज़ की थी| ‘स्विफ्ट’ की रपट के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में युआन का हिस्सा ३.२ प्रतिशत तक पहुँचा है| इसी बीच अमरिकी डॉलर और युरो का इस्तेमाल ४० प्रतिशत घटा है| फ़रवरी के अन्त में रशिया-यूक्रैन युद्ध शुरू होने पर रशियन मुद्रा पर प्रतिबंध लगाने की पृष्ठभूमि पर युआन का इस्तेमाल ज्यादा बढ़ने की बात सामने आ रही है|

yuan-global-currency-imf-2चीन की हुकूमत रशिया-यूक्रैन युद्ध का लाभ उठाकर युआन के अंतरराष्ट्रीयीकरण को गति प्रदान करेगी, ऐसे दावे विश्‍लेषक कर रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर मुद्राकोष की प्रमुख आर्थिक विशेषज्ञ की सलाह ध्यान आकर्षित कर रही है| ‘पिटर्सन इन्स्टीट्यूट फॉर इंटरनैशनल इकॉनॉमिक्स समारोह में गीता गोपीनाथ ने चीन की हुकूमत से सुधार करने की गुहार लगाई|

‘किसी देश को अपनी मुद्रा वैश्‍विक स्तर पर आरक्षित मुद्रा बनाने की इच्छा हो तो इसके लिए देश की अर्थव्यवस्था में पूंजी के कारोबार मुक्त होने चाहियें| देश का पूंजी खाता प्रतिबंधों से दूर और मुक्त होना चाहिये और विनिमय दर को लेकर मुद्रा पूरी तर से परिवर्तनीय होनी चाहिये| फिलहाल चीन में इन्हीं बातों का पालन नहीं होता’, ऐसी फटकार गोपीनाथ ने लगायी| लंबे समय तक प्रधानमंत्री की नीति को फटकार लगायी| लंबे समय की आर्थिक नीति के खिलाफ जाकर पूंजी को रोकने के निर्णय ना करें या विनिमय दर पर प्रभाव निर्माण ना करें, ऐसी सलाह मुद्राकोष के आर्थिक विशेषज्ञों ने दी|

चीन की हुकूमत ने आर्थिक विकास दर पर असर ना पडे, इसके लिए पूंजी के कारोबार पर बार-बार प्रतिबंध लगाने की बात सामने आयी है| इस पृष्ठभूमि पर मुद्राकोष का इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा है| इसी बीच, कोरोना का विस्फोट और लॉकडाऊन की पृष्ठभूमि पर चीन की अर्थव्यवस्था को लग रहे झटके अधिक तीव्र होने के संकेत मिल रहे हैं| विश्‍व की प्रमुख वित्तसंस्थाओं ने इस साल चीन का आर्थिक विकास दर अधिकतम ४.५ प्रतिशत के इर्दगिर्द रहेगा, यह अनुमान लगाया है| इनमें जे.पी.मॉर्गन, गोल्डमन सैक्स, मॉर्गन स्टैनले, अलियान्झ ट्रेड और बर्कलेज् का समावेश है|

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