भारतीय मौसम विभाग की ‘डब्लूएमओ’ द्वारा प्रशंसा

नई दिल्ली –  ‘अम्फान’ चक्रवात का पूर्वानुमान सटीकता से लगानेवाले भारतीय मौसम विभाग की इस कामगिरी की दखल ‘वर्ल्ड मेटेरॉलॉजिकल ऑर्गनायझेशन’ (डब्लूएमओ) ने ली है। भारतीय मौसम विभाग ने सटीकता से लगाए पूर्वानुमान एवं दी हुई चेतावनी के कारण बड़ी जीवितहानी टली, यह कहकर ‘डब्लूएमओ’ ने  भारतीय मौसम विभाग की प्रशंसा की है। साथ ही, भारत ने जिस तरीक़े से चक्रवात के दौरान हालातों को निपटा, वह दूसरों के लिए बेहतरीन मिसाल है, ऐसा ‘डब्लूएमओ’ ने कहा है।wmo logo

मई महीने में ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बांगलादेश में टकराये ‘अम्फान‘ चक्रवात के दौरान १२८ लोगों की मृत्यु हुई थी। भारतीय मौसम विभाग ने इस मामले में पहले ही सटीकता से पूर्वानुमान लगाने के कारण, एहतियात के उपाय के तौर पर हज़ारों नागरिकों को सुरक्षित स्थानों में स्थलांतरित किया गया था। लगभग २० साल बाद इतना ज़बरदस्त तूफ़ान भारत और बांगलादेश के तटवर्ती इलाक़े से टकराया था। सन १९९८ में आये हुए तूफ़ान में लगभग १० हज़ार लोगों की मृत्यु हुई थी। लेकिन इस बार सटीक पूर्वानुमान के कारण इतनी प्रचंड जीवितहानि टल गयी, इसकी दखल ‘डब्लूएमओ’ ने ली। मौसम विभाग ने समय पर ही सटीक अनुमान लगाने के कारण बड़ा नुक़सान टल गया, ऐसा कहते हुए जागतिक मौसम विभाग ने भारतीय मौसम विभाग की तारीफ़ की।Nisarga WMO India

भारत ने बांगलादेश, भूतान जैसे पड़ोसी देशों के साथ साथ १३ देशों को अलर्ट दिया था। इस कारण एहतियात के उपाय तौर पर उन देशों ने भी विभिन्न उपाययोजनाओं पर अमल किया। इसका विशेष उल्लेख ‘डब्लूएमओ’ ने भारतीय मौसम विभाग को भेजे प्रशंसापत्र में किया है, ऐसी जानकारी भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युजंय महापात्रा ने साझा की।

पिछले साल ओडिशा तटवर्ती इलाक़े को ‘फनी’ चक्रवात का झटका लगा था। उस समय भी, भारतीय मौसम विभाग के सटीक पूर्वानुमान की ‘डब्लूएमओ’ ने तारीफ़ की थी। पिछले हफ़्ते ही, कोंकण तटवर्ती इलाक़े से ‘निसर्ग’ चक्रवात आकर टकराया था। मौसम विभाग ने पहले से ही सटीक पूर्वानुमान लगाने के कारण, बड़ी जीवितहानि टली थी।

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