बायडेन प्रशासन पर नाराज़ प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू जल्द ही चीन दौरा करेंगे

जेरूसलम – अमरीका के बायडेन प्रशासन ने ईरान से परमाणु समझौते की गुप्त बातचीत शुरू की है, ऐसी खबरें प्राप्त हो रही हैं। इस स्थिति में इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू जल्द ही चीन दौरे पर जाकर राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। चीन का दौरा कर रहे हैं फिर भी अमरीका ही इस्रायल का अहम सहयोगी देश है, यह ऐलान भी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने किया। लेकिन, इस्रायल को अनदेखा कर रही अमरीका का राजनीतिक विकल्प भी है, यह संदेश इस्रायल के प्रधानमंत्री चीन दौरे से देने की कोशिश में दिख रहे हैं।

पिछले कुछ दिनों से इस्रायल के प्रधानमंत्री चीन दौरा करेंगे, ऐसी खबरें सामने आयी थी। इस वजह से इस्रायल एवं अमरिकी माध्यमों में काफी विरोधी चर्चा शुरू हुई थी। लेकिन, मंगलवार को इस्रायल के प्रधानमंत्री दफ्तर ने ही नेत्यान्याहू के चीन दौरे का अधिकृत ऐलान किया। चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग का न्यौता स्वीकार करके इस्रायल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू अगले महीने चीन पहुंच रहे हैं। इस दौरान नेत्यान्याहू राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के साथ ही चीन के विभिन्न नेताओं से मुलाकात करेंगे, यह प्रधानमंत्री दफ्तर ने स्पष्ट किया।

इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने भी चीन के प्राप्त न्यौते की जानकारी सार्वजनिक की। यह कोई यकायक हो रहा दौरा नहीं है और बायडेन प्रशासन को इसकी जानकारी एक महीने पहले से ही थी, यह भी प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने किया है। साथ ही इस दौरे के बाद भी अमरीका इस्रायल का अहम सहयोगी देश रहेगा, ऐसा नेत्यान्याहू ने कहा। लेकिन, इस्रायली प्रधानमंत्री का यह चीन दौरा बायडेन प्रशासन को बड़ा संदेश देने वाला होने का दावा इस्रायली माध्यम और विश्लेषक कर रहे हैं।

बायजेन ने अमरीका की बागड़ोर संभालने के दो वर्ष पूरे हुए हैं। लेकिन, बायडेन प्रशासन ने अभी तक इस्रायल के प्रधानमंत्री को व्हाईट हाऊस आने का न्यौता नहीं दिया है, कोई ना कोई वजह बताकर राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने इस्रायली प्रधानमंत्री को दूर रखा है, ऐसा दावा इस्रायली माध्यम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू व्हाईट हाऊस के न्यौते की प्रतिक्षा में बैठने वालों में से नहीं हैं और वह भी अमरीका के राजनीतिक विकल्प की तलाश में होने का दावा राजनीतिक सूत्रों ने किया।

इसके साथ ही ईरान के मुद्दे पर बायडेन प्रशासन इस्रायल की सुनने के लिए तैयार नहीं हैं, ऐसी आलोचना इस्रायली विश्लेषक कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू के विरोध के बावजूद बायडेन प्रशासन ने ईरान के साथ परमाणु समझौते की बातचीत जारी रखी है। इससे नेत्यान्याहू की सरकार में नाराज़गी हैं और चीन का यह दौरा इसी नाराज़गी का हिस्सा होने का दावा इस्रायली विश्लेषक कर रहे हैं।

बायडेन प्रशासन अब्राहम समझौते के तहत इस्रायल और सौदी अरब का सहयोग स्थापीत करने में असफल हुआ, ऐसी आलोचना भी हो रही है। इसी कारण से चीन की मध्यस्थता से सौदी अरब के साथ सहयोग स्थापीत करने की कोशिश प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू करेंगे, ऐसी संभावना जताई जा रही है। ऐसा हुआ तो खाड़ी देशों की तरह इस्रायल पर भी चीन का प्रभाव बना रहेगा, इस मुद्दे पर इस्रायली विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

इसी बीच, कुछ दिन पहले पैलेस्टिन के राष्ट्राध्यक्ष महमूद अब्बास ने चीन दौरा किया था। इसके बाद इस्रायल के प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया हैं। इस वजह से चीन इस्रायल-पैलेस्टिन के लिए मध्यस्थता करने की कोशिश करता दिख रहा हैं। चीन ने पहले भी सौदी अरब और ईरान का सहयोग स्थापित करके खाड़ी में अमरीका के प्रभाव को झटका दिया था।

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