देश में बिजली की माँग विक्रमी स्तर पर

नई दिल्ली – भारत में बीजली की माँग बढ़कर उच्चतम स्तर पर जा पहुँची है। शनिवार के दिन पूरे देश में कुल १८९.६ गीगावाट (जीडब्ल्यू) बिजली की माँग दर्ज़ हुई। तीन दिन पहले २८ जनवरी के रोज़ देश में उच्चतम १८८.४ गीगावाट बिजली की माँग दर्ज़ हुई थी। देश में बिजली की माँग तेज़ी से बढ़ रही है और यह गति देखें तो जल्द ही देश में बिजली की माँग २०० गीगावाट से अधिक होगी, यह दावा किया जा रहा है। साथ ही बिजली की माँग में हुई बढ़ोतरी देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आने की बात दर्शाती है, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है।

indiaदेश में बिजली की माँग बीते कुछ दिनों से काफी तेज़ी से बढ़ रही है। कोरोना वायरस के कारण किए गए लॉकडाउन के कारण देश में बीजली की माँग काफी मात्रा में घट गई थी। देश में आर्थिक कारोबार और उत्पादन ठप पड़ गए थे। जुलाई के बाद सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करने के बाद धीरे-धीरे कारखाने, कारोबार, कंपनियां और अन्य उद्योग दुबारा शुरू हुए। इसके बाद बिजली की माँग में भी बढ़ोतरी होने लगी है।

बीते वर्ष लॉकडाउन घोषित करने से पहले जनवरी में देश में बिजली की माँग बढ़कर १७०.९७ गीगावाट (१ लाख ७० हज़ार ९७० मेगावाट) हुई थी। बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष बिजली की माँग १५ से १८ गीगावाट अधिक दर्ज़ हुई है। २२ जनवरी के दिन देश में बिजली की माँग ने नया रिकार्ड़ स्थापित किया था। उस दिन देश में १८५.८२ गीगावाट बिजली की माँग दर्ज़ हुई थी। लेकिन, इसके बाद २८ जनवरी के दिन ही यह रिकार्ड़ टूटा और बिजली की माँग १८८.४ गीगावाट तक जा पहुँची। अब शनिवार ३० जनवरी के दिन १८९.६ गीगावाट बिजली की माँग का नया रिकार्ड़ दर्ज़ हुआ है।

जिस गति से बीजली की माँग में बढ़ोतरी हो रही है उसे देखें तो जल्द ही यह माँग २०० गीगावाट से अधिक होगी, ऐसी आशंका जताई जा रही है। देश में फिलहाल ३७३.४३ गीगावाट बिजली निर्माण की क्षमता मौजूद है।

देश में बढ़ रही बिजली की माँग की ओर देश की अर्थव्यवस्था के विकास को प्राप्त हुई गति के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। हर वर्ष बिजली की माँग में बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष २०१९ में देश की बिजली की माँग १६८ गीगावाट तक जा पहुँची थी। बिजली की इस बढ़ती माँग ने कोरोना के संकट को दूर करके अब देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ चुकी है और औद्योगिक गतिविधियों में हुई बढ़ोतरी दर्शाती है, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है। इससे पहले देश में ‘जीएसटी’ संकलन उच्चतम स्तर पर जा पहुँचा था। देश में ईंधन की माँग में भी बढ़ोतरी दर्ज़ हुई थी। साथ ही रेलमार्ग से होनेवाली सामान की यातायात भी अब लॉकडाउन के पहले वाले स्तर से अधिक होने के आँकड़े प्राप्त हुए थे। इसमें अब बिजली की बढ़ती माँग ने देश की अर्थव्यवस्था ने दुबारा गति पकड़ी होने के नए संकेत प्राप्त हुए हैं, ऐसा विश्‍लेषकों का दावा है।

केंद्रीय बजट पेश करने से मात्र दो दिन पहले ही बिजली की माँग ने नया रिकार्ड़ स्थापित किया है। अगले आर्थिक वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था ११ प्रतिशत विकास दर हासिल करेगी, ऐसा अनुमान आर्थिक सर्वे की रपट में व्यक्त किया गया था।

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