संघर्ष विराम के बाद भी पाकिस्तान के भारत विरोधी कारनामे रुके नहीं हैं – रक्षाबलप्रमुख जनरल रावत की चेतावनी

संघर्ष विरामनई दिल्ली – ‘कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम लागू हुआ है, यह अच्छी बात है। लेकिन पाकिस्तान ड्रोन्स के ज़रिए हथियार और नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहा है। ज़ाहिर है, सीमा पर शांति रखकर भारत के अंतर्गत भाग में अशांति और अस्थिरता मचाने की कोशिशें पाकिस्तान ने छोड़ीं नहीं हैं। ऐसी स्थिति में नियंत्रण रेखा पर पालन किए जा रहे संघर्ष विराम का कोई मतलब ही नहीं है’, ऐसा रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने जताया है। यह चेतावनी देकर जनरल रावत ने, सीमा पर शांति कायम रखकर, भारत में अस्थिरता मचाने की पाकिस्तान की साज़िश का पर्दाफाश किया है।

जम्मू और कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर नए से लागू किया गया संघर्षविराम अब तक तो कायम रहा है। यह अच्छी बात है। लेकिन ऐसा होने के बावजूद हथियार और गोलाबारूद ड्रोन्स के ज़रिए भारत में पहुँचाया जा रहा है। इसमें नशीले पदार्थों का भी समावेश है। अगर यह करवाया जा रहा है, तो सीमा पर पालन किए जा रहे संघर्ष विराम का कोई मतलब ही नहीं है। सीमा पर शांति स्थापित करके दूसरे देश के भूभाग में अस्थिरता मचाना, ऐसा संघर्ष विराम का अर्थ नहीं है। इसी कारण हमें नियंत्रण रेखा के साथ ही जम्मू और कश्मीर में भी शांति अपेक्षित है’, ऐसा रक्षाबलप्रमुख ने पाकिस्तान को जताया। पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तानी ड्रोन्स के जरिए, जम्मू और कश्मीर तथा पंजाब में हथियार और नशीले पदार्थों की तस्करी की जा रही है। सीमा सुरक्षा बल ने ऐसे ड्रोन्स पकड़े होकर, इनमें से कुछ नष्ट किए गए हैं। उस पृष्ठभूमि पर, रक्षाबलप्रमुख जनरल रावत ने पाकिस्तान को यह अहसास करा दिया कि पाकिस्तान की इन हरकतों पर भारत कड़ी नजर रखे हुए है।

इसी बीच, भारत कश्मीर में कुछ तो बड़ा करवाने की तैयारी में होने की चर्चा पाकिस्तान में शुरू हुई है। भारत के नेता कश्मीर के संदर्भ में मुलाकातें कर रहे होकर, इसके द्वारा बहुत बड़ी गतिविधियों के संकेत मिल रहे हैं, ऐसी चिंता पाकिस्तानी विश्लेषक ज़ाहिर कर रहे हैं। कश्मीर के बारे में भारत ने किए फैसले का स्वीकार पाकिस्तान नहीं करेगा, ऐसा इस देश के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने घोषित किया था। वहीं, कुछ पाकिस्तानी पत्रकार यह डर जता रहे हैं कि भारतीय लष्कर पाकिस्तानव्याप्त कश्मीर पर हमला करनेवाला है। इसके लिए भारत के लष्कर ने बड़े पैमाने पर गतिविधियाँ शुरू कीं होने के दावे भी पाकिस्तानी माध्यमों में किए जा रहे हैं।

फिलहाल भारत चीन की सीमा पर उलझा है, यह बताकर, ऐसी स्थिति में भारत पाकिस्तानव्याप्त कश्मीर पर कब्ज़ा करने के लिए लष्करी मुहिम नहीं छोड़ेगा, ऐसा दावा करनेवाले कुछ पाकिस्तानी पत्रकार सामने आए हैं। लेकिन भारतीय सेना ने गलवान की वैली में चीन को दिए झटके के बाद पाकिस्तान के पैरों तले की जमीन खिसक गई है, ऐसा भारत के पूर्व लष्करी अधिकारियों का कहना है। जहाँ चीन के लष्कर की भारतीय सेना परवाह नहीं करती, वहाँ पाकिस्तान की भारत के सामने क्या हालत होगी, इसकी चिंता पाकिस्तान को लगने लगी है। इसी कारण पाकिस्तानी लष्कर को कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम की ज़रूरत महसूस होने लगी थी, ऐसा भारत के पूर्व अधिकारी बता रहे हैं। रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने भी इस मामले में महत्वपूर्ण बयान किया। गलवान के संघर्ष के बाद चीन को यह एहसास हुआ है कि चीन के लष्कर को अधिक प्रशिक्षण की और तैयारी की ज़रूरत है, ऐसा जनरल रावत ने कहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.