शत्रु देशों को उसी भाषा में जवाब देने के लिए ब्रिटेन सायबर हमलें बढ़ाने की क्षमता विकसित करेगा – रक्षामंत्री बेन वॉलेस

britain-cyber-attacks-ben-wallace-2लंदन – ब्रिटेन पर अभी तक बड़ी आपत्ति साबित होनेवाला सायबर हमला नही हुआ हैं। लेकिन, ऐसा हमला हुआ तो इसपर मुँहतोड़ प्रत्युत्तर देने के लिए सरकार मुस्तैद नही होती हैं तो वह हमारे कर्तव्य का भंग साबित होगा, इन शब्दों में ब्रिटेन के रक्षामंत्री बेन वॉलेस ने यह दावा किया कि, करीबी दिनों में ब्रिटेन आक्रामक सायबर हमलों की बड़ी क्षमता प्राप्त करेगा। ब्रिटेन ने बीते वर्ष ही ‘नैशनल सायबर फोर्स’ के गठन का ऐलान किया था और इसका मुख्यालय लैंकेशायर में स्थापीत होगा। इसके लिए ब्रिटेन पांच अरब पौंड़ का निवेश करने की तैयारी में हैं। रक्षामंत्री बेन वॉलेस और विदेशमंत्री लिझ ट्रूस ने यह जानकारी प्रदान की।

‘कुछ विदेशी हुकूमतें हर दिन ब्रिटेन के विरोध में सायबर हमलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय कानुन के अनुसार इस युद्ध के विरोध में बचाव करने का पुरा अधिकार ब्रिटेन रखता हैं। यह युद्ध खतरनाक और नुकसान पहुँचानेवाला होगा और ब्रिटेन पुरी ताकत के साथ अपनी सुरक्षा की कोशिश करेगा। आक्रामक सायबर हमला भी इसी का एक हिस्सा हैं। ब्रिटेन में स्थित अपराधि गिरोह, आतंकी और उनके नेटवर्क एवं इनके साथ ही सायबर हमलें करनेवाले शत्रु देशों पर भी हमलें किए जाएँगे’, ऐसा इशारा रक्षामंत्री बेन वॉलेस ने दिया। सायबर हमलें अब युद्ध में नया मोर्चा साबित होगा, इस ओर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।

britain-cyber-attacks-ben-wallace-1‘ब्रिटेन पर अभी तक बड़ा सायबर हमला नही हुआ हैं। लेकिन, अगले २० वर्षों में क्या हो सकता हैं, इसकी कल्पना हमें नही हैं’, इन शब्दों में रक्षामंत्री वॉलेस ने आक्रामक सायबर हमलें करने की क्षमता प्राप्त करने का समर्थन किया। इसके ज़रिये ब्रिटेन सायबर हमलों के जड़ों में बने नेटवर्क एवं विदेशी हुकूमतों के संवेदनशील क्षेत्रों पर भी जवाबी हमलें कर सकेगा, यह दावा भी उन्होंने किया। रक्षा विभाग और ‘जीसीएचक्यू’ यंत्रणा संयुक्त पद्धती से ‘नैशनल सायबर फोर्स’ का ज़िम्मा संभालेंगे। अगले कुछ वर्षों में ‘ऑफेन्सिव्ह सायबर अटैक’ क्षेत्र में ब्रिटेन विश्‍व के शीर्ष देशों में से एक होगा, यह बयान भी ब्रिटीश रक्षामंत्री ने किया।

‘ब्रिटेन का नैशनल सायबर फोर्स विदेशी ताकतों के आक्रामक बर्ताव पर लगाम लगाने का काम करेगा। ब्रिटीश जनता की सुरक्षा के लिए ब्रिटेन भविष्य के लिए आवश्‍यक रक्षा क्षमता विकसित करने के लिए निवेश कर रहा हैं। ब्रिटेन के मित्रदेशों को होनेवाले खतरों के खिलाफ भी उन्हें सहायता प्रदान की जाएगी। नया मुख्यालय और निवेश सहयोगी देशों के साथ शत्रुदेशों के लिए भी अहम संदेशा बनता हैं’, ऐसा विदेशमंत्री लिझ ट्रूस ने आगे कहा।

ब्रिटेन के ‘नैशनल सायबर फोर्स’ में हज़ारों सायबर विशेषज्ञों का समावेश रहेगा। इनमें रक्षा विभाग, ‘जीसीएचक्यू’, ‘एमआय ६’ और ‘डिफेन्स सायन्स ॲण्ड टेक्नॉलॉजी लैबोरेटरी’ के विशेषज्ञों का समावेश होगा। इससे पहले ब्रिटेन की सरकार ने रशिया के हो रहें सायबर हमलों के मुद्दे पर आक्रामक भूमिका अपनाई थी। बीते वर्ष कोरोना वैक्सीन की जानकारी चोरी करने के लिए किए गए सायबर हमलों के दौरान भी ब्रिटेन ने रशिया पर खुलेआम आरोप लगाए थे। इससे पहले रशिया की जासूसी एवं अन्य हरकतों पर जवाब देने के लिए ब्रिटेन ने रशियन नेता और यंत्रणाओं पर सायबर हमलें करने की योजना बनायी होने का वृत्त भी सामने आया था।

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