आर्टिफिशल इंटेलिजेन्स के साथ ही ‘एआई’ का मतलब भारत-अमरीका’ भी होता हैं – अमरिकी संसद को प्रधानमंत्री मोदी का संदेश

वॉशिंग्टन – ‘एआई’ का मतलब ‘आर्टिफिशल इंटेलिजेन्स’ यह होता है। साथ ही ‘एआई’ की ओर अमरीका और इंडिया के तौर भी देखा जा रहा है, यह कहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरिकी संसद को नया संदेश दिया। अमरिकी संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री ने यह अहसास दिलाया कि, भारत जनतंत्र की जननी हैं। भारत के जनतंत्र के साथ ही प्राचीन विरासत प्राप्त होने वाला युवाओं के देश के तौर पर भारत की पहचान इस दौरान प्रधानमंत्री ने अमरिकी संसद को करायी। अमरीका की तरह भारत यह अपनी विविधता का अभिमान रखने वाला देश है और विविधता भारत की जीवन पद्धती का हिस्सा होने का बयान प्रधानमंत्री ने किया।

प्रधानमंत्री मोदी का अमरीका की संसद में बड़ा जोरदार स्वागत हुआ। अमरिकी जनप्रतिनिधि प्रधानमंत्री से मुलाकात करने के लिए बड़े उत्सुक हुए थे। कुछ जनप्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री मोदी का हस्ताक्षर लिया, वहीं कुछ ने उनके साथ सेफ्लीज्‌ भी खींची। इस तरह से प्रधानमंत्री का अमरिकी संसद में अपूर्व स्वागत हुआ, यह घटना पूरे विश्व को चौकाने वाली थी। लेकिन, हमारा हुआ यह स्वागत और सम्मान यानी हर एक भारतीय का सम्मान होने का दावा प्रधानमंत्री ने किया। इसके साथ ही अमरीका में स्थित भारतीय समुदाय ने इस देश की प्रगति के लिए दिए योगदान की प्रधानमंत्री ने पूरे दिल से सराहना की। अमरिकी संसद में ‘समोसा कॉकस’ होने का बयान करके वहां पर भारतीय वंश के जनप्रतिनिधियों के कार्य का भी प्रधानमंत्री ने संज्ञान लिया। अमरीका की उप-राष्ट्राध्यक्षा कमला हैरिस भारतीय वंश की है, इसपर भी प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

जनतंत्र एवं विविधता और सर्वसमावेशकता भारत और अमरीका को जोड़नेवाले मुद्दे हैं। जनतंत्र का उद्गम भारत में हुआ और भारत जनतंत्र की जननी हैं, इसका अहसास प्रधानमंत्री ने इस दौरान कराया। इसी वजह से भारत के नसों में जनतंत्र हैं, वह भारत की जीवनपद्धती का हिस्सा हैं, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। इसी वजह से ढ़ाई हज़ार से अधिक सियासी दल होने वाला एवं विभिन्न राज्यों में बीस राजनीतिक सरकार होने के बावजूद भी भारत एक ही स्वर में बोलता हैं, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

भारत वसुंधरा की ओर माता के तौर पर देखता हैं और कोई भी पर्यावरण की सुरक्षा की अहमियत भारत को समझाने की ज़रूरत नहीं हैं। कार्बन उत्सर्जन की मर्यादा समय से पहले पुरी करने वाला ‘जी २०’ का भारत एक मात्र देश हैं इसपर भी प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

यूक्रेन युद्ध में भारत ने शांति के पक्ष में खड़ा रहने का निर्णय किया हैं। यह समय युद्ध का नहीं, बल्कि संवाद एवं राजनीतिक बातचीत का है, ऐसा हमने सार्वजनिक तौर पर कहा था, इसकी याद प्रधानमंत्री ने दिलायी। इसके साथ ही भारत के आर्थिक प्रदर्शन की ओर अमरिकी संसद का ध्यान प्रधानमंत्री ने आकर्षित किया। पुरी दुनिया में हो रहे डिजिटल कारोबार में ४० प्रतिशत कारोबार अकेले भारत में होते हैं। इससे कारोबार में आवश्यक समय और पैसों की बचत हो रही हैं, यह कहकर प्रधानमंत्री ने इस डिजिटल क्रांति की जानकारी अमरिकी संसद से साझा की।

Leave a Reply

Your email address will not be published.