कोरोना संक्रमण के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय माध्यमों में जारी भारत विरोधी एकतरफा नकारात्मक प्रचार पर जवाब दें – भारतीय राजदूतों को विदेशमंत्री का संदेश

नई दिल्ली – भारत में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है और इसी दौरान अंतरराष्ट्रीय माध्यमों में इसका एकतरफा और नकारात्मक चित्रण किया जा रहा है। भारत सरकार यह संक्रमण रोकने में पूरी तरह से नाकामयाब हुई है, ऐसा भ्रम अंतरराष्ट्रीय माध्यम फैला रहे हैं। भारत के खिलाफ हो रहे इस नकारात्मक प्रचार को प्रत्युत्तर दें और इसका प्रतिवाद करें, ऐसा संदेश विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने विश्‍वभर के सभी देशों में नियुक्त भारतीय राजदूतों को दिया है। बीते कुछ दिनों से पश्‍चिमी माध्यम कोरोना संक्रमण के मुद्दे पर भारत को लक्ष्य कर रहे हैं और इसका अतिरंजित वार्तांकन कर रहे हैं। इसके पीछे भारत की प्रतिमा खराब करने की सोची समझी साज़िश होने का आरोप सोशल मीडिया पर कुछ लोग कर रहे हैं।

कोरोना संक्रमण

अंतरराष्ट्रीय माध्यमों में खास स्थान प्राप्त नामांकित अखबार एवं अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था कोरोना संक्रमण रोकने में भारत की सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित होने के दावे कर रहे हैं। इसका मुमकिन हो उतना अतिरंजित चिंत्रण किया जा रहा है और भारत की पूरी व्यवस्था टूट गई है ऐसे दावे यह माध्यम कर रहे हैं। इसका असर भारत की प्रतिमा पर पड़ने लगा है और इस पर भारतीय विदेशमंत्री ने गंभीरता से संज्ञान लिया है। विश्‍वभर के देशों में नियुक्त भारतीय राजदूतों को इस स्थिति का अहसास कराया गया है और भारत के विरोध में हो रहे इस प्रचार पर प्रतिवाद करने की सलाह भी विदेशमंत्री जयशंकर ने दी है।

कोरोना की दूसरी लहर टकराने की स्थिति में भारत में ऑक्सिजन की किल्लत निर्माण हुई है। इस स्थिति के लिए भारत ने पहले से तैयारी नहीं की थी, ऐसा पश्‍चिमी माध्यमों का कहना है। साथ ही कोरोना संक्रमण होते हुए पश्‍चिम बंगाल, केरल इन राज्यों में चुनाव हुए। इस पर भी पश्‍चिमी माध्यम आलोचना कर रहे हैं। लेकिन, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण सबसे अधिक हुआ है और इन राज्यों में चुनाव नहीं हुए, इस ओर ध्यान देने के लिए पश्‍चिमी माध्यम तैयार नहीं हैं। इसी मुद्दे पर विदेशमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया है। साथ ही भारत में ऑक्सिजन का निर्माण पर्याप्त मात्रा में हो रहा है। लेकिन, यह ऑक्सिजन अस्पतालों तक पहुँचाने में समस्या होने की ओर जयशंकर ने ध्यान केंद्रीत किया।

अंतरराष्ट्रीय माध्यमों में कोरोना संक्रमण का ब्यौरा आवश्‍यक मात्रा में नही दिया जा रहा है। सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि अन्य विकसनशील देशों की स्थिति को लेकर भी पश्‍चिमी माध्यम इसी तरह से एकतरफा भूमिका स्वीकारते हैं, यह बात कई बार स्पष्ट हुई थी। खास तौर पर भारत के सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इस बात पर स्पष्ट तौर पर ध्यान केंद्रीत किया है। अमरीका और यूरोपिय देशों में कोरोना संक्रमण की पहली लहर कोहराम मचा रही थी, उस समय भारत ने कोरोना का पूरी ताकत से मुकाबला किया था। अमरीका और यूरोप के विकसित देशों की स्वास्थ्य यंत्रणा टूट चुकी थी, ऐसे समय में भारत की स्वास्थ्य यंत्रणा ने इस संक्रमण को सफलता से काबू किया था। उस दौर में भारतीय स्वास्थ्य यंत्रणा को प्राप्त हुई इस बड़ी सफलता पर पश्‍चिमी माध्यमों ने ध्यान नहीं दिया था। कोरोना प्रतिबंधक वैक्सीन का निर्माण करने के मोर्चे पर भारत ने विकसित देशों को भी पीछे छोड़ा था, यह बात बर्दाश्‍त करना पश्‍चिमी माध्यमों के लिए कठिन था।

अमरीका में अब तक देखे गए कोरोना के मामलों की संख्या ३ करोड़ २८ लाख है। इस महामारी के दौरान अमरीका में ५.८६ लाख संक्रमितों की मौत हुई है। बीते वर्ष फरवरी में यूरोपिय देशों में ४.५९ करोड़ से अधिक नागरिक कोरोना संक्रमित हुए थे। यूरोप में अब तक १० लाख कोरोना संक्रमित मृत हुए है। ऐसी स्थिति में भारत में हुए कोरोना संक्रमण का बढ़ा-चढ़ाकर फिजूल वार्तांकन करना पश्‍चिमी माध्यमों की पक्षपातपूर्ण मानसिकता का परिचय दे रही है। साथ ही इसके पीछे अलग ही उद्देश्‍य होने की बात भी सामने आ रही है।

भारत में १५ अप्रैल के बाद यकायक कोरोना संक्रमण काफी तेज़ हुआ और इससे स्वास्थ्य यंत्रणाओं पर काफी भार पड़ा, इससे इन्कार नहीं किया जा सकता। ऑक्सिजन और दवाईयों की किल्लत निर्माण होने से यह संकट और भी तीव्र हुआ। लेकिन, भारत की यंत्रणा पूरी ताकत से इस चुनौती का मुकाबला कर रही है, यह बात साझा करने के लिए पश्‍चिमी माध्यम तैयार नहीं हैं। कोरोना वैक्सीन का बड़ी संख्या में निर्माण करके एवं यह वैक्सीन उपलब्ध होने से ‘हायड्रॉक्सिक्लोरोक्विन’ जैसी दवा की पूरे विश्‍व को सप्लाई करने से भारत की प्रतिमा विकसित देशों से भी अधिक चमकी थी। लेकिन, भारत ही संकटों में फंसा होने का दिखाकर पश्‍चिमी माध्यम भारत के विरोध में दुष्प्रचार की मुहिम चला रहे हैं।

लेकिन, ज्यादा समय तक इन माध्यमों का ऐसा दुष्प्रचार करने का अवसर नहीं मिलेगा। देश जल्द ही कोरोना संक्रमण को काबू कर पाएगा, ऐसा विश्‍वास सोशल मीडिया पर व्यक्त किया जा रहा है। इसके लिए भारत सरकार, स्वास्थ्य यंत्रणा और उद्योगक्षेत्र बिना थके कार्यरत हैं, इसके दाखिले भी दिए जा रहे हैं।

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