रक्षाक्षेत्र के ३५१ सामान के आयात पर रोक – रक्षा मंत्रालय का ऐलान

नई दिल्ली – लेज़र वॉर्निंग सेन्सर से विभिन्न तरह के केबल्स के समावेश वाले ३५१ रक्षा सामान के आयात पर रोक लगाई गई है। अगले वर्ष के दिसंबर से यह रोक अलग-अलग चरणों में लागू होगी। रक्षा मंत्रालय ने इससे संबंधित निवेदन जारी किया है। केंद्र सरकार ने अपनाए ‘आत्मनिर्भर भारत’ कार्यक्रम के तहत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी यंत्रणाओं को बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय करने की बात कही जा रही है। इससे हर वर्ष तकरीबन ३ हज़ार करोड़ रुपयों की बचत होगी, यह जानकारी रक्षा विभाग ने साझा की है।

आयात पर रोक

रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ के लिए पिछले पांच वर्षों से बड़ी मात्रा में कोशिश शुरू हुई है। भारत ने रक्षा सामान का निर्यात भी शुरू किया है। लेकिन, अब इसे अधिक व्यापक स्वरूप प्रदान किया जा रहा है और देश में ही निर्माण किए जानेवाले सामान एवं उपकरणों की खरीद के लिए प्राथमिकता देना शुरू हुआ है। पिछले वर्ष रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रायफल से लेकर तोप तक के १०१ रक्षा सामान के आयात पर रोक लगाने का ऐलान किया था। इसके बाद १०० अधिक चीज़ों की दूसरी सूचि जारी की गई थी। बुधवार को हुआ यह तीसरा बड़ा ऐलान है।

रोक लगाए गए रक्षा सामान में लेज़र वॉर्निंग सेन्सर्स, हाय प्रशर चेक वॉल्व, ड्रेनेज डिटेक्शन सिस्टम्स, वोल्टेज्‌ कंट्रोल ऑसिलेटर, इलेक्ट्रिक केबल्स और अलग अलग तरह के सॉकेटस्‌ का समावेश होने की बात कही जा रही है। इस सूचि पर तीन चरणों में काम किया जाएगा। दिसंबर २०२२ से इस सूचि के १७२ सामान की आयात पर रोक लगेगी। इसके बाद २०२३ में ८९ और २०२४ में ९० सामान के आयात पर पाबंदी लगाई जाएगी। इससे पहले २०९ सामान के आयात पर इसी तरह से रोक लगाकर रक्षा सामान का भारत में ही निर्माण करने के लिए गति प्रदान करने का निर्णय किया गया था।

इस वजह से देश में रक्षा सामान का निर्माण बढ़ेगा। साथ ही इन रक्षा सामानों की निर्यात करने के लिए भारत को बड़ा बाज़ार मिलेगा, यह विश्‍वास व्यक्त किया जा रहा है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने यह ऐलान किया था। अगले कुछ सालों में देश की रक्षा संबंधी निर्यात में प्रचंड़ मात्रा में बढ़ोतरी होगी, यह कहकर इसका निर्यात बढ़कर ३५ हज़ार करोड़ तक जाएगा, ऐसा राजनाथ सिंह ने कहा था।

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