ब्रिटेन के साथ पश्चिमी देशों में चीन बड़ी जासुसी कर रहा हैं – ब्रिटेन की गुप्तचर यंत्रणा के प्रमुख की चेतावनी

वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत ब्रिटेन के साथ अन्य प्रमुख पश्चिमी देशों में बड़ी मात्रा में जासूसी कर रही हैं, ऐसा गंभीर आरोप ब्रिटीश गुप्तचर यंत्रणा के प्रमुख ने दी है। अकेले ब्रिटेन में ही जासूसी करने के लिए चीनी यंत्रणा ने लगभग २० हजार लोगों से संपर्क बनाने की जानकारी गुप्तचर यंत्रणा को प्राप्त है, ऐसा दावा भी उन्होंने किया। अमरिका के ‘हूवर इन्स्टीट्यूट’ में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने चीन की जारी जासूसी को लेकर चेतावनी दी। इस कार्यक्रम में ‘फाईव्ह आईज्‌’ कहे जा रहे पांच देशों के गुप्तचर प्रमुख मौजूद थे।

अमरिका की गुप्तचर यंत्रणा ने अपनी सालाना रपट में चीन की बढ़ती क्षमता का ज़िक्र करके सायबर हमले, गश्त और जासूसी की ओर ध्यान आकर्षित किया था। कुछ दिन पहले अमरिका ने चीन की जासूसी के बढ़ते खतरे के विरोध में एशियाई देशों से सहयोग स्थापीत करने के संकेत दिए थे। इसके बाद अब अमरिका में ‘फाईव्ह आईज्‌’ के गुप्तचर प्रमुखों को सार्वजनिक कार्यक्रम में बुलाकर चीन की जासूसी को लेकर खुला अहसास कराना धअयान आकर्षित करता है।

‘हूवर इन्स्टीट्यूट’ में आयोजित कार्यक्रम का नियंत्रण अमेरीका के पूर्व विदेश मंत्री कॉन्डोलिझा राईस ने किया। इस कार्यक्रम में ब्रिटेन की ‘एमआई-५’ एवं अमरिका की ‘एफबीआई’ के साथ ऑस्ट्रेलिया, न्यूझीलैण्ड और कनाड़ा के गुप्तचर प्रमुख ने चीन की हरकतों का ज़िक्र किया। ब्रिटेन की ‘एमआई-५’ के प्रमुख केन मैक्कलम्‌ ने ब्रिटेन में चीन की जासूसी का विस्तार से ज़िक्र किया। चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत इंटरनेट एवं नेटवकिग साईटस्‌ का इस्तेमाल करके विभिन्न क्षेत्र के लोगों को अपने जाल में खिंचने की कोशिश में होने की ओर मैक्कलम ने ध्यान आकर्षित किया।

कुछ दिन पहले ही ब्रिटेन की संसद में भी चीन की जासूसी का मामला उठाया गया था। ब्रिटेन के वाहन क्षेत्र के विशेषज्ञ एवं उद्योग संबंधित गुटों ने चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल जासूसी के लिए हो सकता हैं, ऐसी चेतावनी भी दी थी। ‘एफबीआई’ के प्रमुख ख्रिस्तोफर रे ने भी चीन प्रौद्योगिकी क्षेत्र से खुफिया जानकारी पाने के लिए भारी मात्रा में जासूसी का इस्तेमाल करने में लगा होने का इशारा दिया।

पिछले कुछ महीनों में विश्व के प्रमुख देश चीन के बढ़ते खतरे की ओर लगातार ध्यान आकर्षित कर रहे हैं और इसमें चीन की जारी जासूसी का मुद्दा भी रेखांकित किया जा रहा हैं। अमरिका ने कुछ महीने पहले ही क्युबा में चीन का केंद्र होने का ज़िक्र करके सनसनी फैलाई थी। इस साल के शुरूआत में अमरिका में पाए गए चीनी बलून्स भी जासूसी का ही हिस्सा होने की बात सामने आयी थी।

इस पृष्ठभूमि पर अमरिका ने ‘फाईव्ह आईज्‌’ के गुप्तचर प्रमुख को सार्वजनिक कार्यक्रम में बुलाकर चीन की जासूसी के खतरे का अहसास करना ध्यान आकर्षित करता है।

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