ईरान में हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे १२ हज़ार से अधिक प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी

तेहरान – माहसा अमिनी नामक २२ वर्ष की कुर्द युवति की मौत के बाद ईरान में हुकूमत के खिलाफ छिडे प्रदर्शन अधिक तीव्र हो रहे हैं। स्कूल, कॉलेज के छात्रों के बाद शिक्षकों ने भी इस हिज़ाब सक्ति के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को समर्थन दिया है। इस वजह से ईरान की युनिवर्सिटीज्‌‍ प्रदर्शनों के केंद्र बने हैं। ईरान के सिस्तान-बलुचिस्तान प्रांत में भी ईरानी हुकूमत के खिलाफ फिर से प्रदर्शन शुरू हुए। ईरानी सुरक्षा यंत्रणा ने पिछले महीने से प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करने से ढ़ाई सौ लोग मारे गए हैं और १२ हज़ार से अधिक को गिरफ्तार किया गया है।

हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शनपिछले पांच हफ्तों से ईरान में हिज़ाब सक्ति के खिलाफ प्रदर्शन जारी हैं। सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी की हुकूमत को चुनौति दे रहे इन प्रदर्शनों को कुचलने के लिए ईरान की यंत्रणा जोरदार कार्रवाई कर रही है। इसमें १४-१६ वर्ष की छात्राओं की बड़ी बेरहमी से हत्या करने के मामले सामने आने के बाद इन प्रदर्शनों की तीव्रता बढ़ी है। इस कार्रवाई में ढ़ाई सौ लोगों के मारे जाने का दावा ईरान की यंत्रणा कर रही है, फिर भी इन मरनेवालों की संख्या दुगनी से अधिक होने की आलोचना यूरोप में स्तिथ खामेनी की हुकूमत का विरोध करने वाले संगठन कर रहे हैं।

अब तक इन प्रदर्शनों में ईरान के छात्र और युवा वर्ग, ईंधन कर्मचारी, व्यापारी वर्ग और छात्रों के पालक शामिल थे। लेकिन, दो दिन पहले ‘को-ऑर्डिनेटिंग काऊन्सिल ऑफ ईरानियन टीचर्स ट्रेड असोसिएशन्स’ नामक शिक्षकों के संगठन ने भी हुकूमत विरोधी प्रदर्शनों का समर्थन किया है। साथ ही देशव्यापी हड़ताल का ऐलान भी इन शिक्षकों ने किया है। ऐसे में छात्रों के गुट ने ईरान के ट्रक चालकों से भी इन प्रदर्शनों में शामिल होने का आवाहन किया है। इसकी वजह से देशव्यापी यह प्रदर्शन ईरान की हुकूमत के लिए चुनौति साबित होने लगे हैं।

हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शनईरान के प्रभावी नेता भी इन प्रदर्शनों को समर्थन दे रहे हैं, ऐसी खबरें सामेन आ रही हैं। ‘प्रदर्शनकारियों को देश के नेताओं की आलोचना करने का, देश के नेतृत्व से सहमत ना होने का पूरा अधिकार है’, ऐसा ईरान के शियापंथियों के धार्मिक नेता जावेद अलावी-बोरूजेर्दी का कहना है। २०वीं सदी में ईरान के शीर्ष धार्मिक नेता हुसेन बोरुजेर्दी के अलावी नाती हैं। कुछ दिन पहले ईरान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष अली अकबर रफ्संजानी की बेटी ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया था। इसी बीच खामेनी के समर्थक हुसेन नूरी हमेदानी ने भी प्रदर्शनकारियों की माँगें सुनने का प्रस्ताव दिया था।

ईरान के धार्मिक और राजनीतिक नेताओं ने भी प्रदर्शनकारियों के पक्ष में बयान करने से खामेनी की मुश्किलें बढ़ी हैं। इसी बीच ईरान के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय व्यासपीठ से भी हिजाबसक्ति के खिलाफ होने की घटना सामने आई है। पिछले हफ्ते ईरान की महिला खिलाड़ी एल्नाज़ा रेकाबी दक्षिण कोरिया की स्पर्धा में हिजाब पहने बिना शामिल हुईं थीं। रेकाबी के साहस की हर स्तर पर सराहना हुई थी। लेकिन, ईरान लौटने रेकाबी को नज़रकैद में रखने की खबरें प्राप्त हुई थीं।

इसी बीच हमारे देश में यह दंगे, हिंसा और अस्थिरता के लिए अमरीका ज़िम्मेदार है, ऐसा आरोप ईरान लगा रहा है। ईरान के अंदरुनि कारोबार में हस्तक्षेप कर रही अमरीका के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन से फिर्याद करने का इशारा ईरान ने दिया है। इसी बीच प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई कर रहे ईरान पर अधिक प्रतिबंध लगाने की चेतावनी अमरीका और यूरोपिय महासंघ दे रहे हैं।

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