चुनौतियों का मुक़ाबला करने की क्षमता विकसित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जायेगी – नये सेनाप्रमुख जनरल मनोज पांडे

नवी दिल्ली – भारत के सेनाप्रमुख के रूप में जनरल मनोज पांडे ने पदभार सँभाला है। ३० अप्रैल को जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का कार्यकाल ख़त्म हुआ होकर, उसके बाद जनरल मनोज पांडे देश के २९वें सेनाप्रमुख बने हैं। रविवार को माध्यमों को संबोधित करते समय नये सेनाप्रमुख ने, किसी भी मुहिम को सफल बनाने के लिए आवश्यक होनेवाली, सभी स्तरों पर की क्षमता बढ़ाने पर सर्वाधिक ज़ोर दिया जायेगा, ऐसी घोषणा की। उसी समय, पाकिस्तान और चीन की सीमा पर होनेवाली यथास्थिति को किसी को भी बदलने नहीं दिया जायेगा, ऐसा नये सेनाप्रमुख ने जताया है।

general-manoj-pandeyवर्तमान दौर की तथा भविष्यकालीन सभी सुरक्षाविषयक चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक अत्युच्च दर्ज़े की क्षमता विकसित करने को सर्वाधिक प्राथमिकता दी जायेगी, ऐसा जनरल पांडे ने डटकर कहा। साथ ही, जागतिक स्तर पर जारी भू-राजकीय गतिविधियों तथा चुनौतियों के स्वरूप को मद्देनज़र रखते हुए, देश की सेना का वायुसेना तथा नौसेना के साथ समन्वय बहुत ही अहम साबित होगा, इसका एहसास नये सेनाप्रमुख ने करा दिया है। इसके साथ ही, लष्कर में शुरू हुए सुधारों की प्रक्रिया अधिक तेज़ की जायेगी, ऐसे संकेत सेनाप्रमुख जनरल मनोज पांडे ने दिये।

क्षमता विकसित करके नयी तकनीक़ का सेना में समावेश करने को हम प्राथमिकता देंगे। उसीके साथ, रक्षाबलों के बीच समन्वय और सहयोग अधिक से अधिक व्यापक करना यह हमारे सामने का लक्ष्य होगा, ऐसा दावा सेनाप्रमुख ने किया है। इसके लिए वायुसेना और नौसेना के साथ संवाद की प्रक्रिया अधिक व्यापक करने पर ज़ोर दिया जायेगा, ऐसा जनरल पांडे ने आगे कहा। पहले के सेनाप्रमुख ने शुरू किये उपक्रम अधिक ज़ोर से आगे बढ़ाये जायेंगे, ऐसा यक़ीन सेनाप्रमुख ने दिलाया। जवानों के लिए चलाये जानेवाले वेल्फेअर कार्यक्रमों को अहमियत दी जायेगी, ऐसा सेनाप्रमुख ने कहा है।

इस बड़ी ज़िम्मेदारी को निभाने की क्षमता मुझे ईश्वर से प्राप्त हों, ऐसी प्रार्थना इस समय सेनाप्रमुख ने की। इसी बीच, सेनाप्रमुखपद का पदभार सँभालने से पहले ‘जनरल’ होनेवाले मनोज पांडे की नियुक्ति चीन से सटे एलएसी पर हुई थी। सिक्कीम तथा अरुणाचल प्रदेश की भी एलएसी की सुरक्षा उन्होंने बेहतरीन रूप से सँभाली थी। लद्दाख की एलएसी पर जब तनाव निर्माण हुआ था, तब चीन की सेना ने अरुणाचल प्रदेश की एलएसी पर घुसपैंठ की कोशिशें की थीं लेकिन भारतीय सेना की सतर्कता के कारण चीन की ये सारीं कोशिशें नाक़ाम साबित हुई थीं।

पाकिस्तान और चीन की सीमा पर की परिस्थिति को किसी को भी बदलने नहीं दिया जायेगा, ऐसा संदेश सेनाप्रमुख जनरल पांडे ने पड़ोसी देशों को दिया। उसके बजाय, एलएसी पर बना तनाव कम करके यहाँ पर, पहले के दौर में थी वैसी परिस्थिती का निर्माण करना यह भारतीय सेना का ध्येय है, ऐसा जनरल पांडे ने कहा है।

पाकिस्तान से सटी एलओसी पर बनी परिस्थिति के बारे में बात करते समय, यहाँ का तनाव कम हुआ है यह बताकर सेनाप्रमुख ने उसपर सन्तोष ज़ाहिर किया। लेकिन पाकिस्तान ने बुना हुआ आतंकवादियों का नेटवर्क और उनके प्रशिक्षण केंद्र अभी भी बन्द नहीं हुए हैं, इसपर सेनाप्रमुख ने ग़ौर फ़रमाया। उल्टे हाल के दौर में एलओसी पर आतंकवादियों के क़ारनामों में बढ़ोतरी हुई है, यह बात सेनाप्रमुख जनरल पांडे ने नोट की।

इसके ज़रिये नये सेनाप्रमुख ने पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई दिख रही है। पहले के दौर में भी लगभग इन्हीं शब्दों में तत्कालीन सेनाप्रमुख जनरल नरवणे ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी। साथ ही, अगर आतंकवादी संगठनों ने पाक़िस्तान से घुसपैंठ तथा घातपाती हरकतों की कोशिशें की, तो भारतीय सेना सीमा लाँघकर कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचायेगी, यह भी जनरल नरवणे ने पाकिस्तान से डटकर कहा था।

नये सेनाप्रमुख ने भी, पाकिस्तान के कारनामों पर भारतीय सेना नज़र रखे हुए है. इसका एहसास पाकिस्तानी सेना तथा आतंकवादियों के सरगनों को करा दिया है।

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