‘साउथ चायना सी’ में जारी चीन की हरकतों पर अमरीका ने जताया कड़ा आक्षेप

वॉशिंग्टन, दि. २७ (वृत्तसंस्था) – पूरे विश्‍व का ध्यान कोरोना वायरस के विरोध में जारी कार्रवाई पर केंद्रित हुआ है और इसी स्थिति का फ़ायदा उठाकर चीन ने ‘साउथ चायना सी’ क्षेत्र पर अधिकार स्थापित करना शुरू किया है। चीन ने इस क्षेत्र के द्वीप अपने दो जिलों में शामिल करके, इन द्वीपों पर प्रशासकीय अफसरों की नियुक्ती करने का ऐलान भी किया है। लेकिन चीन ने उठाया यह कदम वियतनाम, फिलिपाईन्स इन पडोसी देशों की संप्रभुता का अधिकार ठुकरानेवाला है, यह कहकर अमरीका ने इस पर कडी आपत्ति जताई है। इसी बीच, ‘साउथ चायना सी’ में लष्करी वर्चस्व स्थापित करने के लिए चीन ने जारी की हुई हरकतें भारत के सामने भी चुनौती खड़ी करनेवाली होंगी, यह इशारा विश्‍लेषकों ने दिया है।

पिछले हफ्ते चीन की सरकार ने ‘साउथ चायना सी’ के क्षेत्र में स्थित करीबन ८० भौगोलिक ठिकानों को नए नाम देकर, इन सभी ठिकानों पर चीन का हक होने का रवैया अपनाया था। इसमें छोटे-मोटे २५ द्वीपों का एवं समुद्र के भीतर स्थित ५५ जगहों का समावेश था। पैरासेल और स्प्राटले द्वीपसमूह के क्षेत्र के इन ठिकानों की देखभाल करने के लिए प्रशासकीय अफसर की नियुक्ती करके चीन ने, इन द्वीपों पर अपना पूरा अधिकार स्थापित करने के लिए गतिविधियाँ शुरू कीं हुई दिख रही हैं।

चीन की इन कार्रवाईयों पर वियतनाम और फिलिपाईन्स इन पडोसी देशों के साथ अमरीका और ऑस्ट्रेलिया ने ग़ुस्सा ज़ाहिर किया है। वियतनाम के द्वीपों पर और समुद्री क्षेत्र पर कब्ज़ा करके चीन ने किया यह निर्णय, अपनी संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है और इसीलिए यह निर्णय अवैध है, ऐसा आरोप वियतनाम ने किया है। वहीं, फिलिपाईन्स ने चीन के राजदूत को इस मामले में समन्स दिया है। चीन की इन गतिविधियों की गंभीरता से दखल लेकर अमरीका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने चीन को जोरदार फटकार लगाई है।

‘पूरा विश्‍व कोरोना के विरोध में जंग कर रहा है और इसी का फ़ायदा उठाकर चीन ने ‘साउथ चाइना सी’ पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश शुरू की है। अमरिका और इस क्षेत्र के देशों की समुद्री सुरक्षा के लिए बना ख़तरा, कोरोना वायरस के कारण खड़े संकट के दौर में भी कम नहीं हुआ है, बल्कि अब इस ख़तरे में बढ़ोतरी हुई है, यही बात चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने रची साजिश से साबित हो रही है, ऐसी कड़ी आलोचना अमरिकी विदेशमंत्री ने की है। ‘चीन की इस एकतरफा कार्रवाई का अमरीका निषेध कर रही है और अन्य देश भी चीन के विरोध में खडें हों’, यह निवेदन भी पोम्पिओ ने किया है।

इसी बीच, ‘साउथ चायना सी’ में शुरू हुई चीन की ये आक्रामक गतिविधियाँ भारत की चिंता बढानेवालीं साबित होंगी, यह चेतावनी ‘ऑब्झर्व्हर रिसर्च फाउंडेशन’ इस अभ्यासगुट के विश्‍लेषक अभिजीत सिंग ने दी है। चीन की नौसेना की हरकतें साउथ चायना सी की सीमा तक मर्यादित नहीं रहेंगी। बल्कि, चीन हिंद महासागर क्षेत्र तक अपनी इन हरकतों का विस्तार करेगा, यह एहसास भी सिंग ने दिलाया है।

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