‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ को लेकर चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी में मतभेद – अंतरराष्ट्रीय माध्यम और विश्लेषकों का दावा

बीजिंग – चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने थोपी ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ की वजह से शासक कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में ही मतभेद निर्माण होने की बात सामने आ रही है। राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग और प्रधानमंत्री केकियांग की एक-दूसरे के विरोधी भूमिका चीन की अर्थव्यवस्था में तनाव बढ़ा रही है। अंतरराष्ट्रीय माध्यम और विश्लेषकों ने चीन के सरकारी सूत्रों के दाखिले से यह जानकारी साझा की। इस पॉलिसी की वजह से चीन की जनता में नाराज़गी और असंतोष की भावना होने की खबरें पहले ही प्रसिद्ध हुई थीं।

‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी'कोरोना के नए वेरिएंट की वजह से शांघाई के बाद राजधानी बीजिंग में सख्त लॉकडाऊन लगाया गया है। राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ को अपनाया है। इसके कारण जिन शहरों में और इलाकों में प्रतिबंध लगाए गए हैं वहां पर कोरोना संक्रमितों को ‘मेटल बॉक्स’ में रहने के लिए मज़बूर किया जा रहा है। शांघाई जैसे औद्योगिक शहरों में ज़ीरो कोविड पॉलिसी से परेशान हुए नागरिकों ने आत्महत्या करने के वीडियो भी सामने आए थे। इस नीति ने चीन के उद्योग क्षेत्र को बड़ा नुकसान पहुँचाया है और देश की अर्थव्यवस्था को इससे काफी बड़ा नुकसान पहुँचेगा, यह अनुमान चीन के विश्लेषकों ने लगाया था।

अब राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने अपनायी इस नीति से प्रधानमंत्री ली केकियांग सहमत ना होने की बात सामने आ रही है। देश की अर्थव्यवस्था को ताकत देकर पूर्वनिर्धारित विकास दर प्राप्त करने की नीति अपनाएं, ऐसे निदेश प्रधानमंत्री केकियांग ने दिए हैं। लेकिन, राष्ट्राध्यक्ष की ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ प्रधानमंत्री केकियांग के निदेशों में रुकावट बन रही है, इसकी कबूली चीन के वरिष्ठ अधिकारी और सरकारी कर्मचारी दे रहे हैं। अमरिकी वृत्तसंस्था ब्लूमबर्ग ने आठ चीनी अधिकारियों के दाखिले से यह खबर प्रसिद्ध की। इससे चीन के अधिकारी वर्ग में भारी मात्रा में संभ्रम निर्माण हुआ है।

‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी'राष्ट्राध्यक्ष और प्रधानमंत्री में से किसके आदेशों का पालन करें, इस पर अधिकारी वर्ग में संभ्रम है।

प्रधानमंत्री केकियांग देश की अर्थव्यवस्था सामान्य स्तर पर लाने के लिए आवश्यक नीति बना रहे हैं, फिर भी उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी के पॉलिट ब्युरो का समर्थन प्राप्त ना होने की बात सरकारी अधिकारी कह रहे हैं। इसके विपरीत पॉलिट ब्युरो के सात सदस्यों की समिती ने अध्यक्ष जिनपिंग की नीति के विरोध में बयान कर रहे या उस पर सवाल उठानेवालों पर कार्रवाई करने के आदेश देने की खबर चीन के सरकारी समाचार चैनल ने कुछ दिन पहले दी थी। इस पर अमरिकी समाचार चैनल ने ध्यान आकर्षित किया है। केकियांग ने भी इस पर नाराज़गी जतायी थी, इस पर भी अमरिकी समाचार चैनल ध्यान आकर्षित कर रहा है।

इस साल के अन्त में चीन के नेतृत्व को लेकर विशेष परिषद का आयोजन हो रहा है। इससे पहले कोविड मामले में किसी भी तरह की लापरवाही कम्युनिस्ट पार्टी को मंजूर नहीं है। इस वजह से शी जिनपिंग के नेतृत्व में मतभेद होने के बावजूद कम्युनिस्ट पार्टी उनके विरोध में नहीं जाएगी, ऐसा दावा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं। कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र से राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग का ज़िक्र कम होकर प्रधानमंत्री केकियांग का ज़िक्र बढ़ता जा रहा है। लेकिन, केकियांग को जिनपिंग के विरोध में पूरा समर्थन प्राप्त होने के अन्य संकेत प्राप्त नहीं हुए हैं, इस बात पर भी अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

अपने देश के राजनीतिक मतभेद चार दिवारी में या पोलादी व्यवस्था में मिटाने की आदत चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनायी है। लेकिन, अब चित्र बदल गया है और चीन के पोलादी परदे के पीछे की काफी बातें विश्व के सामने आने लगी हैं। राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग और प्रधानमंत्री केकियांग के बीच मतभेद की खबरें, यही बात रेखांकित कर रही हैं। आनेवाले दिनों में इस राजनीतिक विसंवाद का चीन की अंदरुनि राजनीति पर प्रभाव पड़ा तो इसकी काफी बड़ी गूंज सिर्फ चीन ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में सुनाई दे सकती है।

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