‘साउथ चाइना सी’ में तैनाती के लिए चीन कर रहा है तैरते एटमी केंद्र का निर्माण

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबीजिंग – चीन ने तैरते परमाणु केंद्र के निर्माण की घोषणा की है और ऐसे कुल २० तैरते परमाणु प्रकल्प चीन निर्माण करनेवाला है| इन परमाणु केंद्र का उपयोग साउथ चाइना सी में कृत्रिम द्वीपों के लिए किया जाएगा, ऐसी जानकारी चीन के अधिकारियों ने दी है| इससे पहले भी इस सागरी क्षेत्र में चीन के लष्करीकरण पर अमरिका ने आक्षेप लिया था| अब चीन ने इस सागरी क्षेत्र में तैरते परमाणु प्रकल्प तैनात करने की घोषणा करके इस क्षेत्र के तनाव में अधिक बढ़ोतरी की है|

चीन के कम्युनिस्ट प्रशासन से संबंधित ‘चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉरपोरेशन’ (सीएनएनसी) इस कंपनी के अधिकारी ने सरकारी दैनिक से बोलते हुए तैरते परमाणु प्रकल्प की जानकारी दी है| पिछले वर्ष चीन ने तैरते परमाणु प्रकल्प की प्रतिकृति तैयार की थी| चीन के पूर्वी भाग शांगदौंग प्रांत के किनारे के पास यह परीक्षण किया गया था| पर इस तैरते परमाणु ऊर्जा प्रकल्प के निर्माण की योजना में बाधा निर्माण हुई है| पर अब इस तैरते परमाणु प्रकल्प का मार्ग खुला होने की बात इस अधिकारी ने कही है|

समुद्र में ईंधन प्रकल्प अथवा द्वीपों को बिजली प्रदान करने के लिए इस परमाणु ऊर्जा केंद्र का उपयोग किया जाता है| तथा रशिया ने आर्टिक महासागर में बर्फ छेदने के लिए भी ऐसी परमाणु ऊर्जा पर आधारित जहाजों का निर्माण किया है| पर सीएनएनसी के अधिकारी ने दी जानकारी के अनुसार साउथ चाइना सी के सागरी क्षेत्र में चीन ने निर्माण किए कृत्रिम द्वीपों को बिजली प्रदान करने के लिए तैरते परमाणु प्रकल्प का निर्माण होनेवाला है| इसके लिए लगभग २ अरब डॉलर्स के आसपास खर्च अपेक्षित है| २०२१ वर्ष में यह तैरते परमाणु प्रकल्प साउथ चाइना सी में तैनाती के लिए तैयार रहेंगे ऐसा दावा चीनी अधिकारी ने किया है|

आनेवाले वर्ष के आखिर तक पहले तैरते परमाणु प्रकल्प का निर्माण कार्य शुरू होनेवाला है और चीन ऐसे २० जहाज निर्माण कर रहा है| यह सारे तैरते परमाणु जहाज साउथ चाइना सी में चीन निर्माण कर रहे कृत्रिम दीपों के समूह के लिए ही होने का दावा चीनी अधिकारी ने किया है| तैरते परमाणु केंद्र भविष्य की जरुरत होकर इसका उपयोग शांतिपूर्ण कामों के लिए किया जाएगा, ऐसा दावा चीनी अधिकारी कर रहे हैं| पर साउथ चाइना सी में तैरते परमाणु प्रकल्प तैनात करने की योजना पर अमरिका एवं यूरोप के विश्‍लेषक और माध्यम आलोचना कर रहे हैं| तैरते परमाणु केंद्र तैनात करके चीन साउथ चाइना सी क्षेत्र में परमाणुकरण करने का दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं|

इससे पहले भी साउथ चाइना सी में चीन ने निर्माण किये एक कृत्रिम द्वीप और उसके लष्करीकरण बहुत विवादग्रस्त ठहरा था| एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों ने चीन के लष्करीकरण को विरोध किया है और अमरिका ने इन देशों को अपना समर्थन दिया है| तथा अमरिका ने साउथ चाइना सी के सागरी तथा हवाई सीमा में अपनी युद्धनौका और विमानों की गश्ती शुरू रखी है| ऐसी परिस्थिति में चीन ने इस सागरी क्षेत्र में तैरते परमाणु प्रकल्प तैयार करने की घोषणा करने की वजह से अमरिका से इस पर जोरदार प्रतिक्रिया उमड़ सकती है|

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