अमरीका-ईरान परमाणु समझौते की चर्चा टूटी नहीं है – अमरीका ने इस्रायल के दावे का किया खंड़न

वॉशिंग्टन – ईरान की माँगों के कारण आगबबूला हुए अमरीका और यूरोपिय देश ईरान के परमाणु समझौते से पीछे हटे हैं। साथ ही इस परमाणु समझौते के लिए नियुक्त किए गए विशेष प्रतिनिधि रॉब मैली को भी हटाया गया है, यह दावा इस्रायल ने किया था। लेकिन, अमरिकी विदेश मंत्रालय ने इस्रायल के इस दावे का खंड़न किया। ईरान के साथ जारी परमाणु समझौते की चर्चा टूटी ना होने का बयान अमरिकी विदेश मंत्रालय ने किया है। साथ ही अमरीका के विशेष प्रतिनिधि मैली के अधिकार दोगुनी करने का ऐलान भी अमरीका ने किया। अमरीका का यह ऐलान इस्रायल के लिए झटका होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन, ‘एससीओ’ की बैठक से पहले यह ऐलान करके अमरीका ने ईरान को संकेत दिए हैं, ऐसा विश्लेषकों का कहना है।

एक हफ्ता पहले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन और इस्रायली प्रधानमंत्री येर लैपिड के बीच फोन पर चर्चा हुई थी। ईरान के परमाणु समझौते पर प्रधानमंत्री लैपिड ने अपने पुख्ता विचार रखे, यह ऐलान इस्रायल की सरकार ने किया था। परमाणु समझौते के लिए ईरान ने अमरीका को प्रस्ताव देने के बाद इस्रायल ने ईरान के किसी भी परमाणु समझौते का समर्थन करना मुमकिन ना  होने की चेतावनी दी थी।

इस्रायली गुप्तचर यंत्रणा ‘मोसाद’ के प्रमुख डेविड बार्नी ने अमरीका का दौरा करके ईरान के परमाणु कार्यक्रम के सबूत पेश किए, ऐसा इस्रायली माध्यमों ने कहा था। इसके बाद राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने भी इस्रायल की भूमिका का स्वागत किया। साथ ही अमरीका ने ईरान की माँगें स्वीकारने से इन्कार करने की खबरें भी प्रसिद्ध हुईं थी। बायडेन प्रशासन ने ईरान के परमाणु समझौते के लिए नियुक्त किए विशेषदूत रॉब मैली को हटाने की जानकारी इस्रायली माध्यमों ने साझा की थी।

लेकिन, अमरिकी विदेश विभाग ने इस्रायल के इन सभी दावों को ठुकराया। बायडेन प्रशासन ईरान के परमाणु  समझौते से पीछे नहीं हटा है, तथा यह चर्चा टूटी भी नहीं है, ऐसा अमरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राईस ने कहा है। ‘ईरान को परमाणु अस्त्र से सज्जित होने से रोकने के लिए परमाणु समझौता ही एक मात्र विकल्प होने की भूमिका पर बायडेन प्रशासन कायम है। इसी कारण साल २०१५ के परमाणु समझौते को पूनर्जीवित करने के लिए प्रशासन की कोशिश हो रही है’, यह जानकारी प्राईस ने प्रदान की। साथ ही रॉब ही अमरीका के विशेषदूत हैं और उनके अधिकार बढ़ाकर दोगुने किए गए हैं, ऐसा प्राईस ने कहा।

इसी बीच, कुछ घंटे पहले अमरीका ने ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ से संबंधित तीन लोगों पर सायबर हमलों के मामले में प्रतिबंध लगाए। साथ ही ईरान परमाणु समझौते के लिए उत्सुक ना होने की आलोचना भी अमरीका ने की। इसके बावजूद बायडेन प्रशासन परमाणु समझौते पर कायम होने की बात अमरिकी विदेश विभाग ने स्पष्ट की। बायडेन प्रशासन की यह भूमिका इस्रायल के लिए जोरदार  झटका है, ऐसा इस्रायली माध्यमों का कहना है। इसी बीच ईरान ‘एससीओ’ का सदस्य बनने की तैयारी में है और अब परमाणु समझौता मुमकिन होने का बयान करके बायडेन प्रशासन ईरान को रशियन गुट में जाने से रोकने की कोशिश करता हुआ दिख रहा है।

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