अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने पाकिस्तान को नोटिस पर रखा है- अमरिका के उपराष्ट्राध्यक्ष माइक पेन्स

वॉशिंग्टन/इस्लामाबाद: “तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनों को सहायता करने वाले पाकिस्तान को अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने ‘नोटिस पर रखा है’’, इन शब्दों में अमरिका के उपराष्ट्राध्यक्ष माइक पेन्स ने पाकिस्तान को नया झटका दिया है। अफगानिस्तान का अघोषित दौरा करने वाले अमरिका के उपराष्ट्राध्यक्ष माइक पेन्स ने दिए हुए इस इशारे से पाकिस्तान को बहुत ठेंच पहुंची है। सहकारी देश इस तरह से एक दूसरे को ‘नोटिस’ पर रखते नहीं हैं, ऐसा पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है। पाकिस्तान के विदेश सचिव ने भारत और पाकिस्तान के साथ समान बर्ताव किया जाए, ऐसी मन्नत मांगी है।

पिछले कुछ हफ़्तों से अमरिका पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक नीति पर कठोर प्रहार करता आ रहा है। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान के बारे में नई नीति घोषित करते हुए, आतंकवाद की सहायता करने वाले पाकिस्तान को इस के आगे सवाल कीए जाएंगे, ऐसा इशारा दिया था। उस के बाद अमरिका ने पाकिस्तान के बारे में अपनी भूमिका को आक्रामक बनाया है और उस के परिणाम दिखाई दे रहे हैं। अमरिका के उपराष्ट्राध्यक्ष माइक पेन्स ने अफगानिस्तान का अघोषित दौरा कर के सबको चौंका दिया है। अफगानिस्तान में स्थित अमरिका के बगराम इस हवाई अड्डे पर जवानों को संबोधित करते हुए पेन्स ने पाकिस्तान की खबर ली है।

तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनों को मदद करने वाले पाकिस्तान को अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने नोटिस पर रखा है, ऐसा कहकर पेन्स ने अमरिका पाकिस्तान के बारे में कोई भी निर्णय ले सकता है, ऐसा एहसास दिलाया है। आतंकवादियों की सहायता करने के दिन अब खत्म हो चुके हैं, इस के आगे पाकिस्तान को अपनी नीति बदलनी ही पड़ेगी, ऐसी ताकीद पेन्स ने दी है। ‘भारत और अफगानिस्तान इन पडौसी देशों में रक्तपात करने वाले आतंकवादी संगठनों को पाकिस्तान को रोकना ही पड़ेगा। अमरिका के साथ सहकार्य कर के पाकिस्तान को बहुत लाभ होगा, लेकिन आतंकवादियों को समर्थन किया तो पाकिस्तान को बहुत नुकसान होगा’, एस कठोर इशारा भी माइक पेन्स ने इस समय दिया है।

‘राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अफगानिस्तान में स्थित अमरिकी लष्कर को दुश्मन का सामना करने की पूरी आजादी दी है। उस के परिणाम दिखाई दे रहे हैं, जिस से अफगानिस्तान में तालिबान विरोधी युद्ध में अमरिका को सफलता मिल रही है। इस बात को तालिबान ने मान्य नहीं किया है, फिर भी कुछ फर्क नहीं पड़ता। लेकिन तालिबान पर हवाई हमले बढ़ गए हैं। तालिबान के आतंकवादियों को अपने बचाव की नीति अपनानी पड़ रही है। सब से महत्वपूर्ण बात यह है कि तालिबान का आर्थिक स्त्रोत नशीली पदार्थों का नेटवर्क उध्वस्त हो गया है’, ऐसा कहकर उपराष्ट्राध्यक्ष पेन्स ने समाधान व्यक्त किया है।

पिछले १६ साल के काल में अमरिका की ओर से पाकिस्तान पर हुई यह सबसे कठोर टीका थी, ऐसा दावा निरीक्षक कर रहे हैं। इस पर पाकिस्तान की ओर से प्रतिक्रिया आई है। सहकारी देशों को इस तरह से नोटिस पर रखा नहीं जाता, ऐसा कह कर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने पेन्स के विधान पर नाराजगी व्यक्त की है। पाकिस्तानी संसद की समिति के सामने बोलते समय विदेश सचिव तेहमिना जंजुआ ने अमरिका, भारत और पाकिस्तान के साथ सामान बर्ताव नहीं कर रहा है, ऐसा दुःख व्यक्त किया है। अमरिका भारत इतनी ही पाकिस्तान की चिंता के बारे में सोचे, ऐसा आवाहन इस समय जंजुआ ने किया है।

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