रशिया ही है ब्रिटेन की सुरक्षा के लिए बना पहले नंबर का ख़तरा – ब्रिटेन के रक्षामंत्री बेन वॉलेस

लंदन/मास्को – ब्रिटेन की समुद्री सीमा में रशियन युद्धपोत और पनडुब्बियों की मौजुदगी बढ़ रही है और रशिया ही अब ब्रिटेन की सुरक्षा के लिए बना पहले नंबर का खतरा होने की चेतावनी रक्षामंत्री बेन वॉलेस ने दी है। रक्षामंत्री वॉलेस ने इस समय वर्ष २०१८ में रशियन यंत्रणाओं ने सैलिस्बरी में किए रासायनिक हमले का भी ज़िक्र किया। कुछ दिन पहले ब्रिटेन के विदेशमंत्री ने सायबर हमलों के मुद्दे पर रशिया को चेतावनी दी थी। इसके बाद अब रक्षामंत्री ने किया बयान रशिया और ब्रिटेन के बीच तनाव बढ़ने के संकेत दे रहा है।

Russia-UK-security-01बीते कुछ सालों में ब्रिटेन और रशिया के बीच लगातार विवाद हो रहा है। वर्ष २०१४ में रशिया ने क्रिमिया पर हमला करने के बाद ब्रिटेन ने रशिया के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपनाई थी। ब्रिटेन ने रशिया के साथ किए लष्करी सहयोग पर रोक लगाकर, प्रतिबंध लगाने का ऐलान भी किया था। ब्रिटेन में आयोजित किए गए जनमतसंग्रह के दौरान रशिया ने दखलअंदाज़ी करने की कोशिश की है, ऐसे दावे भी किए गए थे।

सन २०१८ में ब्रिटेन में नियुक्त रशिया के पूर्व अधिकारी एवं उनकी लड़की पर रासायनिक हमला हुआ था और इसके बाद दोनों देशों का तनाव चरम स्तर पर जा पहुँचा था। इसके बाद सायबर हमलों के मुद्दे पर, दोनों देशों की दरार और भी बढ़ी थी।

इस पृष्ठभूमि पर, ब्रिटेन के रक्षामंत्री ने रशिया का ज़िक्र पहले नंबर के खतरे के तौर पर करना ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित होता है। रक्षामंत्री बेन वॉलेस की चेतावनी के पीछे, रशियन नौसेना द्वारा ब्रिटेन की सीमा में बढ़ाईं गईं गतिविधियों का मुद्दा होने की बात स्पष्ट हुई है। फ़रवरी महीने में ब्रिटेन की पेट्रोल शिप ने रशियन पनडुब्बी की संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाया था।

Russia-UK-security-394x217इससे पहले वर्ष २०२० के आखिरी १५ दिनों के दौरान, रशिया के नौ युद्धपोत और पनडुब्बियाँ ब्रिटीश सीमा के करीब देखी गई थी। शीतयुद्ध के दौर के बाद इतनी बड़ी मात्रा में रशियन युद्धपोतों की मौजूदगी देखी जाने की यह पहली घटना साबित हुई थी।ब्रिटेन के रक्षामंत्री ने रशियन नौसेना की इन बढ़ती गतिविधियों का हवाला देकर, रशिया के साथ जारी तनाव कम करने के लिए ब्रिटेन ने कई कोशिशें कीं होने का दावा किया। लेकिन, रशिया ने अपने नज़रिये में बदलाव किए बगैर तनाव खत्म होने की संभावना ना होने का इशारा स्पष्ट शब्दों में दिया। रशिया के बढ़ते खतरे को लेकर चेतावनी देते समय रक्षामंत्री वॉलेस ने, ब्रिटेन भी अपनी नौसेना की क्षमता बढ़ा रहा है, इसका अहसास कराया।

ब्रिटेन का नया विमानवाहक युद्धपोत ‘एचएमएस क्विन एलिझाबेथ’ और इस युद्धपोत की नई तैनाती, ब्रिटेन ‘ग्लोबल मिलिटरी फोर्स’ होने की बात दर्शाती है, ऐसा वॉलेस ने कहा।

इसी बीच, रशिया नया हायपरसोनिक मिसाइल विकसित कर रहा है, यह दावा रशिया के ‘इझ्वेस्तिया’ नामक अखबार ने किया है। यह नया हायपरसोनिक मिसाइल सभी प्रकार की प्रगत ‘एअर डिफेन्स सिस्टिम्स’ तबाह करने की क्षमता रखता है, ऐसा इस अखबार ने कहा है। इस मिसाइल के लिए स्वतंत्र इंजन विकसित किया गया है और अगले वर्ष से इस मिसाइल के परीक्षण शुरू होंगे, यह भी कहा गया है। फिलहाल इस मिसाइल को ‘ऑस्ट्रोटा’ यह नाम दिया गया है और यह मिसाइल ‘टीयू-२२एम३’ और ‘सू-३४’ बॉम्बर विमानों पर तैनात किया जाएगा, यह वृत्त रशियन अखबार ने प्रकाशित किया है।

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