विश्‍वसनीय और मज़बूत साझेदार होने का भारत ने किया अफ्रिकी महाद्विप से वादा

नई दिल्ली – अफ्रिकी महाद्विप के लिए भारत एक विश्‍वसनीय और मज़बूत साझेदार साबित होगा, ऐसा वादा भारत ने किया है। सीआयआय और एक्ज़िम बैंक ने आयोजित की हुई बैठक में भारत ने कोरोना की महामारी के दौर में प्रदान की हुई सहायता का दाखिला देकर अफ्रीका में शांति एवं समृद्धि के लिए भारत-अफ्रीका एकसाथ काम कर सकते हैं, यह दावा भी भारत ने किया है। बीते दो दशकों में चीन ने अफ्रीकी महाद्विप में बड़ी मात्रा में निवेष करके अपना प्रभाव बढ़ाने में कामयाबी हासिल की है। लेकिन, कोरोना की पृष्ठभूमि पर चीन के इस वर्चस्व को झटके लगना शुरू हुआ है और भारत अपना स्थान मज़बूत करने के लिए तेज़ी से कदम उठा रहा है।

African-continent-Indiaभारत में उद्योग क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करनेवाली ‘कान्फडरेशन ऑफ इंडिया’ (सीआयआय) और एक्ज़िम बैंक ने डिजिटल कॉनक्लेव इंडिया-अफ्रिका प्रोजेक्ट पार्टनरशिप का आयोजन किया था। इस दौरान भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर एवं व्यापार और उद्योगमंत्री पियुष गोयल शामिल थे। भारत के अफ़्रीका में जारी प्रकल्प उस महाद्विप की जनता का गलत लाभ नहीं उठाएंगे बल्कि उन्हें अधिक मज़बूत करेगी, इन शब्दों में विदेशमंत्री जयशंकर ने नाम लिए बिना चीन को फटकार लगाई। साथ ही अफ्रिकी देशों में भारत से निर्माण हो रहा बुनियादी सुविधाओं का निर्माण एवं निवेष अफ्रिका की शाश्‍वत विकास का ध्यान रखनेवाला होने का भरोसा भी जयशंकर ने दिलाया।

भारत के विदेशमंत्री ने समुद्री सुरक्षा का मुद्दा उपस्थित करके यह क्षेत्र दोनों ओर के सहयोग के लिए नया विकल्प साबित हो सकता है, यह संकेत दिए। कुछ दिन पहले ही भारत को अफ्रिकी एवं खाड़ी देशों के समावेश वाले ‘जिबौती कोड़ ऑफ कंड़क्ट/जेद्दा अमेंड़मेंट’ (डीसीओसी/जेए) में बतौर निरीक्षक देश शामिल किया गया था। इस पृष्ठभूमि पर विदेशमंत्री जयशंकर ने दिए हुए संकेत अहमियत रखते हैं। अफ्रिका के साथ ईमानदारी से साझेदारी करने की इच्छा भारत रखता है और इसके लिए अनगिनत विकल्प मौजूद होने का दावा भी उन्होंने किया।

African-continent-Indiaइसी बीच विदेशमंत्री जयशंकर ने भारत ने अफ्रिका में किया हुआ निवेष और अन्य प्रकल्पों की जानकारी साझा करके भारत यह अफ्रिकी महाद्विप का सबसे मज़बूत साझेदार होने का बयान किया। भारत ने अफ्रिकी महाद्विप के ३७ देशों में अब तक १९४ विकास प्रकल्पों का काम किया है। साथ ही मौजूदा स्थिति में २९ देशों में ११ अरब डॉलर्स लागत की ८८ परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इनमें बुनियादी सुविधा, ऊर्जा, जल, खेती एवं सूचना एवं पौद्योगिकी क्षेत्र की योजनाओं का समावेश है। भारत ने अफ्रिकी महाद्विप में कुल ५४ अरब डॉलर्स से अधिक निवेष किया है, यह जानकारी देकर जयशंकर ने दोनो ओर बढ़ रहे सहयोग पर ध्यान आकर्षित किया।

व्यापार और उद्योगमंत्री पियुष गोयल ने अफ्रिकी महाद्विप के मुक्त व्यापार क्षेत्र का ज़िक्र करके, इससे भारत के लिए अधिक अवसर उपलब्ध होंगे, यह उम्मीद व्यक्त की। अफ्रिकी महाद्विप से आयात हो रहे ९८ प्रतिशत आयात पर कर वसुली ना होने की ओर ध्यान केंद्रीत करके अफ्रिकी उत्पादनों के लिए भारत में बड़ी मात्रा में अवसर उपलब्ध होने की बात गोयल ने इस दौरान कही। अफ्रिकी महाद्विप में भारत जापान के सहयोग से प्रकल्पों पर काम कर रहा है और इससे संबंधित एक रपट भी इस दौरान जारी की गई।

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