भारत किसी भी तरह का आतंकवाद बर्दाश्‍त नहीं करेगा

आतंकवाद बर्दाश्‍त नहीं करेगान्यूयॉर्क – ‘जम्मू और कश्‍मीर की नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्तान की सेना ने युद्धविराम किया है। इस युद्ध विराम का भारत स्वागत करता है। लेकिन अभी भी इस मोरचे पर काफी कुछ करना है। आतंकवाद और उसका राजनीतिक स्तर का किसी भी तरह का स्वरूप भारत बर्दाश्‍त नहीं करेगा’, ऐसी चेतावनी विदेशमंत्री जयशंकर ने दी है।

भारत से चर्चा करने के लिए पाकिस्तान उत्सुक है। लेकिन, इसके लिए भारत, जम्मू-कश्‍मीर को विशेष दर्जा प्रदान करनेवाली धारा-३७० फिर से बहाल करें, यह टेप पाकिस्तान बजा रहा है। भारत के साथ चर्चा करने के लिए मध्यस्थता करें, ऐसी गुहार भी पाकिस्तान अमरीका को लगा रहा है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ने जेनीवा में अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से मुलाकात की थी। इस दौरान भी, भारत-पाकिस्तान संबंधों के मुद्दे पर उनकी चर्चा होने की कड़ी संभावना सामने आ रही है।

इस पृष्ठभूमि पर भारत के विदेशमंत्री ने, आतंकवाद के मोरचे पर पाकिस्तान को अभी भी बहुत काम करना हैं, इस बात का अहसास अपने अमरीका दौरे की शुरुआत में ही कराया। आतंकवाद की काफी बड़ी कीमत पाकिस्तान को ही चुकानी पड़ी है और इसके कई बड़े परिणाम पाकिस्तान का समाज भुगत रहा है, इस बात का यह देश विचार करें, ऐसी फटकार भारतीय विदेशमंत्री ने लगाई।

ऐसी स्थिति में, पाकिस्तान में भारत के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने पर विचार हो रहा है, यह बात अहमियत रखती है। लेकिन, इस मुद्दे पर हमारी भूमिका काफी स्पष्ट है। किसी भी स्थिति में भारत आतंकवाद और उसका राजनीतिक स्वरूप बर्दाश्‍त करना मुमकिन नहीं है। इस मोरचे पर पाकिस्तान कैसे और कितनी प्रगति करता है, इसी पर अगला सफर तय होगा, ऐसें संकेत विदेशमंत्री जयशंकर ने दिए।

ऐसे में पाकिस्तान के संबंधों के मुद्दे पर बायडेन प्रशासन, भारत पर दबाव बनाने की कोशिश करने की संभावना है। अफ़गानिस्तान से अपनी सेना को हटा रही अमरीका को पाकिस्तान में लष्करी अड्डा स्थापित करना है। इस अड्डे के बदले में पाकिस्तान अमरीका से यह सौदा कर सकता है कि अभरीका भारत पर दबाव बनाकर कश्‍मीर मसले में पाकिस्तान के लिए अनुकूल भूमिका अपनाएँ। इस पृष्ठभूमि पर, भारत के विदेशमंत्री ने अमरीका पहुँचकर पाकिस्तान के मुद्दे पर रखी यह भूमिका ध्यान आकर्षित करती है।

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