चीन का रक्षाखर्च २३० अरब डॉलर्स पर – २०२२ के बजट में सात प्रतिशत से भी अधिक बढ़ोतरी

बीजिंग – रशिया-यूक्रैन युद्ध और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में बढ़ी गतिविझियों की पृष्ठभूमि पर चीन ने अपने रक्षा खर्च में काफी बड़ी बढ़ोतरी की हैं| शनिवार को चीन सरकार ने घोषित किए ‘बजट रिपोर्ट’ में रक्षा क्षेत्र के लिए भारी २३० अरब डॉलर्स का प्रावधान करने का ऐलान किया| पिछले साल की तुलना में रक्षाखर्च में सात प्रतिशत से भी अधिक बढ़ोतरी की गई हैं|

चीन का रक्षाखर्च २३० अरब डॉलर्स पर - २०२२ के बजट में सात प्रतिशत से भी अधिक बढ़ोतरी‘चीन की हुकूमत युद्ध की तैयारी बढ़ाने पर जोर देगी और चीन की संप्रभुता एवं सुरक्षा संबंधित हितसंबंधों की रक्षा करेगी’, इन शब्दों में देश के प्रधानमंत्री ली केकिआंग ने रक्षा खर्च में बढ़ोतरी करने के प्रावधान की जानकारी दी| चीन के विश्‍लेषक एवं विशेषज्ञों ने साझा की हुई जानकारी के नुसार आनेवाले दिनों में चीन अपनी परमाणु तैयारी बढ़ाने पर जोर देगा| साथ ही नवीनतम लड़ाकू विमान एवं नौसेना मज़बूत करने पर विशेध ध्यान दिया जाएगा, यह सूत्रों ने स्पष्ट किया|

चीन ने साल २०१६ से लगातार अपने रक्षा खर्च में पांच प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी करने की बात देखी गई हैं| साल २०१९ में चीन ने अपने रक्षाखर्च भारी ७.५ प्रतिशत बढ़ाया था| इसके बाद पिछले दो सालों में कोरोना की महामारी की पृष्ठभूमि पर रक्षाखर्च की बढ़ोतरी सात प्रतिशत से भी कम हुई थी| लेकिन, शनिवार को प्रसिद्ध हुए बजट रिपोर्ट में चीन फिर से रक्षा खर्च का दायरा बढ़ाने के लिए तैयार होने के संकेत दिए गए हैं|

चीन का रक्षाखर्च २३० अरब डॉलर्स पर - २०२२ के बजट में सात प्रतिशत से भी अधिक बढ़ोतरीचीन विश्‍व में दूसरें स्थान का रक्षाबल हैं और चीनी नौसेना ने कुछ वर्ष पहलें संख्या के स्तर पर अमरीका की नौसेना को भी पीछे छोड़ा हैं| चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने अमरीका को पीछे छोड़कर वैश्‍विक महासत्ता होने की महत्वाकांक्षा रखी हैं| इसके लिए अपने रक्षाबल को भी शीर्ष स्थान का दल बनाने के लिए चीन तेजी से कदम बढ़ा रहा हैं| इसके लिए परमाणु हथियार, हायपरसोनिक मिसाइल्स, स्टेल्थ लड़ाकू विमान, विमान वाहक युद्धपोत, ‘एम्फिबियस वॉरशिप्स’ की क्षमता बढ़ाने पर चीन ने जोर दिया हैं|

चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने अगले कुछ सालों में ताइवान पर कब्ज़ा करने का उद्देश्य रखा हैं?और इसके लिए रक्षाबलों की क्षमता बढ़ाना बड़ा ज़रूरी समझा जा रहा हैं| फिलहाल रशिया-यूक्रैन के जारी युद्धपर चीन की नज़र हैं और इसके नतीजे पर चीन अपनी ताइवान संबंधित योजना तय करेगा, ऐसें दावे विश्‍लेषक कर रहे हैं| इस वजह से चीन का बढ़ता रक्षाखर्च ध्यान आकर्षित कर रहा हैं|

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