‘अगले पाँच साल में जर्मनी को पीछे छोड़कर भारत दुनिया की चौथे क्रमांक की अर्थव्यवस्था बनेगा’ : ‘आयएमएफ’ का दावा

वॉशिंग्टन, दि. २८ : ‘दुनिया की पाँचवे नंबर की अर्थव्यवस्था’ यह ब्रिटन का स्थान अब भारत हासिल करने वाला है| अगले पाँच सालों में भारत जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था बनेगा, ऐसी संभावना आंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आयएमएफ) ने जतायी है| साथ ही, ‘जीएसटी’ की वजह से भारत का विकास दर आठ प्रतिशत पर पहुँचेगा, ऐसा भरोसा ‘आयएमएफ’ ने अपने रिपोर्ट में जताया है|

‘आयएमएफ’‘आयएमएफ’ के रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था को अगले कुछ सालों में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है| भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले कुछ सालों में स्थिर रहकर ते़ज़ी से प्रगति करने के बावजूद भी इस अर्थव्यवस्था के आगे कई समस्याएँ हैं| ‘जीएसटी’ का करसुधार भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कितना लाभदायक हो सकता है, इसपर भारतीय अर्थव्यवस्था की अगली दिशा तय होगी| साथ ही, फिलहाल भारत के बैंकिग क्षेत्र की स्थिति नर्म है, ऐसा उल्लेख ‘आयएमएफ’ के विश्‍लेषकों ने रिपार्ट में किया है| बैंकों में डूबनेवाले कर्ज़ का हिस्सा कुल कर्ज़ के १६ प्रतिशत के ऊपर जा पहुँचा है| इसी कारण, नया कर्ज देने के लिए बैंक अनिच्छुक दिखायी देते हैं| जिससे निवेश की औसत में गिरावट आने के कारण रोजगार निर्माण का प्रमाण भी घटा है|

उत्पादकक्षमता बढ़ाना, रोजगारनिर्माण के अवसर बढ़ाना, निवेश को प्रोत्साहन देना, बुनियादी ढ़ांचो का विकास करना ऐसी बड़ी चुनौतियाँ भारत के सामने हैं| इन सारे मसलों का भारत किस प्रकार सामना करता है, यह महत्वपूर्ण साबित होगा| भारत ने अर्थव्यवस्था के सामने खड़ीं चुनौतियों का उचित तरीके से सामना किया, ‘जीएसटी’ पर उचित प्रकार से अमल किया, तो भारत सन २०२२ तक जर्मनी को पीछे छोड़कर आगे जा सकता है, ऐसा भरोसा ‘आयएमएफ’ के रिपोर्ट में जताया गया है|

भारत ने हाल ही में किये करसुधारों का तथा जीएसटी का निश्‍चित ही दीर्घकालीन लाभ होगा| इससे भारत में व्यापार में बढ़ोत्तरी होगी| निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा| ‘जीएसटी’ की वजह से भारत का विकास दर आठ प्रतिशत तक पहुँच सकता है, ऐसा विश्‍वास ‘आयएमएफ’ के उपमहासंचालक टाओ झँग ने व्यक्त किया|

भारत ते़जी से विस्तारित होनेवाला मार्केट है| पिछले कुछ सालों में भारत का इस मामले का आलेख ऊँचा हो रहा है| आनेवाले साल में भी भारत की इस प्रगति की गति बरकरार रहेगी, ऐसा ‘आयएमएफ’ का अंदाज है|

सन २०१६-१७ के लिए भारत का विकास दर ६.८ प्रतिशत रहेगा, ऐसा अंदाज़ा ‘आयएमएफ’ ने पहले भी व्यक्त किया था| वहीं, सन २०१७-१८ इस आर्थिक वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था ७.२ प्रतिशत रफ़्तार से प्रगति करेगी, ऐसा अंदाज़ा ‘आयएमएफ’ ने जताया है|

इसी दौरान, भारत और चीन में होनेवाला व्यापारी सहयोग जागतिक अर्थव्यवस्था के लिए लाभदायक साबित होगा, ऐसी टिप्पणी ‘आयएमएफ’ ने अपने रिपोर्ट में की है| जागतिक अर्थव्यवस्था के विद्यमान विकासदर में आधा हिस्सा भारत और चीन का है| इसके कारण इन दोनों देशों में आर्थिक सहयोग मज़बूत रहना जागतिक अर्थव्यवस्था के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकता है| इसके लिए ‘जी-२०’ संगठन के मार्गदर्शक तत्त्वों के अनुसार दोनों देशों को अपने व्यापारी संबंध अधिक दृढ़ करने चाहिए, ऐसी सलाह झँग ने दी है|

विकास दर आठ प्रतिशत तक पहुँचने का नीति आयोग का अंदाज

नई दिल्ली, दि. २८ : भारत का विकास दर आनेवाले दो-तीन सालों में आठ प्रतिशत तक पहुँचेगा| साथ ही, देश के गरीबों की संख्या में भी गिरावट आयेगी, ऐसा अंदाज़ा नीति आयोग ने जताया है|

नीति आयोग ने अगले तीस सालों के लिए कृति-रूपरेखा तैयार की है| इसमें करसुधार, कृषि और प्रशासकीय सुधारों पर ज़ोर दिया गया है| यह २०८ पृष्ठों की कृति-रूपरेखा सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दी गई हैं| कॉर्पोरेट टैक्स में गिरावट करके उसे ३४ प्रतिशत से घटाकर २५ प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा गया है| वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इससे पहले ही, कॉर्पोरेट कर क्रमश: कम करके २५ प्रतिशत पर लाने का ऐलान किया था|

 

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