अंतरराष्ट्रीय स्तर की चुनौतियों से भरी स्थिति के बावजूद भारत ने अन्य देशों से १.६ ट्रिलियन डॉलर्स का व्यापार किया – ‘जीटीआरआई’ की रपट

नई दिल्ली – पूरा विश्व आर्थिक मंदी के साए में होते हुए, वर्ष २०२३ के मार्च महीने में खत्म हुए वित्तीय वर्ष में भारत ने अन्य देशों के साथ १.६ ट्रिलियन डॉलर्स का व्यापार किया है। ‘ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव’ (जीटीआरआई) ने यह अनुमान व्यक्त किया है। भारत की जीडीपी के तुलना में अन्य देशों से हुए कुल व्यापार की मात्रा ४८ प्रतिशत होने के मुद्दे पर ‘जीटीआरआई’ ने ध्यान आकर्षित किया है। यह बड़ी सकारात्मक बात होने की बात कहकर इस वजह से वैश्विक व्यापार में भारत का बढ़ रहा हिस्सा देश की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा सहायक होगा, ऐसा ‘जीटीआरआई’ ने कहा है।

दो दिन पहले व्यापार मंत्री पियूष गोयल ने साल २०२२-२३ के वित्तीय वर्ष में देश की निर्यात कुल ७५० अरब डॉलर्स से भी अधिक होगी, यह घोषित किया था। ताज़े आंकड़ों के अनुसार यह निर्यात कुल ७५५ अरब डॉलर्स होने की बात स्पष्ट हुई है। ऐसे में अगले सात सालों में वर्ष २०३० में अपनी निर्यात दो ट्रिलियन बढ़ाकर डॉलर्स करने का ध्येय भारत ने सामने रखा है। इस पृष्ठभूमि पर ‘जीटीआरआई’ ने मार्चओ २०२३ में खत्म हुए वित्तीय वर्ष में भारत का अन्य देशों से शुरू व्यापार १.६ ट्रिलियन डॉलर्स होने का ऐलान किया।

भारतीय अर्थव्यवस्था मार्च २०२३ तक बढ़कर ३.४ ट्रिलियन डॉलर्स तक पहुंची थी। इस वजह से भारत ने अन्य देशों से किया १.६ ट्रिलियन डॉलर्स का व्यापार जीडीपी के ४८ प्रतिशत होने की बात सामेन आ रही हैं। जीडीपी की तुलना में बढ़ रहा यह व्यापार देश की अर्थव्यवस्था के लिए काफी सहायक बात समझी जाती है। देश की अर्थव्यवस्था वैश्विक व्यापार से अधिक अच्छी तरह से जुड़ी जा रही हैं, यही इसका मतलब होता हैं, यह कहकर ‘जीटीआरआई’ की रपट में इसपर संतोष व्यक्त किया गया है।

अन्य देशों के साथ भारत के हुए व्यापार में सेवा क्षेत्र ने अच्छा प्रदर्शन किया है। साथ ही अमरीका, यूएई, नेदरलैण्ड, चीन बांगलादेश, सिंगापूर, ब्रिटेन और जर्मनी इन देशों को भारत से अधिक मात्रा में निर्यात होती है, ऐसा ‘जीटीआरआई’ ने कहा हैं। साथ ही भारत में यातायात की सुविधाओं पर ध्यान केंद्रीत किया गया हैं और बंदरगाह के विकास की वजह से व्यापार अधिक आसान होने का दावा भी ‘जीटीआरआई’ ने किया है। इसका लाभ भारत के अन्य देशों से शुरू व्यापार को हो रहा हैं, यह कहकर इस मोर्चे पर देश ने किए प्रगति का ‘जीटीआरआई’ ने संज्ञान लिया।

मुख्य तौर पर कोरोना के दौर और बाद में शुरू हुए यूक्रेन युद्ध की चुनौतियों की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थिति काफी चुनौतियों से भरी हो के बावजूद भारत को अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ाने में प्राप्त हुई सफलता ध्यान आकर्षित करती है। इसमें भी भारत की निर्यात में हुई बढ़ोतरी आश्वासक हैं और आनेवाले दिनों में भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक मज़बूत प्रदर्शन करेगी, ऐसे संकेत दे रही हैं, ऐसा आर्थिक विशेषज्ञों का कहना हैं। ‘जीटीआरआई’ की रपट इसकी पुष्टि करती दिख रही हैं।

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