सीमा पर स्थिति में बदलाव करने की कोशिश नाकाम की जाएगी – सेनाप्रमुख जनरल नरवणे

नई दिल्ली – बल का प्रयोग करके सीमा पर स्थिति में बदलाव करने की कोशिश भारतीय सेना नाकाम किए बिना नहीं रहेगी। सीमा पर शांति और सलोखे की आकांक्षा भारत के बुनियादी सामर्थ्य से ही है। इस पर किसी को गलतफहमी नहीं होनी चाहिए, ऐसी कड़ी चेतावनी सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकूंद नरवणे ने दी। सेना दिवस के अवसर पर जनरल नरवणे ने यह संदेश दिया है।

सीमा पर स्थिति में बदलावपिछला वर्ष भारतीय सेना के लिए चुनौतियों भरा था, ऐसा कहकर सेनाप्रमुख ने लद्दाख के ‘एलएसी’ की स्थिति का दाखिला दिया। यहां का तनाव कम करने के लिए चीनी सेना के साथ चर्चा के १४ दौर हुए हैं। सैन्य एवं राजनीतिक स्तर पर भी यहां का तनाव कम करने के लिए बातचीत जारी है, यह सकारात्मक बात है। लेकिन, कोई भी भारत की क्षमता को लेकर गलतफहमी करने का कारण नहीं है, ऐसे सीधे शब्दों में सेनाप्रमुख ने चीन को आगाह किया।

बर्फ से ढ़के पर्बतीय शिखरों पर भारत के सैनिक निर्धार के साथ देश की रक्षा कर रहे हैं। उनका मनोबल आसमां को छूने जितने अति उच्च स्तर पर हैं। इसके ज़रिये शत्रु को संदेश दिया जा रहा है कि, भारतीय सेना किसी भी स्थिति में सीमा पर बदलाव करने की कोशिश को बर्दाश्‍त नहीं करेगी। भारतीय सेना इन कोशिशों को नाकाम करके रहेगी, ऐसा इशारा जनरल नरवणे ने दिया। इससे पहले भी सेनाप्रमुख ने लगभग इन्हीं शब्दों में चीन को इशारा दिया था। इस पर चीन ने नाराज़गी जताई थी।

पाकिस्तान से जुड़ी ‘एलओसी’ पर स्थिति पहले की तुलना मे काफी बेहतर है, फिर भी पाकिस्तान अभी भी आतंकियों को पनाह दे रहा है, इस ओर सेनाप्रमुख ने ध्यान आकर्षित किया। पाकिस्तान के कब्ज़ेवाले कश्‍मीर में आतंकियों के ठिकानों पर गतिविधियाँ हो रही हैं और वहां पर ३०० से ४०० आतंकी घुसपैठ की तैयारी में होने का अहसास सेनाप्रमुख ने कराया।

पिछले वर्ष जम्मू-कश्‍मीर में सेना ने १९४ आतंकियों को ढ़ेर किया था। आतंकियों को ड्रोन्स की सहायता से हथियारों की आपूर्ति करने की कोशिश जारी है। इस पर सेना की नज़र है। पिछले दो वर्षों में जम्मू-कश्‍मीर की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। इस वजह से सीमा के उस ओर की आतंकी संगठन बेचैन हैं और उन्होंने घुसपैठ एवं अस्थिरता फैलाने की साज़िश रचि है। जम्मू-कश्‍मीर में बाहरी मज़दूर एवं अन्य लोगों को लक्ष्य करने की साज़िश इन आतंकी संगठनों ने रचि है, यह आरोप भी जनरल नरवणे ने लगाया है।

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