‘जीएसटी’ के लिये संसद के विशेष सत्र का आयोजन; केंद्रीय वित्तमंत्री का ऐलान

नई दिल्ली, दि. २०: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक पड़ाव माने जानेवाले ‘वस्तु एवं सेवा कर’ (जीएसटी) कानून पर अमल करने हेतु ३० जून को संसद का विशेष सत्र आयोजित किया गया है| ‘जीएसटी’ के लिए राजनीतिक दलों और राज्यों ने दिये योगदान की इस समय दखल ली जायेगी, ऐसी जानकारी वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दी| इसके अलावा देश के उद्योजकों को ‘जीएसटी’ की तैयारी के लिए काफी वक्त दिया गया है, अब सरकार इस बारे में किसी भी प्रकार के बहाने नहीं सुनेगी, ऐसी चेतावनी भी वित्तमंत्री ने दी|

‘जीएसटी’ के अमल से कई वस्तुओं पर राज्यों द्वारा लगाये टैक्स ख़ारिज होकर वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए देशभर में एक ही टैक्स लिया जायेगा| देश के करीब २५ राज्यों ने अबतक ‘जीएसटी’ के लिए स्वतंत्र विधेयक मंजूर किया है| पूरे देश का एक मार्केट में रुपांतर होनेवाली करप्रणाली के तौर पर ‘जीएसटी’ का ज़िक्र किया जा रहा है| यह करप्रणाली अर्थव्यवस्था के लिए महत्त्वपूर्ण पड़ाव साबित होगी, ऐसा कुछ जानकारों का कहना है|

‘जीएसटी’ के लिए ३० जून को संसद का विशेष सत्र आयोजित करने का फ़ैसला किया गया है| संसद के सेंट्रल हॉल में ३० जून की मध्यरात्रि में खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया है| इसके लिए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी संसद सदस्य, साथ ही, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री और जीएसटी काऊंन्सिल के भूतपूर्व-विद्यमान सदस्य मौजूद रहने वाले हैं| इससे पहले, देश की आज़ादी के पचास साल पूरे होते समय इसी प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था|

पिछले महिने वित्तमंत्री जेटली की अगुआई में हुई ‘जीएसटी’ परिषद की बैठक में विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर लगनेवाले टैक्स के दर निश्‍चित किये गये थे| साथे ही, पिछले कुछ महिनों से देशभर के उद्योजकों को ‘जीएसटी’ के अमल के बारे में जानकारी देने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया गया था| इस पृष्ठभूमि पर, ‘जीएसटी’के अमल में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आयेगी, ऐसा भरोसा केंद्रीय वित्तमंत्री ने जताया है|

नई टैक्स प्रणाली के लिए आवश्यक रहने वाली ‘जीएसटी नेटवर्क’ यंत्रणा को सुरक्षा संबंधित मंज़ुरी ना मिलने की बाब ज़्यादा महत्त्वपूर्ण नहीं है| उसका काम पहले से ही शुरु हुआ है, ऐसा वित्तमंत्री ने स्पष्ट किया| इसके अलावा चंद कुछ लोग, देश के उद्योगक्षेत्र ‘जीएसटी’के लिये तैयार नहीं ऐसा दावा करते हैं; लेकिन इस बात की ओर ज़्यादा ध्यान ना देते हुए टैक्स का अमल किया जायेगा, ऐसा वित्तमंत्री जेटली ने सुनवाया है| ‘जीएसटी’ की प्रक्रिया ज़्यादा जटिल नहीं है| अबतक करीब ६५ लाख लोगों ने अपना पंजीकरण किया है, ऐसी जानकारी इस समय वित्तमंत्री ने दी|

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