अमरिकी राजदूत की अरुणाचल प्रदेश को भेंट

नई दिल्ली, दि. २२ (वृत्तसंस्था) – चीन की पाकिस्तानपरस्त नीति के साथ ही, चीन के सरकारी माध्यमों द्वारा भारत की जानेवाली आलोचना के मसले पर देशभर में तीव्र प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं| इससे भारतीय जनता और व्यापारी वर्ग चिनी उत्पादनों का बहिष्कार करने की तैयारी कर रहे हैं और ऐसे में ही, चीन की बेचैनी बढ़ानेवाली एक और ख़बर सामने आयी है| अरूणाचल प्रदेश के तवांग में आयोजित किये गए महोत्सव में अमरीका के राजदूत रिचर्ड वर्मा भी शामिल हुए हैं| ‘तवांग यह हमारा भूभाग है’ ऐसा दावा चीन ने किया था| साथ ही, यह इलाका यानी भारत का ही अविभाज्य भूभाग है, ऐसा दावा करनेवाली अमरीका की, चीन ने इससे पहले भी कड़ी आलोचना की थी|

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तीन दिन चलनेवाले ‘तवांग फेस्टिव्हल’ में, भारत स्थित अमरीका के राजदूत रिचर्ड वर्मा शामिल हुए| इसकी जानकारी खुद वर्मा ने सोशल नेटवर्किंग साईट पर जारी की है| अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और आसाम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ये भी इस समय मौजूद थे| अमरिकी राजदूत का इस महोत्सव में उपस्थित रहना, यह राजनीतिक स्तर पर बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जा रही होकर, यह घटना चीन के सिरदर्द का कारण बन सकती है| इस साल के मई महीने में कोलकाता में, अमरिकी दूतावास के अधिकारी ‘क्रेग एल. हॉल’ ने अरूणाचल प्रदेश को ‘भारत का अविभाज्य भूभाग’ कहा था| उसपर चीन ने तीख़ी प्रतिक्रिया दी थी|

‘भारत और चीन ये दोनों प्रगल्भ देश हैं| दोनों देश अपने सीमा-विवाद का हल ढूँढ़ने के लिए सक्षम है| इसमे दुसरे किसी देश ने दखल देने की कोई ज़रूरत नहीं’ ऐसे स्पष्ट शब्दों में चीन के विदेशमंत्रालय द्वारा अमरीका से कहा गया था| अरूणाचल प्रदेश के बारे में, भारत की तरफ से बयानबाजी करनेवाले जापान की भी चीन ने इसी प्रकार की कड़ी आलोचना की थी| ‘अरूणाचल प्रदेश यानी दक्षिण तिबेट है| यह प्रदेश भारत का नहीं, बल्कि हमारा है’ ऐसा दावा चीन कर रहा है| लेकिन भारत ने इस बारे में अपनी भूमिका साफ करते हुए चीन को कड़े शब्दों में खरी खरी सुनायी थी| साथ ही, अरूणाचल प्रदेश तथा ईशान्य भारत के अन्य राज्यों में पायाभूत ढाँचे का विकास करके, यहाँ पर सेना की क्षमता में बढ़ोत्तरी करने का आक्रामक निर्णय भारत सरकार द्वारा किया गया है|

चीन यहाँ के भूभाग में अपनी रक्षासिद्धता बढ़ा रहा है| ऐसे में, भारत ने भी इस क्षेत्र में ज़्यादा जवानों की तैनाती करके, ब्राह्मोस मिसाइल्स एवं सुखोई लड़ाकू विमान तैनात किये हैं| इसपर भी चीन ने नारा़ज़गी ज़ाहिर की थी| लेकिन इसकी परवाह न करते हुए, इस भूप्रदेश के बारे में किसी भी प्रकार का समझौता नामुमक़िन है, ऐसी चेतावनी भारत की तरफ़ से चीन को दी जा रही है| अमरीका और जापान भारत के पक्ष में खड़े हुए हैं|
‘तवांग महोत्सव में अमरिकी राजदूत की उपस्थिति से यह महोत्सव जागतिक बन गया है’ ऐसा कहकर अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने, रिचर्ड वर्मा की उपस्थिति के राजनयिक महत्त्व को अधोरेखित किया है| इस कारण, जल्द ही इसपर चीन की तीख़ी प्रतिक्रिया आने के आसार हैं|

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