केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल ‘जीएसटी’ मे लाने के लिए तैयार- राज्यसभा मे केन्द्रीय अर्थमंत्री की घोषणा

नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल के साथ अन्य पेट्रोलियम पदार्थ ‘वस्तु एवं सेवा कर’ (जीएसटी) की कक्षा में लाने के लिए केंद्र सरकार तैयार है। पर राज्य सरकार के मतों के अनुसार उस पर तैयारी दिखायी जायेगी। हमें राज्यों के निर्णय की प्रतीक्षा होने के बात केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को स्पष्ट की है।

केंद्र सरकार

पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी की कक्षा में सरकार क्यों नहीं ला रही? इस में कौन सी बाधाएं हैं? ऐसे प्रश्न राज्य सभा में उपस्थित किए जा रहे थे। इन प्रश्नों को केंद्रीय वित्तमंत्री जेटली ने उत्तर दिया है। पेट्रोल एवं डीजल भी जीएसटी कक्षा में लाए जाए, ऐसी सरकार की इच्छा है। जीएसटी के कानून में पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी की कक्षा बाहर नहीं रखा जाएगा। पर उस के लिए विभिन्न राज्यों की मंजूरी यह सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है, ऐसा जेटली ने कहा है।

राज्य सरकार से केंद्रीय कर के व्यतिरिक्त पेट्रोल और डीजल पर दूसरे कर जारी है। यह कर कम किया जाए, ऐसी सूचना केंद्र सरकार ने राज्यों को दी है, ऐसी जानकारी जेटली ने उस समय दी है। पर पेट्रोल डीजल को जीएसटी कक्षा में लाना, इस पर राज्य सरकार का निर्णय भी आवश्यक है। देर से क्यों न हो पर राज्य सरकार उसे मंजूर करेंगे, ऐसा विश्वास वित्त मंत्री जेटली ने व्यक्त किया है।

जीएसटी काउंसिल में सभी राज्य के प्रतिनिधि है। पेट्रोल डीजल को जीएसटी की कक्षा में लाने के लिए जीएसटी काउंसिल में ७५ प्रतिशत मत इस संदर्भ में आने से, यह निर्णय घोषित हो सकता है। उसकी वजह से अधिकतम राज्यों ने इस निर्णय को मान्यता दी, तो ही यह संभव है। इस पर केंद्रीय वित्तमंत्री ने ध्यान केंद्रित किया है। तथा अब तक जीएसटी काउंसिल में हुए सभी निर्णय १०० प्रतिशत सहमति से मंजूर होने की बात कहकर, पेट्रोल एवं डीजल के बारे में निर्णय सभी के सहमति से हो, एसी केंद्र सरकार की भूमिका होने की बात वित्त मंत्री ने कही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.