रक्षाबलों का परिवर्तन करनेवाले ‘अग्निपथ’ का ऐलान

नई दिल्ली – देश के रक्षाबलों का बड़ा परिवर्तन करनेवाली ‘अग्निपथ’ योजना का ऐलान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया। इस समय तीनों रक्षाबलों के प्रमुख मौजूद थे। इस योजना के ज़रिये थलसेना, नौसेना और वायुसेना में चार साल सेवा करने का अवसर युवा वर्ग के सामने रखा गया है। इसके अनुसार इस साल तीनों रक्षाबलों के लिए कुल मिलाकर ४६ हज़ार ‘अग्निवीर’ भरती किए जाएँगे। उन्हें प्रशिक्षण देकर रक्षाबलों की सेवा में दाखिल किया जाएगा। लेकिन, ऐसा करते हुए रक्षाबल अपनी तैयारी और अभियान चलाने की क्षमता से थोड़ा भी समझौता नहीं करेंगे, ऐसी गवाही रक्षामंत्री एवं रक्षाबलप्रमुख ने दी है।

‘अग्निपथ'अगले ९० दिनों में अग्निवीरों की भरती की प्रक्रीया शुरू होगी। इसमें १७.५ से २१ साल के युवा-युवतियों को शामिल होने का अवसर प्राप्त होगा। फिलहाल रक्षाबलों की भरती के लिए आवश्यक वैद्यकीय और शारीरिक तंदुरूस्ती के निकष अग्निवीरों के लिए भी लागू होंगे। दसवीं और बारहवीं की परीक्षा पास करनेवाले युवा-युवतियां इसके लिए पात्र माने जाएंगे। इन अग्निवीरों को चार साल की सेवा में से पहले साल तकरीबन ३० हज़ार रुपये मासिक वेतन प्राप्त होगा। दूसरे साल ३३ हज़ार, तीसरे साल ३६,५०० और चौथे साल ४० हज़ार मासिक वेतन प्राप्त होगा। प्रत्येक अग्निवीर को कुल ११.७१ लाख सेवा नीधि का पैकेज मिलेगा और इसे आयकर से राहत दी जाएगी। लेकिन, अग्निवीरों को किसी भी तरह की ग्रैच्युइटी या पेन्शन नहीं दिया जाएगा। लेकिन, प्रशिक्षण या देशसेवा करते हुए अग्निवीर शहीद होने या स्थायी विकलांगता होने पर उन्हें तकरीबन एक करोड़ रुपयों की बिमा सुरक्षा प्राप्त होगी।

इससे देश के युवावर्ग को रक्षाबलों में सेवा का अवसर प्राप्त होगा। साथ ही करिअर का अच्छा मार्ग भी उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा। चार साल की सेवा के बाद रक्षाबलों की ज़रूरतें और नीति के अनुसार अग्निवीरों को रक्षाबलों की सेवा में स्थायी रूप से शामिल करने का निर्णय भी किया जाएगा। रक्षाबलों के खर्च घटाने का ध्येय सामने रखकर यह योजना नहीं बनाई गई है। बल्कि, रक्षाबलों को अधिक कुशल, सक्षम मनुष्यबल उपलब्ध कराने के लिए अग्निपथ योजना काफी लाभदाई साबित होगी, यह विश्वास रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने व्यक्त किया।

रक्षाबलों में चार साल सेवा करनेवाले यह युवा अपने भविष्य की चुनौतियों का अधिक आत्मविश्वास से सामना करेंगे। उन्हें करिअर के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही रक्षाबलों को भी इससे गुणवत्ता प्राप्त कुशल मनुष्यबल उपलब्ध होगा। इस वजह से यह योजना रक्षाबलों में काफी बड़े बदलाव करनेवाली साबित होगी, ऐसा विश्वास रक्षामंत्री के साथ तीनों रक्षादल प्रमुख ने व्यक्त किया।

लेकिन, इस योजना पर सेना के कुछ पूर्व अधिकारियों ने सावधानी से बयान किया है। अग्निवीरों के प्रशिक्षण की अवधि काफी कम है। इसका उनकी कुशलता पर असर पड़ सकता है, ऐसी चिंता इन पूर्व सेना अधिकारियों ने व्यक्त की। साथ ही चार साल की सेवा के बाद इन अग्निवीरों को अन्य जगह पर नौकरी प्राप्त होने के अवसर को लेकर किए गए दावों पर भी पूर्व सेना अधिकारियों ने सवाल किए हैं। इसमें प्रमुख बात यह है कि, इससे रक्षाबलों की मौजूदा कार्यपद्धति पर और तैयारी पर असर पड़ सकता है, ऐसी चिंता भी इन पूर्व अधिकारियों ने जतायी है।

लेकिन, हर हाल में रक्षाबल अपनी रक्षा तैयारी और क्षमता से समझौता किए बिना इस अग्निपथ योजना को चलाएँगे, ऐसा सेनाप्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा। दसवीं और बारहवीं के बाद युवाओं के सामने आगे की शिक्षा प्राप्त करना, कुशलता पाकर बेहतर करिअर बनाने के अलावा सीधे नौकरी ढ़ुंढ़ने के विकल्प होते हैं। अग्निपथ योजना की वजह से एक ही समय पर यह तीनों प्राप्त होंगे। इसके अलावा अनुशासन, देशसेवा की प्रेरणा और कुशलता की वजह से अग्निवीरों को उज्वल भविष्य का अवसर प्राप्त होगा, ऐसा वायुसेनाप्रमुख एअरचीफ मार्शल व्ही.आर.चौधरी ने कहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.