‘अरुणाचल प्रदेश के विकास प्रकल्पों पर अमल करते समय भारत संयम और सावधानता बरतें’ : भूपेन हजारिका पुल से बेचैन हुए चीन की चेतावनी

नई दिल्ली, दि. ३० : आसाम और अरुणाचल के बीच का फ़ासला कम करके भारत की सामरिक ताकत बढाने के लिए बनाये गये ‘भूपेन हजारिका पुल’ को लेकर चीन द्वारा प्रतिक्रिया आयी है| अरुणाचल में मूलभूत सुविधाओं का विकास करते समय भारत संयम और सावधानता दिखायें, ऐसी चेतावनी चीन के विदेशमंत्रालय ने दी है| चीन से आयी यह अधिकृत चेतावनी अपेक्षित होकर, इससे पहले भी पूर्वोत्तर राज्यों की मूलभूत सुविधाओं के विकासप्रकल्पों को लेकर चीन ने इसी तरह चेतावनी की प्रतिक्रिया दी थी|

भूपेन हजारिका पुल२६ मई के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से इस पूल का लोकार्पण हुआ था| असाम के सदिया-धौला दरमियान लोहित नदी पर बनवाया गया यह ९.१५ किलोमीटर लंबाई का भूपेन हजारिका पूल और उससे जुड़े हुए २८ किलोमीटर के महामार्ग से असाम और अरुणाचल प्रदेश के बीच का फ़ासला कम हुआ है| अरुणाचल प्रदेश स्थित चीन से सटे सेना के अड्डों तक रक्षासामग्री और रसद की तेज़ी से आपूर्ति करने के लिए यह पूल बहुत महत्त्वपूर्ण साबित होगा| इसी कारण इस पूल को सामरिक तौर पर बहुत बड़ा महत्त्व प्राप्त हुआ है| इस हेतु से ही इस पूल की रचना की गयी और इस पूल से ६० टन टैंक का भी आसानी से परिवहन हो सकता है| यह पूल बनाकर भारत ने चीन को सही संदेश दिया, ऐसा दावा विशेषज्ज्ञों ने किया था| इससे अरुणाचल प्रदेश पर दावा करनेवाले चीन से प्रतिक्रिया स्वाभाविक ही थी|

चीन-भारत सीमा के पूर्वोत्तर के क्षेत्र के संदर्भ में चीन की भूमिका स्पष्ट है, ऐसे चीन के विदेशमंत्रालय ने कहा है| जब तक सीमाविवाद हल नहीं होता, तब तक अरुणाचल प्रदेश में मूलभूत प्रकल्पों का निर्माण करते समय भारत संयम और सावधानता अपनायें, ऐसी चीन की अपेक्षा है| विवादग्रस्त सीमा इलाके में शांति और सौहार्द क़ायम रहें इसलिए विवादग्रस्त मुद्दों का चर्चा के माध्यम से हाल निकालना चाहिए, ऐसे चीन के विदेशमंत्रालय ने कहा है|

चीन के विदेशमंत्रालय ने हालाँकि सदिया-धौला पूल और महामार्ग का सीधा उल्लेख नहीं किया, मग़र फिर भी यह प्रतिक्रिया इसी संदर्भ में है, ऐसा स्पष्ट होता है| इससे पहले चीन ने अरुणाचल प्रदेश की सड़कों, रेल और अन्य मूलभूत प्रकल्पों पर ऐतराज़ जताया था| लेकिन भारत ने गत कुछ समय में, चीन द्वारा जताये जा रहे ऐतराज़ों को महत्त्व नहीं दिया है| एक तरफ चीन भारत के ऐतराज़ों और चिंताओं को नजरअंदाज करते हुए अपने सीमाइलाके में बड़ी मात्रा में मूलभूत सुविधाओं के प्रकल्पों पर अमल कर रहा है| चन्द कुछ घंटों में भारतीय सीमा तक एक लाख सैनिक तैनात करने की क्षमता चीन ने कुछ साल पहले हासिल की थी| लेकिन उसके जवाब के तौर पर भारत ने की हुई यह उपाययोजना चीन को बहुत ज़ोर से चुभी हुई दिखाई देती है|

लेकिन ‘अरुणाचल प्रदेश यह भारत का अविभाज्य भूभाग होकर, इस संदर्भ में किसी भी प्रकार का वाद संभव नहीं है’ ऐस्सी फ़टकार भारत ने चीन को कई बार लगायी थी| इस संदर्भ में भारत की दृढ़ भूमिका के कारण हालाँकि चीन ने ज़रासा नरमी का रवैया अपनाया दिखायी दे रहा है, मग़र फिर भी हर बार अरुणाचल प्रदेश का मुद्दा उपस्थित करके चीन भारत को इस बात को लेकर चेतावनी देने का एक भी मौक़ा नहीं गँवाता| लेकिन फिलहाल उसपर अधिक ध्यान न देकर, इस मसले को महत्त्व न देने की नीति भारत ने अपनायी है|

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