जम्मू-कश्मीर में जीएसटी लागू करने के लिए लोकसभा की मंजूरी

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में ‘वस्तु व सेवा कर’ (जीएसटी) लागू करने के लिए आवश्यक दो विधेयकों को बुधवार को लोकसभा में मंजूरी मिली। जम्मू-कश्मीर में जीएसटी लागू होना यह इस राज्य की देश के साथ आर्थिक एकीकरण के दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण घटना है, ऐसा कहकर केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इसका स्वागत किया है। साथ ही इस राज्य में ‘जीएसटी’ लागू करने के लिए विरोध करने वाले जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे का दाखिला देकर फितुरों की भाषा न बोले, ऐसा आवाहन वित्तमंत्री ने किया है।

१ जुलाई से देश भर में ‘जीएसटी’ की कर प्रणाली लागू हुई। लेकिन ‘जम्मू-कश्मीर’ में यह कानून लागू नहीं हुआ था। जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में ‘जीएसटी’ विधेयक को मंजूरी मिली थी। लेकिन इस राज्य के विशेष दर्जे की वजह से, जम्मू-कश्मीर की विधानसभा ने मंजूरी देने के बाद लोकसभा में विशेष विधेयक लाकर इस राज्य में ‘जीएसटी’ लागू करना पडेगा, ऐसा केंद्र सरकार ने पहले ही स्पष्ट किया था।

इसके अनुसार बुधवार को लोकसभा में इस सन्दर्भ में दो विशेष विधेयक लाए गए थे। केन्द्रीय वस्तु व सेवा कर कानून (विस्तारित जम्मू कश्मीर-सीजीएसटी) और इंटिग्रेटेड सेवा व कर कानून (विस्तारित जम्मू कश्मीर-आयजीएसटी) इन दो विधेयकों पर संसद में ५ घंटे चर्चा हुई। इस कानून की वजह से जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को धक्का लगेगा, इस मुद्दे को कुछ लोगों ने उपस्थित किया था।

लेकिन जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा इस राज्य के आर्थिक विकास और प्रगति में बाधा नहीं डालेगा, इस बात को केन्द्रीय वित्तमंत्री ने स्पष्ट किया है। जम्मू-कश्मीर में भी जीएसटी को लागू किया जाए, ऐसी यहाँ के व्यापारियों की माँग है और यह कानून वहां पर लागू करना जम्मू-कश्मीर के व्यापारियों के हित में है, ऐसा अरुण जेटली ने स्पष्ट किया है। इस लिए जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे का दाखिला देकर इस विधेयक को लाने में बाधा न डालें, ऐसा आवाहन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने किया।

‘जीएसटी’ लागू होने से जम्मू-कश्मीर की देश के साथ वित्तीय एकीकरण की प्रक्रिया शुरु हुई है, ऐसा कहकर यह बहुत ही समाधानकारक बात है ऐसा अरुण जेटली ने कहा है।

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