अमरिका और चीन में आर्थिक युद्ध होने के संकेत – प्रसारमाध्यमों का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंग्टन/बीजिंग: अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प चीन के साथ व्यापारी समझौते पर हस्ताक्षर करने के संकेत दे रहे है, तभी दोनों देशों के बीच नए युद्ध की शुरूआत होने के संकेत भी प्राप्त हो रहे है| अंतरराष्ट्रीय प्रसार माध्यमों ने इस बारे में समाचार जारी किया है और व्यापार युद्ध फिलहाल खतम हुआ हो, फिर भी आर्थिक स्तर पर बडे युद्ध की गतिविधियां शुरू होने की बात कही जा रही है| अमरिका में चीन विरोधी गुट इस के लिए सक्रिय हुआ है और वित्त एवं निवेष क्षेत्र में चीन का बढ रहा प्रभाव रोकना ही इसके पीछे उद्देश्य होने का दावा किया जा रहा है|

दो महीने पहले चीन के भूतपूर्व अर्थमंत्री ने आर्थिक युद्ध तीव्र होने का इशारा दिया था| ‘अमरिका और चीन में पिछले कुछ समय से देखी गई स्पर्धा का अगला स्तर आर्थिक युद्ध होगा| कानून के लंबे हाथों का इस्तेमाल करके की हुई कार्रवाई, अलग अलग कारण आगे करके चुनिंदा कंपनियों पर लगाई जा रही पाबंदी जैसी कार्रवाईयां इसके तहेत होगी| झेडटीई और हुवेई जैसी कंपनियों पर हुई कार्रवाई से भी यह दिखाई दिया है, इन शब्दों में चीन के भूतपूर्व वित्तमंत्री लो जिवेई ने नए संघर्ष की ओर ध्यान आकर्षित किया था|

अमरिका की संसद में इक्विटेबल एक्टनाम का विधेयक रखने की तैयारी हो रही है| रिपल्बिकन पक्ष के नामांकित सिनेटर मार्को रुबिओ समेत पांच अन्य सिनेटर्स इस विधेयक का समर्थन कर रहे है| अमरिकी शेअरबाजार में रजिस्टर्ड एवं अमरिका में निवेष कर रही चीन की कंपनियों ने उनके व्यवहारों की पुरी जानकारी प्रदान करें, साथ ही पारदर्शित रखे, यह प्रावधान इस में किया गया है| फिलहाल अमरिकी शेअर बाजार में चीन की १७२ कंपनियां रजिस्टर्ड है|

चीन की इन कंपनियों ने अमरिकी शेअर बाजार एवं निवेष सं जुडे अन्य क्षेत्रों में लगभग दो ट्रिलियन डॉलर्स का निवेष किया है| अमरिकी संसद ने चीन की कंपनियों के बारे में कानून पारित किया तो इन दो ट्रिलियन डॉलर्स के निवेष को झटका लग सकता है|

चीन की कंपनियां अमरिका में किया अपना निवेष हटा सकती है, यह संकेत चीन से कुछ विश्‍लेषक एवं प्रसारमाध्यमों ने पहले ही दिए है| इस वजह से अमरिकी संसद में पेश हो रहा विधेयक और इस पर चीन की प्रतिक्रिया दोनों देशों में आर्थिक युद्ध शुरू करने का कारण बन सकती है, यह दावा माध्यमों से हो रहा है|

दो देशों के इस आर्थिक युद्ध के लिए अमरिका में ही एक गुट कडा विरोध कर रहा है और इसमें देश के नामांकित कंपनियां भी शामिल है| इस वर्ष के आखिर में अमरिका में होनेवाले राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनावों की पृष्ठभूमि पर देश में कोई भी दल या उम्मीदवार नामांकित कंपनियों को नाराज नही कर सकेगा, यह संकेत सूत्र दे रहे है|

पर, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की चीन संबंधी नीति और उनके नजदिकी लोगों ने अपनाई भूमिका पर ध्यान दे तो दोनों देशों में आर्थिक युद्ध शुरू होने की संभावना पुरी तरह से ठुकराना मुमकिन नही है, यह इशारा माध्यमों ने दिया है|

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