चीन ने फिलिपाईन्स के जहाज़ पर तानी लेज़र लाईट – अमरीका द्वारा फिलिपाईन्स के सुरक्षा की गवाही

मनिला/वॉशिंग्टन – वेस्ट फिलिपाईन्स सी क्षेत्र में गश्त लगा रहे हमारे जहाज़ों पर चीन ने ‘लेज़र लाईट’ तानी, ऐसा आरोप फिलिपाईन्स ने लगाया है। सेना की श्रेणी के लेज़र का इस्तेमाल करके चीन ने हमारे सैनिकों को कुछ देर के लिए ‘ब्लाईंड’ कर दिया था, ऐसा आरोप फिलिपाईन्स ने लगाया है। फिलिपाईन्स के इस आरोप के बाद अमरीका के विदेश मंत्रालय ने यह गवाही दी है कि, फिलिपाईन्स की सुरक्षा के लिए अमरीका दौड़ी चली आएगी।

साउथ चाइना सी के विवाद को लेकर पिछले कई सालों से चीन और फिलिपाईन्स के बीच तनाव निर्माण हुआ है। फिलिपाईन्स का समुद्री क्षेत्र ‘वेस्ट फिलिपाईन्स सी’ पर भी चीन अपना दावा कर रहा है। इस समुद्री क्षेत्र के कलयान (स्प्रार्टले) और बाजो दी मासिंलोक (स्कारबोरो) नामक द्वीप समूहों पर फिलिपाईन्स का प्रशासकीय अधिकार है। लेकिन, साल २०१२ में चीन ने वहां के कुछ द्वीपों पर अपना हक होने का दावा करके वहां पर सैन्यीकरण करके कुछ कृत्रिम द्वीपों का निर्माण भी शुरु किया था।

फिलिपाईन्स द्वारा यह मामला अंतरराष्ट्रीय अदालत में उठाए जाने के बाद निर्णय चीन के खिलाफ हुआ था। तथा चीन इन द्वीप क्षेत्रों से पीछे हटे, ऐसी चेतावनी भी दी गई थी। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय अदालत के निर्णय का अवमान करके चीन ने फिलिपाईन्स दावा कर रहे द्वीपों पर अतिक्रमण जारी रखा है। इस समुद्री क्षेत्र में गश्त लगा रही फिलिपाईन्स की नौसेना और तटरक्षक बलों के जहाज़ों को भी चीन की नौसेना धमका रही है।

६ फ़रवरी को फिलिपाईन्स के थॉमस शोल क्षेत्र में भी ऐसी ही एक घटना घटी। चीन के तटरक्षक बल के जहाज़ ने फिलिपाईन्स के तटरक्षक बल के जहाज़ पर लेज़र लाईट तानी थी। इसकी वजह से कुछ समय तक हमारे सैनिकों को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, ऐसा फिलिपाईन्स के तटरक्षक बल ने स्पष्ट किया। फिलिपाईन्स सरकार ने चीन की इस हरकत का फोटो जारी करके चीन की आक्रामकता का सबूत पेश किया है। चीन की यह हरकत फिलिपाईन्स की संप्रभुता का स्पष्ट उल्लंघन करती है, यह आरोप भी फिलिपाईन्स ने लगाया है।

अमरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राईस ने चीन की यह हरकत क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए बड़ी खतरनाक होने का बयान किया है। साउथ चाइना सी के समुद्री क्षेत्र की स्वतंत्रता बरकरार रखना अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार ज़रूरी है। लेकिन, चीन इन नियमों को पैरों तले रौंद रहा है और फिलिपाईन्स की सुरक्षा को चीन से खतरा है तो फिर अमरीका साल १९५१ के समझौते के अनुसार अपने सहयोगी देश की सुरक्षा के लिए दौड़कर आएगी, ऐसा प्राईस ने कहा।

इसी बीच फिलिपाईन्स के राष्ट्राध्यक्ष ने पिछले हफ्ते ही जापान का दौरा किया था। आनेवाले समय में ताइवान की सुरक्षा का मसला हो तो अमरीका को अपने सैन्य अड्डे मुहैया कराने के संकेत फिलिपाईन्स के राष्ट्राध्यक्ष ने दिए थे। इससे गुस्से में आकर चीन ने फिलिपाईन्स के खिलाफ यह कार्रवाई की, ऐसा दावा किया जा रहा है।

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