प्रगत पनडुब्बीयों का निर्माण करने के लिए अमरिका और जापान तैवान की सहायता करें – तैवान के भूतपूर्व रक्षामंत्री का निवेदन

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरतैपेई/वॉशिंगटन: पैसिफिक क्षेत्र में चीन के प्रभाव को तैवान चुनौती दे सकता है| इसीलिए चीन को चुनौती देनेवाली प्रगत पनडुब्बियों का निर्माण करने के लिए अमरिका और जापान तैवान की सहायता करें, ऐसा आवाहन तैवान की भूतपूर्व रक्षा मंत्री माइकल त्साई ने किया है| प्रगत पनडुब्बियों का निर्माण करने के लिए तैवान के रक्षा मंत्रालय ने बड़ा प्रावधान घोषित किया है|

चीन तैवान को निगल ना पाए, ऐसा लग रहा है तो सबसे पहले तैवान को प्रगत पनडुब्बियों का बेड़ा निर्माण करना होगा| तैवान की सुरक्षा के लिए यह अत्यंत आवश्यक है, ऐसा तैवान के भूतपूर्व रक्षामंत्री माइकल त्साई ने हडसन इंस्टिट्यूट इस अमरिकी अभ्यास गुट के कार्यक्रम में बोलते हुए स्पष्ट किया है|

अमरिका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष जॉर्ज बुश इनके कार्यकाल में तैवान को पनडुब्बियों से सज्ज करने की योजना नाकाम साबित होने का खेद त्साई ने व्यक्त किया है| पर तैवान ने देश में ही पनडुब्बियों का निर्माण करने की तैयारी की है और इसके लिए अमरिका, जापान और अन्य देशों से तंत्रज्ञान विषयक सहायता आवश्यक है, ऐसी अपेक्षा भूतपूर्व रक्षामंत्री ने व्यक्त की है|

अमरिका और जापान इस जनतंत्रशाही समर्थक देशों ने तैवान को आवश्यक लष्करी सहायता प्रदान की तो चीन के धौंसियों का सामना करने के लिए वियतनाम, फिलिपाईन्स, सिंगापुर इन आग्नेय एशियाई देशों को तथा ऑस्ट्रेलिया का विश्वास बढ़ेगा एवं राजनीतिक स्तर पर तैवान को समर्थन मिलेगा| अमरिका, जापान एवं तैवान का यह व्यापक सहयोग चीन को संदेश देनेवाला होगा, ऐसा दावा माइकल त्साई ने किया है|

४ वर्षों पहले ‘रिंपैक’ इस युद्धाभ्यास में चीन को आमंत्रित किया था| पर साउथ चाइना सी में आक्रामकता की वजह से फिलहाल युद्धाभ्यास में चीन के प्रवेश से इनकार किया गया है| पर आगे चलकर रिंपैक के युद्धाभ्यास में अमरिका एवं मित्र देश तैवान को आमंत्रित करें तथा तैवान की सीमा में अमरिका के विध्वंसक और लड़ाकू विमानों की गश्ती बढ़ाएं ऐसा निवेदन त्साई ने किया है|

तैवान को पनडुब्बियों से सज्ज करना अमरिका के हित का होगा, ऐसा हडसन इंस्टिट्यूट के अभ्यास गुट के वरिष्ठ विश्‍लेषक सेठ क्रॉप्सी ने भी रेखांकित किया है| पैसिफिक क्षेत्र पर वर्चस्व दिखाने के लिए चीन और चीन की लष्कर को तैवान पर पकड़ प्राप्त करना आवश्यक लग रहा है| तथा दूसरी तरफ इस क्षेत्र में प्रभाव बरकरार रखने के लिए तैवान अमरिका के लिए हल की तरह काम कर सकता है, ऐसा दावा क्रॉप्सी ने किया है|

तैवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई इंग वेन की सत्ताधारी ‘डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी’ डीपीपी के वरिष्ठ नेता होनेवाले माइकल त्साई यह तैवान के स्वतंत्रता के समर्थक के तौर पर पहचाने जाते है|

प्रगत तकनीक पर आधारित पनडुब्बियों के निर्माण के लिए तैवान के रक्षा मंत्रालय ने कुछ घंटों पहले ३४ करोड़ डॉलर्स का प्रावधान घोषित किया है| इन पनडुब्बियों का निर्माण तैवान में होगा| इन पनडुब्बियों के लिए आवश्यक तकनीक तथा शस्त्र की खरीदारी के लिए तैवान ने अपने मित्र देशों को पूछा है| तैवान की नौसेना में छह-छह अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल अमरिका एवं यूरोपीय देशों में जानेवाला है|

पिछले कई महीनों से तैवान को बड़े तादाद में लष्करी सहायता प्रदान करनेवाले अमरिका की कुछ कंपनियों ने पनडुब्बियों के लिए आवश्यक तकनीक प्रदान करने की तैयारी व्यक्त की थी| साथ ही स्टिंगर मिसाइल यंत्रणा, टीओडब्ल्यू-२बी, टैंक भेदी मिसाइल, एफ-१६वी जेटस्, एम१ए२ एम्ब्रैम्स टैंक संबंधी सहयोग के बारे में भी अमरिका और तैवान के लष्करी अधिकारियों में बैठक होनेवाली है|

तैवान यह अपना ही भूभाग होकर तैवान के साथ अमरिका किसी भी प्रकार के संबंध ना रखें, ऐसी चीन की भूमिका है| तैवान से लष्करी सहयोग रखनेवाले अमरीका को गंभीर परिणामों का सामना करना होगा, ऐसी धमकी चीन ने दी है| पर चीन की धमकियों की परवाह न करते हुए ट्रम्प प्रशासन ने तैवान को लष्करी सहायता देने की आक्रामक धारणा का स्वीकार किया है|

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