चीन के खिलाफ हज़ारों महिलाएँ पाकिस्तान के ग्वादर की सड़कों पर उतरीं

ग्वादर – चीन के महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट ऐण्ड रोड इनिशिएटिव’ का हिस्सा होनेवाले ‘चायना पाकिस्तान कॉरिडोर’ (सीपीईसी) के खिलाफ ग्वादर में शुरू हुए प्रदर्शन अब अधिक व्यापक हुए हैं| सोमवार के दिन ग्वादर एवं करीबी इलाकों की हज़ारों महिलाएँ, बच्चे और छात्र प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरने का दृष्य देखा गया| पाकिस्तान के माध्यम भी इसका संज्ञान लेने के लिए मजबूर हो गए और चीन, पाकिस्तान की सरकार और फौज के खिलाफ असंतोष तीव्र होता हुआ देखा गया है|

ग्वादरबीते कुछ हफ्तों से बलोचिस्तान के प्रमुख बंदरगाह ग्वादर में पाकिस्तान की सरकार और थल सेना के प्रतिबंधों को लेकर एवं अपर्याप्त सुविधाओं के मुद्दे पर यह आंदोलन शुरू हुआ| ‘ग्वादर को हक दो’ नाम से शुरू हुए इन प्रदर्शनों का दायरा अब धीरे-धीरे बढ़ता गया है| प्रदर्शनों में सियासी दल, नागरी एवं मछुआरों के गुटों के साथ बड़ी संख्या में सामान्य नागरिक भी शामिल हुए हैं|

पाकिस्तान की सेना ने हर १०० मीटर पर खड़ी की हुई सुरक्षा चौकी को हटाना, मकरान के तटीय इलाके से बड़े ट्रॉलर्स हो हटाना, बिजली एवं पानी की सप्लाई सामान्य करना आदि मॉंगें प्रदर्शनकारियों ने रखी हैं| मॉंगें पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रहेंगे, यह इशारा स्थानीय नेता मौलाना हिदायत उर रेहमान ने दिया| सरकार ने ग्वादर के बुनियादी सदस्याओं को नजरअंदाज करने से यह प्रदर्शन करने पड़ रहे हैं, यह बयान भी उन्होंने किया|

ग्वादर एवं मकरान समेत करीबी इलाकों की हज़ारों महिलाएँ, बच्चे और छात्र इन प्रदर्शनों में शामिल हो रहे हैं| इसमें तुरबत, ओरमरा, जेवनी और पसनी क्षेत्र की महिलाओं का समावेश है, यह जानकारी पाकिस्तानी माध्यमों ने प्रदान की है| महिलाएं, बच्चे और छात्राओं के गुट ने अल-जोहर पब्लिक स्कूल से शहर के अलग-अलग हिस्सों में व्यापक मोर्चे निकाले| तब स्थानीय सरकार के खिलाफ एवं विभिन्न मॉंगों के लिए जोरदार नारेबाजी की गई|

‘सीपीईसी और ग्वादर बंदरगाह की वजह से यदि स्थानीय जनता को लाभ नहीं होगा तो यहां पर इनकी जरुरत नहीं है| हम पीछे नहीं हटेंगे| अगले दिनों में तटीय राजमार्ग और अन्य अहम सड़कों के रस्ते ब्लॉक किए जाएँगे’, ऐसा इशारा स्थनीय नेता मौलाना हिदायत उर रेहमान ने दिया| केवल सरकार के खिलाफ होने से ही प्रदर्शनकारियों पर भारत के एजंट होने का आरोप लगाए जाने के कारण उन्होंने तीव्र नाराज़गी जताई है|

ग्वादर में शुरू हुए प्रदर्शन ‘सीपीईसी’ के खिलाफ पाकिस्तान में बढ़ रहे असंतोष का प्रतीक माना जाता हैं| ग्वादर का प्रकल्प चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट ऐण्ड रोड इनिशिएटिव के अहम प्रकल्प के तौर पर पहचाना जाता है| लेकिन, इस प्रकल्प की वजह से पाकिस्तान पहुँची चीनी कंपनियॉं और कर्मचारी एवं स्थानीय प्रशासन ने तैनात की हुई सुरक्षा यंत्रणा के खिलाफ यह नाराज़गी की भावना है|

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