चीन से कंबोडिया को हथियार प्रदान

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरनोम पेन्ह – साउथ चाइना सी में चीन की लष्करी आक्रामकता के विरोध में आसियान की बैठक में आलोचना शुरू होते समय, कंबोडिया के साथ चीन ने लष्करी सहयोग करने की खबरें आ रही है| इस सहयोग के अंतर्गत चीन ने ४ करोड़ डॉलर्स के शस्त्र प्रदान करने की जानकारी कंबोडिया ने दी है| कुछ दिनों पहले कंबोडिया ने चीन को नौसेना अड्डा उपलब्ध कराने की खबर प्रसिद्ध हुई थी| इस के बदले में चीन ने कंबोडिया को यह लष्करी सहायता प्रदान करने का दावा पाश्चात्य माध्यम कर रहे हैं|

२ दिनों पहले कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन ने चीन से शस्त्र की खरीदारी करने की घोषणा की थी| चीन ने कंबोडिया के साथ २९ करोड़ डॉलर्स की लष्करी सहायता का करार किया था| इसके अलावा चीन ने कंबोडिया को ४ करोड़ डॉलर्स की अतिरिक्त लष्करी सहायता देने की तैयारी रखने की बात प्रधानमंत्री सेन ने कही है| चीन ने शस्त्र रवाना किए हैं और आनेवाले कुछ घंटों में यह शस्त्र कंबोडिया में दाखिल होंगे, ऐसी जानकारी प्रधानमंत्री ने दी है|

पर कंबोडिया को चीन से कौन से शस्त्र प्रदान किए जा रहे हैं, इस बारे में प्रधानमंत्री सेन ने खुलासा नहीं किया है| तथा चीन कंबोडिया को अतिरिक्त लष्करी सहायता प्रदान करने के पीछे होनेवाला कारण भी उन्होंने स्पष्ट नहीं किया है| चीन एवं कंबोडिया के इस लष्करी सहयोग पर पश्चिमी देशों के माध्यमों ने संदेह व्यक्त किया है| कंबोडिया ने अपने लिए नौसेना अड्डा उपलब्ध कराने की वजह से चीन इस देश को बड़े तादाद में लष्करी सहायता प्रदान कर रहा है, यह बात माध्यमों ने कही है|

पिछले हफ्ते में अमरिका के अग्रणी के अखबार ने चीन एवं कंबोडिया में ‘सीक्रेट करार’ होने की खबर प्रसिद्ध की थी| कंबोडिया का रिअम बंदरगाह चीन के नौसेना के लिए उपलब्ध करने के बारे में यह करार हुआ था| साउथ चाइना सी के क्षेत्र में तथा थाईलैंड के खाड़ी क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए यह बंदरगाह चीन की नौसेना के लिए सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने का दावा अमरिकी अखबार ने किया था| चीन के गश्ती जहाज इस बंदरगाह में तैनात होने के फोटो भी प्रसिद्ध हुए थे| पर चीन के साथ किसी भी प्रकार का करार न होने की बात कंबोडिया ने उस समय कही थी|

दौरान प्रधानमंत्री सेन चीन के साथ अधिक नजदीकी बढ़ाकर कंबोडिया में राजनैतिक स्वतंत्रता का दमन करने की कोशिश में होने का आरोप किया जा रहा है| चीन से कर्जा एवं निवेश प्राप्त करके कंबोडियन सरकार देश में चीन समर्थक धारणा कार्यान्वित करने का आरोप भी कंबोडिया में विपक्षी नेता कर रहे हैं| इससे पहले भी चीन ने श्रीलंका, मालदीव, जिंबाब्वे इन देशों में जनतंत्रशाही के विरोधी नेताओं के पीछे अपना समर्थन खडा किया था| पर उसके बाद चीन का समर्थन होनेवाले इन नेताओं को सत्ता छोड़नी पड़ी थी| एवं उसके बाद इन देशों में जनतंत्रवादी नेताओं ने चीन को कड़ा विरोध किया था|

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