इराक और अफ़गानिस्तान के बाद अमरीका सोमालिया से भी अपनी सेना हटाएगी

वॉशिंग्टन/मोगादिशु – इराक और अफ़गानिस्तान के बाद अमरीका ने सोमालिया में तैनात अपनी लष्करी तैनाती कम करने का निर्णय किया हैं। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने रक्षा विभाग को इससे संबंधित आदेश जारी किए हैं, ऐसी जानकारी संबंधित अफसर ने साझा की। मौजूदा स्थिति में सोमालिया में करीबन ७०० अमरिकी सैनिक तैनात हैं और इनमें से अधिकांश सैनिकों को वापिस बुलाया जाएगा या अफ्रिका के अन्य इलाकों में तैनात किया जाएगा, ऐसा कहा गया हैं। ट्रम्प के आदेश पर अमरीका के सियासी एवं लष्करी दायरे में नाराज़गी व्यक्त की जा रही हैं। एक वरिष्ठ सांसद ने सोमालिया में तैनात सेना की वापसी यानी अल कायदा के सामने शरणागत होना और यह चीन को दिया गया उपहार होगा, ऐसी आलोचना की हैं।

iraq-afghan-us-somaliaशुक्रवार के दिन अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमालिया में तैनात अधिकांश सैनिक १५ जनवरी २०२१ तक वापिस बुलाने के आदेश जारी किए हैं। ‘कुछ सैनिक पूर्व अफ्रिका के अलावा अन्य अफ्रिकी देशों में तैनात किए जाएंगे। अमरीका के लिए खतरा होनेवाले अफ्रिकी क्षेत्र में मौजूद आतंकी एवं कट्टरतावादी संगठनों के खिलाफ हो रही लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। जागतिक स्तर पर सत्ता की होड़ में अमरीका का सामरिक वर्चस्व बरकरार रखने का ध्यान भी रखा गया हैं’, इन शब्दों में अमरिकी रक्षा विभाग ने सोमालिया से सेना की वापसी को लेकर अपनी भूमिका स्पष्ट की।

राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने वर्ष २०१६ में हुए चुनाव से पहले विदेशों में तैनाती अमरिकी सैनिकों को बड़ी संख्या में वापिस स्वदेश लाया जाएगा, यह वादा किया था। इसके बाद वर्ष २०१८ में अमरीका के रक्षामंत्री रहें जेम्स मैटिस ने चीन और रशिया से अमरीका की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, यह मुद्दा सामने रखकर अफ्रिका में तैनात सेना कम करने के संकेत दिए थे। इसके बाद बीते दो वर्षों में अमरीका ने अपने सैनिकों को वापिस बुलाना शुरू किया हैं और अबतक सीरिया, इराक, अफ़गानिस्तान, फिलिपाईन्स एवं जर्मनी में तैनात अमरिकी संख्या कम करने के आदेश दिए गए थे। इनमें से सीरिया, इराक और अफ़गानिस्तान से अमरिकी सैनिक वापस लौट आए हैं ऐसा कहा जा रहा हैं।

iraq-afghan-us-somaliaअफ्रिका में लीबिया, सोमालिया, जिबौती, ट्युनिशिया, दक्षिण अफ्रिका, नाइजीरिया, नायजर, डीआर कांगो, केनिया, कैमरून, माली में अमरीका के लष्करी ठिकाने मौजूद हैं। इन देशों के अड्डों पर अमरीका के सात हज़ार से भी अधिक सैनिक तैनात हैं। जिबौती में अमरीका ने इस महाद्विप का अपना सबसे बड़ा रक्षा अड्डा स्थापित किया हैं। बीते वर्ष अमरीका ने पूर्व अफ्रिका के नायजर में ‘एअरबेस २०१’ नाम से नया हवाई अड्डा कार्यरत किया था। इस अड्डे पर ६०० सैनिकों की तैनाती होगी, ऐसा कहा गया था।

iraq-afghan-us-somaliaइसी बीच, बीते कुछ वर्षों में चीन, रशिया और तुर्की ने अफ्रिका में अपना प्रभाव बढ़ाने की गतिविधियां शुरू की हैं, यह भी अब सामने आया हैं। चीन ने विदेश में बना अपना पहला लष्करी अड्डा जिबौती में कार्यरत किया हैं और अन्य तीन अफ्रिकी देशों में लष्करी अड्डे स्थापीत करने की गतिविधियां भी शुरू की हैं। रशिया ने सुदान, दक्षिण अफ्रिका, अल्जिरिया, रवांडा, नाइजीरिया एवं सेंट्रल अफ्रिकन रिपब्लिक जैसें देशों के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाया हैं। अब अगले कुछ महीनों में सुदान रशिया की नौसेना का अड्डा सक्रिय होगा, यह बात भी सामने आयी हैं। तभी, तुर्की ने सोमालिया में बड़ी मात्रा में दखलअंदाज़ी शुरू की हैं, यह जानकारी भी माध्यमों से सामने आयी हैं।

इस पृष्ठभूमि पर, अमरीका ने सोमालिया जैसें सामरिक नज़रिये से बड़े अहम देश से सेना की वापसी करने की तैयारी शुरू करना ध्यान आकर्षित करता हैं।

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